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जनता को 'कोरोना' के हवाले छोड़कर, राहुल सिंह की नैया पार लगाने पहुंचे प्रभुराम

प्रदेश की जनता के स्वस्थ के जिम्मेदार मंत्री, यानी स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को जनता की सुध नहीं है. मंत्री प्रभुराम चौधरी जनता को कोरोना के हवाले छोड़ दमोह में राहुल लोधी को जिताने में जी जान से लगे हैं.

जनता को 'कोरोना' के हवाले छोड़कर
जनता को 'कोरोना' के हवाले छोड़कर
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Published : Apr 11, 2021, 9:57 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में मौजूद समय मे कोरोना का कहर जारी है. पूरे प्रदेश में लोग कोरोना संक्रमण का दर्द झेल रहे हैं. बड़ी संख्या में कोरोना से लोगों की मौते हो रही है. लेकिन प्रदेश की जनता के स्वस्थ के जिम्मेदार मंत्री, यानी स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को जनता की सुध नहीं है. मंत्री प्रभुराम चौधरी जनता को कोरोना के हवाले छोड़ दमोह में राहुल लोधी को जिताने में जी जान से लगे हैं.

जनता को कोरोना के हवाले कर दमोह में स्वास्थ्य मंत्री

वैसे तो स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी होती है कि प्रदेश में जनता के स्वास्थ्य के देखभाल करना. लेकिन इस मुश्किल दौर में मंत्री प्रभुराम चौधरी, दमोह उपचुनाव में राहुल की नैया पार लगाने में जुटे है. उन्हें जनता के स्वस्थ के कोई लेना देना नहीं है और फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर लेकिन मंत्री की उपस्थिति बनी हुई है. वे चुनाव प्रचार में दिन रात मेहनत कर रहे हैं, जबकि इस समय उन्हें जनता की सेवा के लिए जनता के बीच होना चाहिए.

पेशे से डॉक्टर है स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी

आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश के हेल्थ मिनिस्टर खुद डॉक्टर है और एक डॉक्टर की जिम्मेदारी होती है वो मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध करा सके. लेकिन ये मंत्री डॉक्टर के साथ साथ राजनेता भी है और राजनीति करना ही शायद उनका फर्ज है, यही वजह है कि अपने डॉक्टरी के पेशे को धत बताकर, सिर्फ राजनैतिक पेशे को पूरी शिद्दत से निभा रहे हैं.

पिछले कोरोना काल मे स्वाथ्य मंत्री बेंगलोर में थे और अभी के दमोह में

मध्यप्रदेश में कोरोना ने पिछले साल 2020 में 20 मार्च में कोरोना की दस्तक हुई थी और उस दौरान के तत्कालीन स्वाथ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट, सरकार गिरने के दौरान बेंगलोर में थे और प्रदेश की जनता कोरोना के संक्रमण में जकड़ी जा रही थी, लेकिन मंत्री अपने निजी राजनैतिक भविष्य के लिए प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता के भविष्य को दांव पर लगाकर बेंगलोर के 5 सितारा होटल में आराम फरमा रहे थे और अभी के स्वास्थ्य मंत्री भी प्रभुराम चौधरी भी अपनी निजी स्वार्थ के चलते जनता के बीच ना होकर, दमोह उपचुनाव के प्रचार में लगे हैं.

सिर्फ नाम के मंत्री है प्रभुराम चौधरी

जबसे स्वास्थ्य प्रभुराम मंत्री बने उसके बाद उपचुनाव जीतने में लगे रहे और यही वो दौर था जब शहडोल में बड़ी संख्या में बच्चों की मौते हुए थी. लेकिन मंत्री जी भोपाल में ही डेरा जमाए रहे। और करीब एक हफ्ते बाद मंत्री जी रश्म अदायगी के लिए शहडोल पहुंचे थे.

भोपाल। मध्यप्रदेश में मौजूद समय मे कोरोना का कहर जारी है. पूरे प्रदेश में लोग कोरोना संक्रमण का दर्द झेल रहे हैं. बड़ी संख्या में कोरोना से लोगों की मौते हो रही है. लेकिन प्रदेश की जनता के स्वस्थ के जिम्मेदार मंत्री, यानी स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को जनता की सुध नहीं है. मंत्री प्रभुराम चौधरी जनता को कोरोना के हवाले छोड़ दमोह में राहुल लोधी को जिताने में जी जान से लगे हैं.

जनता को कोरोना के हवाले कर दमोह में स्वास्थ्य मंत्री

वैसे तो स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी होती है कि प्रदेश में जनता के स्वास्थ्य के देखभाल करना. लेकिन इस मुश्किल दौर में मंत्री प्रभुराम चौधरी, दमोह उपचुनाव में राहुल की नैया पार लगाने में जुटे है. उन्हें जनता के स्वस्थ के कोई लेना देना नहीं है और फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर लेकिन मंत्री की उपस्थिति बनी हुई है. वे चुनाव प्रचार में दिन रात मेहनत कर रहे हैं, जबकि इस समय उन्हें जनता की सेवा के लिए जनता के बीच होना चाहिए.

पेशे से डॉक्टर है स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी

आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश के हेल्थ मिनिस्टर खुद डॉक्टर है और एक डॉक्टर की जिम्मेदारी होती है वो मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध करा सके. लेकिन ये मंत्री डॉक्टर के साथ साथ राजनेता भी है और राजनीति करना ही शायद उनका फर्ज है, यही वजह है कि अपने डॉक्टरी के पेशे को धत बताकर, सिर्फ राजनैतिक पेशे को पूरी शिद्दत से निभा रहे हैं.

पिछले कोरोना काल मे स्वाथ्य मंत्री बेंगलोर में थे और अभी के दमोह में

मध्यप्रदेश में कोरोना ने पिछले साल 2020 में 20 मार्च में कोरोना की दस्तक हुई थी और उस दौरान के तत्कालीन स्वाथ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट, सरकार गिरने के दौरान बेंगलोर में थे और प्रदेश की जनता कोरोना के संक्रमण में जकड़ी जा रही थी, लेकिन मंत्री अपने निजी राजनैतिक भविष्य के लिए प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता के भविष्य को दांव पर लगाकर बेंगलोर के 5 सितारा होटल में आराम फरमा रहे थे और अभी के स्वास्थ्य मंत्री भी प्रभुराम चौधरी भी अपनी निजी स्वार्थ के चलते जनता के बीच ना होकर, दमोह उपचुनाव के प्रचार में लगे हैं.

सिर्फ नाम के मंत्री है प्रभुराम चौधरी

जबसे स्वास्थ्य प्रभुराम मंत्री बने उसके बाद उपचुनाव जीतने में लगे रहे और यही वो दौर था जब शहडोल में बड़ी संख्या में बच्चों की मौते हुए थी. लेकिन मंत्री जी भोपाल में ही डेरा जमाए रहे। और करीब एक हफ्ते बाद मंत्री जी रश्म अदायगी के लिए शहडोल पहुंचे थे.

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