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सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार, सालभर में आठ हजार लोगों ने गंवाई जान - मध्य प्रदेश सरकार

मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी बढ़ रहीं सड़क दुर्घटनाएं. इन हादसों का कारण है तेज रफ्तार .

High speed is the biggest reason for road accidents
सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार
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Published : Jan 28, 2020, 4:37 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 4:53 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में सड़क हादसे थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. आलम ये है कि पिछले एक साल में प्रदेश भर में करीब 50 हजार से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं. जिनमें 10 हजार से ज्यादा लोग काल के गाल में समा गए हैं. चौंकाने वाली बात तो ये है कि इन हादसों की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार है. तेज रफ्तार के चलते ही आठ हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जाने गंवाई है. जबकि ड्रिंक एंड ड्राइव से महज दो फीसदी ही दुर्घटनाएं हुई हैं.

सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार


मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है. पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 से कम दुर्घटना, साल 2019 में हुई हैं, लेकिन इन हादसों में मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की कुल संख्या 10 हजार 706 है. जिनमें सबसे ज्यादा मौत तेज रफ्तार वाहन चलाने की वजह से हुई है. वहीं रॉन्ग साइड की वजह से सात प्रतिशत और ड्रिंक एंड ड्राइव के केसे में दो फीसदी वाहन चालकों की मौत हुई है.


सबसे ज्यादा मौतें ओवर स्पीडिंग की वजह से-

  • ओवर स्पीड: कुल हादसे- 7,851, मौतें- 8635 और गम्भीर घायल- 4,815
  • ड्रिंक एंड ड्राइव: हादसे 157 मौतें, 145 और गंभीर घायल 99.
  • रॉन्ग साइड ड्राइव: हादसे 556, मौतें 617 और गंभीर घायल 484.
  • रेड सिग्नल जंप करना: हादसे- 5, मौतें 8 और गंभीर घायल 10.
  • गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात: हादसे 63, मौतें 61 और गंभीर घायल 64.

साल दर साल बढ़ीं मौतें-

  • साल 2016: सड़क हादसों में हुईं 9646 मौतें.
  • साल 2017: सड़क दुर्घटनाओं में हुई 10177 मौतें.
  • साल 2018: सड़क हादसों में 10706 लोगों ने गंवाई जान.
  • साल 2019 सितंबर तक- सड़क हादसों में 8235 लोगों की गई जान.

हर साल मध्य प्रदेश पुलिस सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाती है. इस दौरान कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. इतना ही नहीं वाहन चालकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए शॉर्ट फिल्में भी दिखाई जाती हैं. तो फूल देकर गांधीगिरी से भी समझाइश दी जाती है. इसके बावजूद भी वाहन चालक यातायात के नियमों का गंभीरता से पालन नहीं करते हैं. जिसके परिणाम स्वरूप सड़क हादसे होते हैं और कई लोग इन हादसों का शिकार हो जाते हैं.

भोपाल। मध्य प्रदेश में सड़क हादसे थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. आलम ये है कि पिछले एक साल में प्रदेश भर में करीब 50 हजार से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं. जिनमें 10 हजार से ज्यादा लोग काल के गाल में समा गए हैं. चौंकाने वाली बात तो ये है कि इन हादसों की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार है. तेज रफ्तार के चलते ही आठ हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जाने गंवाई है. जबकि ड्रिंक एंड ड्राइव से महज दो फीसदी ही दुर्घटनाएं हुई हैं.

सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार


मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है. पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 से कम दुर्घटना, साल 2019 में हुई हैं, लेकिन इन हादसों में मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की कुल संख्या 10 हजार 706 है. जिनमें सबसे ज्यादा मौत तेज रफ्तार वाहन चलाने की वजह से हुई है. वहीं रॉन्ग साइड की वजह से सात प्रतिशत और ड्रिंक एंड ड्राइव के केसे में दो फीसदी वाहन चालकों की मौत हुई है.


सबसे ज्यादा मौतें ओवर स्पीडिंग की वजह से-

  • ओवर स्पीड: कुल हादसे- 7,851, मौतें- 8635 और गम्भीर घायल- 4,815
  • ड्रिंक एंड ड्राइव: हादसे 157 मौतें, 145 और गंभीर घायल 99.
  • रॉन्ग साइड ड्राइव: हादसे 556, मौतें 617 और गंभीर घायल 484.
  • रेड सिग्नल जंप करना: हादसे- 5, मौतें 8 और गंभीर घायल 10.
  • गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात: हादसे 63, मौतें 61 और गंभीर घायल 64.

साल दर साल बढ़ीं मौतें-

  • साल 2016: सड़क हादसों में हुईं 9646 मौतें.
  • साल 2017: सड़क दुर्घटनाओं में हुई 10177 मौतें.
  • साल 2018: सड़क हादसों में 10706 लोगों ने गंवाई जान.
  • साल 2019 सितंबर तक- सड़क हादसों में 8235 लोगों की गई जान.

हर साल मध्य प्रदेश पुलिस सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाती है. इस दौरान कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. इतना ही नहीं वाहन चालकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए शॉर्ट फिल्में भी दिखाई जाती हैं. तो फूल देकर गांधीगिरी से भी समझाइश दी जाती है. इसके बावजूद भी वाहन चालक यातायात के नियमों का गंभीरता से पालन नहीं करते हैं. जिसके परिणाम स्वरूप सड़क हादसे होते हैं और कई लोग इन हादसों का शिकार हो जाते हैं.

Intro:भोपाल- मध्य प्रदेश में सड़क हादसे थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। आलम यह है कि पिछले 1 साल में प्रदेश भर में करीब 50 हज़ार से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं। जिनमें 10 हज़ार से ज्यादा लोग काल के गाल में समा गए हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इन हादसों की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार है। तेज रफ्तार के चलते ही 8 हज़ार से ज्यादा लोगों ने अपनी जाने गंवाई है। जबकि ड्रंक एंड ड्राइव से महज 2 फीसदी ही दुर्घटनाएं हुई है।


Body:मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 से कम दुर्घटना है साल 2019 में हुई है। लेकिन इन हादसों में मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की कुल संख्या 10 हज़ार 706 है। जिनमें सबसे ज्यादा मौत तेज रफ्तार वाहन चलाने की वजह से हुई है। वही रॉन्ग साइड की वजह से 7 प्रतिशत और ड्रंक एंड ड्राइव के केसेस में 2 फ़ीसदी वाहन चालकों की मौत हुई है।

सबसे ज्यादा मोटे हैं ओवर स्पीडिंग की वजह से---

* ओवर स्पीड- कुल हादसे 7,851, मौतें 8635 और गम्भीर घायल 4815।

* ड्रंक एंड ड्राइव- हादसे 157 मौतें, 145 और गंभीर घायल 99।

* रॉन्ग साइड ड्राइव- हादसे 556 मौतें 617 गंभीर घायल 484।

* रेड सिग्नल जंप करना- हादसे 5 होते 8 और गंभीर घायल 10।

* गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात- हादसे 63 मौतें 61 और गंभीर घायल 64।

साल दर साल बढ़ी मौतें----

* साल 2016- सड़क हादसों में हुई 9646 मौतें।

* साल 2017- सड़क दुर्घटनाओं में हुई 10177 मौतें।

* साल 2018- सड़क हादसों में 10706 लोगों ने गंवाई जाने।

* साल 2019 सितंबर तक- सड़क हादसों में 8235 लोगों की गई जान।


Conclusion:हर साल मध्य प्रदेश पुलिस सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाती है। इस दौरान कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इतना ही नहीं वाहन चालकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए शार्ट फिल्में भी दिखाई जाती हैं। तो फूल देकर गांधीगिरी से भी समझाइश दी जाती है। इसके बावजूद भी वाहन चालक यातायात के नियमों का गंभीरता से पालन नहीं करते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप सड़क हादसे होते हैं और कई लोग इन हादसों का शिकार हो जाते हैं।

बाइट- महान भारत सागर, स्पेशल डीजी, पीटीआरआई।
Last Updated : Jan 28, 2020, 4:53 PM IST
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