भोपाल। सरकारी महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों का मसला जितना सरकार सुलझाने की कोशिश कर रही है, यह उतना ही उलझता जा रहा है. सरकार ने पहले इस मामले को सुलझाने के लिए तरह-तरह की समितियां गठित की और जब बात नहीं बनी तो यह मामला नवगठित कर्मचारी कल्याण आयोग को सौंप दिया. लेकिन अतिथि विद्वान संगठन अपनी एक ही मांग पर अड़ा हुआ है.
अतिथि विद्वानों का कहना है कि कांग्रेस ने चुनाव के समय नियमितीकरण का वचन दिया था. जिसके बाद कांग्रेस नियमितीकरण का मामला कैबिनेट में लाकर उन्हें नियमित करें. इस मामले में राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग के सदस्य वीरेंद्र खोंगल का कहना है कि अतिथि विद्वानों की मांग जायज है. लगातार लंबी अवधि से आंदोलन और हड़ताल कर रहे हैं, मैं कई अवसरों पर उनके आंदोलनों में गया हूं,
उनके प्रति हमारी सहानुभूति है. राज्य सरकार ने राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग को मसला सौंपा हैं, तो निश्चित तौर पर हम उनके प्रतिनिधियों को बुलाएंगे और आयोग से चर्चा करके सार्थक समाधान निकालेंगे क्योंकि उनकी दिक्कतें क्या है, इसकी अभी पूरी जानकारी नहीं है. अतिथि विद्वान संगठन के सभी साथियों को उनके प्रतिनिधियों को बुलाकर गुण दोष के आधार पर उसका समाधान करेंगे.