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हथकरघा और हस्तशिल्प विकास विभाग की पहल, ऑनलाइन बिकेंगे ये उत्पाद, मृगनयनी शोरूम भी खुलेंगे

हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास विभाग अब ऑनलाइन प्लेटफार्मों के जरिए 100 से ज्यादा हस्तशिल्प उत्पादों को बेचेगा. इसके अलावा 12 टूरिस्ट स्पॉट्स पर मृगनयनी के शोरूम भी खोले जाएंगे.

Handloom and Handicrafts Development Department
हाथकरघा और हस्तशिल्प विकास विभाग
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Published : Nov 18, 2020, 4:45 PM IST

भोपाल। प्रदेश के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हाथकरघा और हस्तशिल्प विकास विभाग 100 से ज्यादा उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाएगी. इसके अलावा विभाग जल्द ही देश के 12 टूरिस्ट स्पॉट्स पर मृगनयनी के शोरूम खोलने जा रहा है. इसके जरिए प्रदेश के हस्तशिल्पियों और कारीगरों को अपने उत्पाद बेचने का मौका मिलेगा.

ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर बिकेंगे देसी उत्पाद

मृगनयनी के शोरूम भी खोले जाएंगे

आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत प्रदेश के उत्पादों की गुणवत्ता में बढ़ोतरी लाने और इन्हें मार्केट में उपलब्ध कराने के लिए हाथकरघा और हस्तशिल्प विकास विभाग ने कोशिशें शुरू कर दी हैं. MSME(Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises) विभाग ने इसके लिए हाथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास, ग्रामोद्योग के उत्पादों को मार्केट उपलब्ध कराने के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए हैं.

ये भी पढ़ें- भोपाल, इंदौर एयरपोर्ट और लंदन में भी खुलेगा मृगनयनी एंपोरियम, खादी को बढ़ावा देना मकसद

मृगनयनी एंपोरियम के कबीरा और विंध्या वैली के कई प्रोडक्ट पहले से मार्केट में है. अब इनके उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बड़ी संख्या में लाने की तैयारी की जा रही है. मृगनयनी के कुछ प्रोडक्ट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराए जा रहे थे. लेकिन अब ऐसे प्रोडक्ट की संख्या बढ़ाकर 100 तक की जा रही है.

हाथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास संचालनालय के संचालक राजीव शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट लाने के अलावा मृगनयनी के 12 शोरूम भी खोले जा रहे हैं. यह शोरूम कन्याकुमारी, आगरा, महाबलीपुरम, नागपुर, बनारस, प्रयागराज (इलाहाबाद), भुवनेश्वर, जम्मू कश्मीर, लखनऊ, शिलांग, शिमला, गुवाहाटी आदि में खोले जाएंगे.

ये भी पढ़ें- MP हैंडलूम ने बनाई इम्युनिटी बूस्टर साड़ी, विशेष प्रकार के मसालों से होती है तैयार

उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने दी जाएगी ट्रेनिंग

प्रदेश के हस्तशिल्प उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जल्द ही कारीगरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. हाथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास संचालनालय के संचालक राजीव शर्मा ने बताया कि विभाग की कोशिश है कि उत्पादों की गुणवत्ता इस तरह की हो जो मार्केट के दूसरे उत्पादों से प्रतिस्पर्धा कर सकें. मृगनयनी उत्पादों की गुणवत्ता को मानकीकरणल (Standardize) करने के लिए शिल्प चिह्न दिया जाएगा. यह शिल्प चिन्ह ऐसे कारीगरों को दिया जाएगा जिनका कारोबार चार लाख से ज्यादा होगा.

प्रदेश में करीब 60 हजार कारीगर हथकरघा से जुड़े

मध्यप्रदेश में हथकरघा से करीब 61000 लोग जुड़े हुए हैं. हाथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास संचालनालय के संचालक राजीव शर्मा के मुताबिक प्रदेश में अलग-अलग 23106 हथकरघे स्थापित हैं. इनमें से 15 हजार करघे संचालित करघों में 45000 पुरुष और 16344 महिलाएं जुड़ी हैं. मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कार्यशील करघे चंदेरी में हैं, जो कि 3572 हैं. इनमें करीब 44000 लोग जुड़े हुए हैं. इसके अलावा महेश्वर में 1678, सीधी में 3000 करघे कार्यशील हैं.

भोपाल। प्रदेश के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हाथकरघा और हस्तशिल्प विकास विभाग 100 से ज्यादा उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाएगी. इसके अलावा विभाग जल्द ही देश के 12 टूरिस्ट स्पॉट्स पर मृगनयनी के शोरूम खोलने जा रहा है. इसके जरिए प्रदेश के हस्तशिल्पियों और कारीगरों को अपने उत्पाद बेचने का मौका मिलेगा.

ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर बिकेंगे देसी उत्पाद

मृगनयनी के शोरूम भी खोले जाएंगे

आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत प्रदेश के उत्पादों की गुणवत्ता में बढ़ोतरी लाने और इन्हें मार्केट में उपलब्ध कराने के लिए हाथकरघा और हस्तशिल्प विकास विभाग ने कोशिशें शुरू कर दी हैं. MSME(Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises) विभाग ने इसके लिए हाथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास, ग्रामोद्योग के उत्पादों को मार्केट उपलब्ध कराने के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए हैं.

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मृगनयनी एंपोरियम के कबीरा और विंध्या वैली के कई प्रोडक्ट पहले से मार्केट में है. अब इनके उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बड़ी संख्या में लाने की तैयारी की जा रही है. मृगनयनी के कुछ प्रोडक्ट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराए जा रहे थे. लेकिन अब ऐसे प्रोडक्ट की संख्या बढ़ाकर 100 तक की जा रही है.

हाथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास संचालनालय के संचालक राजीव शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट लाने के अलावा मृगनयनी के 12 शोरूम भी खोले जा रहे हैं. यह शोरूम कन्याकुमारी, आगरा, महाबलीपुरम, नागपुर, बनारस, प्रयागराज (इलाहाबाद), भुवनेश्वर, जम्मू कश्मीर, लखनऊ, शिलांग, शिमला, गुवाहाटी आदि में खोले जाएंगे.

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उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने दी जाएगी ट्रेनिंग

प्रदेश के हस्तशिल्प उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जल्द ही कारीगरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. हाथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास संचालनालय के संचालक राजीव शर्मा ने बताया कि विभाग की कोशिश है कि उत्पादों की गुणवत्ता इस तरह की हो जो मार्केट के दूसरे उत्पादों से प्रतिस्पर्धा कर सकें. मृगनयनी उत्पादों की गुणवत्ता को मानकीकरणल (Standardize) करने के लिए शिल्प चिह्न दिया जाएगा. यह शिल्प चिन्ह ऐसे कारीगरों को दिया जाएगा जिनका कारोबार चार लाख से ज्यादा होगा.

प्रदेश में करीब 60 हजार कारीगर हथकरघा से जुड़े

मध्यप्रदेश में हथकरघा से करीब 61000 लोग जुड़े हुए हैं. हाथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास संचालनालय के संचालक राजीव शर्मा के मुताबिक प्रदेश में अलग-अलग 23106 हथकरघे स्थापित हैं. इनमें से 15 हजार करघे संचालित करघों में 45000 पुरुष और 16344 महिलाएं जुड़ी हैं. मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कार्यशील करघे चंदेरी में हैं, जो कि 3572 हैं. इनमें करीब 44000 लोग जुड़े हुए हैं. इसके अलावा महेश्वर में 1678, सीधी में 3000 करघे कार्यशील हैं.

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