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रायसेन के जंगल से पकड़ी गई बाघिन की तबीयत बिगड़ी, भोपाल के वन विहार में इलाज शुरू

भोपाल के वनविहार में पहुंचाई गई एक बाघिन की तबीयत बिगड़ गई है. रायसेन के जंगलों से बाघिन का रेस्क्यू किया गया था, रेस्क्यू के दौरान इस भूखी बाघिन को बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया था, लेकिन वह अभी तक अपने आप को वापस रिकवर नहीं कर पाई है.

बाघिन की तबियत बिगड़ी
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Published : Nov 11, 2019, 2:30 PM IST

भोपाल। रायसेन जिले के सिरवारा गांव से पकड़ी गई बाघिन को अब भोपाल स्थित वन विहार में इलाज के लिए भेजा गया है. रेस्क्यू किए जाने के बाद से ही उसकी हालत काफी खराब बताई जा रही है. बाड़ी रेंज के रहवासी क्षेत्र में शुक्रवार को रेस्क्यू कर बाघिन को पकड़कर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में चूरना के जंगलों में भेजने की बजाय अब भोपाल स्थित वन विहार भेजा गया है.

बाघिन की तबियत बिगड़ी

रेस्क्यू किए जाने के बाद पकड़ी गई बाघिन को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व ले जाया गया था, जहां उसे सुबह जंगलों में छोड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन वह अपने पिंजरे से बाहर ही नहीं निकली. डॉक्टरों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तो उसकी स्थिति थोड़ी खराब दिखाई थी, इसे दृष्टिगत रखते हुए अधिकारियों ने तुरंत निर्णय लेते हुए उसे वन विहार भेजा है, जहां डॉक्टरों द्वारा उसका उपचार शुरू कर दिया गया है.

वन विहार के अधिकारी का बयान

ठीक ढंग से नहीं हो पा रही कवर

इस बाघिन को बाड़ी रेंज के रहवासी क्षेत्र से काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया गया था, रेस्क्यू के दौरान इस भूखी बाघिन को बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया था, लेकिन वह अभी तक अपने आप को वापस रिकवर नहीं कर पाई है. यही वजह है कि वह ठीक ढंग से खड़ी भी नहीं हो पा रही है. ऐसी स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए अधिकारियों ने तुरंत निर्णय लेते हुए उसे वन विहार में भेजा है. इस बाघिन को देर रात बन बिहार में डॉक्टरों के सुपुर्द किया गया है, जहां रात में ही उसका उपचार शुरू कर दिया गया है.

वन विहार और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डॉक्टर कर रहे इलाज

रेस्क्यू किए जाने के बाद बाघिन के स्वास्थ्य पर वन विभाग की टीम के द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है. बताया जा रहा है कि रेस्क्यू के दौरान बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया था. इस बेहोशी के इंजेक्शन का एक समय सीमा का डोज होता है, लेकिन इसके बाद भी वह पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाई है. हालांकि भोपाल वन विहार में डॉक्टर अतुल गुप्ता व सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डॉक्टर गुरु दत्त शर्मा के द्वारा इस बाघिन का इलाज किया जा रहा है..

भोपाल। रायसेन जिले के सिरवारा गांव से पकड़ी गई बाघिन को अब भोपाल स्थित वन विहार में इलाज के लिए भेजा गया है. रेस्क्यू किए जाने के बाद से ही उसकी हालत काफी खराब बताई जा रही है. बाड़ी रेंज के रहवासी क्षेत्र में शुक्रवार को रेस्क्यू कर बाघिन को पकड़कर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में चूरना के जंगलों में भेजने की बजाय अब भोपाल स्थित वन विहार भेजा गया है.

बाघिन की तबियत बिगड़ी

रेस्क्यू किए जाने के बाद पकड़ी गई बाघिन को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व ले जाया गया था, जहां उसे सुबह जंगलों में छोड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन वह अपने पिंजरे से बाहर ही नहीं निकली. डॉक्टरों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तो उसकी स्थिति थोड़ी खराब दिखाई थी, इसे दृष्टिगत रखते हुए अधिकारियों ने तुरंत निर्णय लेते हुए उसे वन विहार भेजा है, जहां डॉक्टरों द्वारा उसका उपचार शुरू कर दिया गया है.

वन विहार के अधिकारी का बयान

ठीक ढंग से नहीं हो पा रही कवर

इस बाघिन को बाड़ी रेंज के रहवासी क्षेत्र से काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया गया था, रेस्क्यू के दौरान इस भूखी बाघिन को बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया था, लेकिन वह अभी तक अपने आप को वापस रिकवर नहीं कर पाई है. यही वजह है कि वह ठीक ढंग से खड़ी भी नहीं हो पा रही है. ऐसी स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए अधिकारियों ने तुरंत निर्णय लेते हुए उसे वन विहार में भेजा है. इस बाघिन को देर रात बन बिहार में डॉक्टरों के सुपुर्द किया गया है, जहां रात में ही उसका उपचार शुरू कर दिया गया है.

वन विहार और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डॉक्टर कर रहे इलाज

रेस्क्यू किए जाने के बाद बाघिन के स्वास्थ्य पर वन विभाग की टीम के द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है. बताया जा रहा है कि रेस्क्यू के दौरान बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया था. इस बेहोशी के इंजेक्शन का एक समय सीमा का डोज होता है, लेकिन इसके बाद भी वह पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाई है. हालांकि भोपाल वन विहार में डॉक्टर अतुल गुप्ता व सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डॉक्टर गुरु दत्त शर्मा के द्वारा इस बाघिन का इलाज किया जा रहा है..

Intro:रायसेन के जंगल से पकड़ी गई बाघिन की स्थिति हुई खराब ,वन विहार में शुरू हुआ इलाज


भोपाल | रायसेन जिले के सिरवारा गांव से पकड़ी गई बाघिन को अब भोपाल स्थित वन विहार में इलाज के लिए भेजा गया है . रेस्क्यू किए जाने के बाद से ही उसकी हालत काफी खराब बताई जा रही है . बाड़ी रेंज के रहवासी क्षेत्र में शुक्रवार को रेस्क्यू कर बाघिन को पकड़कर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में चूरना के जंगलों में भेजने की बजाय अब भोपाल स्थित वन विहार भेजा गया है . रेस्क्यू किए जाने के बाद पकड़ी गई बाघिन को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व ले जाया गया था . जहां उसे सुबह जंगलों में छोड़ने का प्रयास किया गया . लेकिन वह अपने पिंजरे से बाहर ही नहीं निकली . डॉक्टरों के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तो उसकी स्थिति थोड़ी खराब दिखाई थी, इसे दृष्टिगत रखते हुए अधिकारियों ने तुरंत निर्णय लेते हुए उसे वन विहार भेजा है . जहां डॉक्टरों के द्वारा उसका उपचार शुरू कर दिया गया है . Body:इस बाघिन को बाड़ी रेंज के रहवासी क्षेत्र से काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया गया था . रेस्क्यू के दौरान इस भूखी बाघिन को बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया था . लेकिन वह अभी तक अपने आप को वापस रिकवर नहीं कर पाई है . यही वजह है कि वह ठीक ढंग से खड़ी भी नहीं हो पा रही है . ऐसी स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए अधिकारियों ने तुरंत निर्णय लेते हुए उसे वन विहार में भेजा है ,इस बाघिन को देर रात बन बिहार में डॉक्टरों के सुपुर्द किया गया है . जहां रात में ही उसका उपचार शुरू कर दिया गया है . Conclusion:रेस्क्यू किए जाने के बाद बाघिन के स्वास्थ्य पर वन विभाग की टीम के द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है . बताया जा रहा है कि रेस्क्यू के दौरान बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया था इस बेहोशी के इंजेक्शन का एक समय सीमा का डोज होता है लेकिन इसके बाद भी वह पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाई है बताया जा रहा है कि भूखी रहने के दौरान उसे बेहोश किया गया है यही वजह है कि वह अपने आप को रिकवर नहीं कर पा रही है या फिर यह भी हो सकता है कि बाघिन पहले से ही बीमार रही हो और ऐसी स्थिति में उसे इंजेक्शन दे दिया गया हो कई बार बाघ -बाघिन को बेहोश करने से पूर्व लगाए जाने वाले इंजेक्शन में आकलन की कमी रह जाती है . इसके कारण इंजेक्शन में दी जाने वाली बेहोशी की दवा की मात्रा कम या अधिक होती है . अधिक मात्रा होने पर भी रिकवर करने में कई बार समय लग जाता है . हालांकि भोपाल वन विहार में डॉक्टर अतुल गुप्ता व सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डॉक्टर गुरु दत्त शर्मा के द्वारा इस बाघिन का इलाज किया जा रहा है .


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