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कमलनाथ सरकार ने फिर शुरु की मीसा बंदियों की पेंशन

कमलनाथ सरकार ने मीसा बंदियों को पेंशन देने की शुरुआत फिर से कर दी है. सरकार का कहना है कि मीसाबंदियों की पेशन कभी बंद नहीं की गई, बल्कि उन्हें सत्यापन कराने के आदेश दिए गए थे. जिन जिलों में सत्यापन पूरा हो चुका है वहां पर पेंशन मिलना शुरु हो गई है.

कमलनाथ सरकार ने फिर शुरु की मीसा बंदियों की पेंशन
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Published : Aug 23, 2019, 6:20 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में मीसा बंदियों को एक बार फिर से पेंशन मिलना शुरु हो गई है. कमलनाथ सरकार का कहना है कि सरकार ने कभी मीसा बंदियों की पेशन बंद नहीं की थी. लेकिन पहले अपात्र लोग भी मीसाबंदी बनकर पेंशन लेते थे. जिसके लिए सभी मीसा बंदियों का सत्यापन कराया गया था. जिस-जिस जिले में सत्यापन हो चुका है वहा मीसा बंदियों को फिर से पेंशन मिलनी शुरु हो गई है.

कमलनाथ सरकार ने फिर शुरु की मीसा बंदियों की पेंशन

पेंशन शुरू करने के साथ-साथ जितने समय तक मीसाबंदी पेंशन बंद रही है. उस समय तक का एरियस भी दिया जाएगा. प्रदेश में फिलहाल करीब दो हजार लोगों को मीसाबंदी पेंशन मिलना शुरू हो गई है. अभी जिन जिलों में वेरिफिकेशन की कार्रवाई चल रही है, उन जिलों में वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद ही पेंशन शुरू की जाएगी.

मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि मप्र सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन पर रोक नहीं लगाई थी. सरकार ने आदेश जारी किया था कि मीसा बंदियों का सत्यापन कराया जाय. उन्होंने कहा कि लोग साठ साल तक नौकरी करने के बाद भी पेंशन लेने के लिए जीवित होने का प्रमाण पत्र देता है. इसी लिए मीसा बंदियों के सत्यापन में भी कोई बुराई नहीं होनी चाहिए. बीजेपी इस पर राजनीति कर रही थी कि वेरीफिकेशन क्यों किया जा रहा है. जो आपातकाल के समय बच्चे थे. वह भी मीसा बंदियों की पेंशन ले रहे थे. इन्हीं तरह की शिकायतों पर सरकार ने वेरिफिकेशन कराने का आदेश दिया गया था.

भोपाल। मध्यप्रदेश में मीसा बंदियों को एक बार फिर से पेंशन मिलना शुरु हो गई है. कमलनाथ सरकार का कहना है कि सरकार ने कभी मीसा बंदियों की पेशन बंद नहीं की थी. लेकिन पहले अपात्र लोग भी मीसाबंदी बनकर पेंशन लेते थे. जिसके लिए सभी मीसा बंदियों का सत्यापन कराया गया था. जिस-जिस जिले में सत्यापन हो चुका है वहा मीसा बंदियों को फिर से पेंशन मिलनी शुरु हो गई है.

कमलनाथ सरकार ने फिर शुरु की मीसा बंदियों की पेंशन

पेंशन शुरू करने के साथ-साथ जितने समय तक मीसाबंदी पेंशन बंद रही है. उस समय तक का एरियस भी दिया जाएगा. प्रदेश में फिलहाल करीब दो हजार लोगों को मीसाबंदी पेंशन मिलना शुरू हो गई है. अभी जिन जिलों में वेरिफिकेशन की कार्रवाई चल रही है, उन जिलों में वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद ही पेंशन शुरू की जाएगी.

मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि मप्र सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन पर रोक नहीं लगाई थी. सरकार ने आदेश जारी किया था कि मीसा बंदियों का सत्यापन कराया जाय. उन्होंने कहा कि लोग साठ साल तक नौकरी करने के बाद भी पेंशन लेने के लिए जीवित होने का प्रमाण पत्र देता है. इसी लिए मीसा बंदियों के सत्यापन में भी कोई बुराई नहीं होनी चाहिए. बीजेपी इस पर राजनीति कर रही थी कि वेरीफिकेशन क्यों किया जा रहा है. जो आपातकाल के समय बच्चे थे. वह भी मीसा बंदियों की पेंशन ले रहे थे. इन्हीं तरह की शिकायतों पर सरकार ने वेरिफिकेशन कराने का आदेश दिया गया था.

Intro:भोपाल। मप्र के मीसा बंदियों को एक बार फिर सिर पेंशन मिलना शुरू हो गई है।कमलनाथ सरकार बनते ही मीसा बंदियों की पेंशन पर रोक लगा दी गई थी और सरकार का कहना था कि मीसा बंदियों के वेरिफिकेशन के बाद नए सिरे से पेंशन का वितरण किया जाएगा।जिन- जिन जिलों में मीसाबंदियों का वेरिफिकेशन हो चुका है,उन जिलों में निशा बंदियों की पेंशन शुरू कर दी गई है। इस मामले में मप्र कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने दुर्भावना के चलते रोक नहीं लगाई थी। बल्कि जिस तरह से पेंशनर्स का वेरिफिकेशन होता है।उस तरह से मीसाबंदियों के वेरिफिकेशन के लिए कहा था,क्योंकि कई अपात्र मीसाबंदी की पेंशन ले रहे थे।


Body:मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल प्रदेश के कई जिलों में मीसा बंदियों का वेरिफिकेशन चल रहा है।लेकिन जिन जिलों में मीसा बंदियों का वेरिफिकेशन हो चुका है। उन जिलों में मीसा बंदियों की पेंशन जारी होना शुरू हो गई है। पेंशन शुरू करने के साथ-साथ जितने समय तक मीसाबंदी पेंशन बंद रही है, वह एरियर भी मीसा बंदियों को दिया जा रहा है।प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो प्रदेश में फिलहाल करीब दो हजार लोगों को मीसाबंदी पेंशन मिलना शुरू हो गई है। अभी जिन जिलों में वेरिफिकेशन की कार्रवाई चल रही है।उन जिलों में वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद पेंशन शुरू कर दी जाएगी।


Conclusion:इस मामले में हम मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि मप्र सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन पर रोक नहीं लगाई थी। इस मामले में सरकार ने आदेश जारी किया था कि आप अपना वेरिफिकेशन करवाएं। एक व्यक्ति जो सरकार ने 60 साल तक नौकरी करने के बाद अपने पैसे से मिलने वाली पेंशन प्राप्त करने के लिए भी जीवित होने का प्रमाण पत्र देता है। लेकिन सरकार आपको कोई पेंशन दे रही है और उसमें वेरिफिकेशन किया जाए, तो इसमें बुराई क्या है।भाजपा इस पर राजनीति कर रही थी कि वेरीफिकेशन क्यों किया जा रहा है। दरअसल मीसा बंदियों में ऐसे कई लोग थे, जो आपातकाल के समय बच्चे थे।लेकिन मीसा बंदियों की पेंशन ले रहे थे। इन्हीं तरह की शिकायतों पर सरकार ने वेरिफिकेशन कराने का आदेश दिया था।अब वेरिफिकेशन कराने वाले मीसा बंदियों को टेंशन मिलना शुरू हो गई है और यह वेरिफिकेशन के लिए रोकी गई थी।
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