भोपाल। कोरोना वायरस से बचाव के लिए डब्ल्यूएचओ और केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में हमेशा ही कहा गया है कि मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग से ही कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है. जबसे कोरोना वायरस का संक्रमण फैलना शुरू हुआ है, तब से ही लोगों को मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है. इसके लिए हर जगह अभियान भी चलाया जा रहा है. लेकिन अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मास्क के इस्तेमाल को लेकर एक चेतावनी दी है.
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक राजीव गर्ग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि वॉल्व वाले मास्क वायरस को फैलने से नहीं रोक सकते, इनके इस्तेमाल करने से केवल हवा का बहाव बना रहता है.
लिहाजा इस तरह के मास्क कोरोना संक्रमण को रोकने में असक्षम हैं. वॉल्व वाले मास्क की जगह अच्छे कपड़े से बने मास्क, सर्जिकल मास्क और 3 लेयर मास्क को इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है. कपड़े से बनाए गए मास्क को रोजाना धोकर और साफ करके दोबारा से इस्तेमाल भी किया जा सकता है इसलिए यह ज्यादा सुरक्षित भी है.
विशेषज्ञ आम लोगों को 3 लेयर मास्क और घर में बने मास्क का उपयोग करने की सलाह देते आए हैं. श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ पीएन अग्रवाल का इस बारे में कहना है कि आम लोगों को N-95 मास्क या वॉल्व वाले मास्क लगाने की जरूरत नहीं है.
कोरोना वायरस से बचाव के लिए 3 लेयर मास्क ही काफी है. अगर फेस शील्ड का इस्तेमाल किया जाएगा तो ये संक्रमण से बचने के लिए सबसे अच्छा तरीका है. बता दें कि वॉल्व लगे मास्क महंगे होने के बावजूद भी इसका उपयोग आम लोग धड़ल्ले से कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने इस पर चिंता जाहिर की है. साथ ही लोगों को आगाह भी किया है.