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सरकार बदलने के बाद भी नहीं बदले हालात, धड़ल्ले से चल रहा है अवैध खनन का खेल

मध्यप्रदेश में सरकार बदलने के बाद से अवैध खनन के एक हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं. विभाग के मंत्री प्रदीप जायसवाल को इस पर लगाम लगाने के लिए नई रेत खनन नीति लागू होने का इंतजार है.

धड़ल्ले से चल रहा है अवैध खनन का खेल
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Published : Aug 1, 2019, 8:21 PM IST

भोपाल| मध्यप्रदेश में अवैध खनन पर सत्ता बदलने के बाद भी लगाम नहीं लग पाई है. सूबे की स्थिति ये है कि सरकार बदलने के बाद से अवैध खनन के एक हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं. वहीं आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों पर हमले के मामले भी सामने आ चुके हैं. विभाग के मंत्री प्रदीप जायसवाल को इस पर लगाम लगाने के लिए नई रेत खनन नीति लागू होने का इंतजार है.

धड़ल्ले से चल रहा है अवैध खनन का खेल

अवैध खनन के मामले में मध्यप्रदेश देश में टॉप पर रहा है. पिछले साल केंद्रीय खनन मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि मध्यप्रदेश अवैध खनन के मामले में नंबर दो पर है. आंकड़ों के मुताबिक 2013-14 से लेकर 2017-18 के बीच अवैध खनन के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से आए हैं, वहीं मध्यप्रदेश से 50 हजार मामले सामने आए हैं. लेकिन सिर्फ 516 मामलों की ही एफआईआर दर्ज हुई है. अवैध खनन कारोबारियों द्वारा अधिकारियों पर हमले की करीब आधा दर्जन घटनाएं भी हो चुकी हैं.

जब इसको लेकर खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल से सवाल किया गया तो उनका कहना है कि पिछले कुछ समय में अवैध खनन की घटनाओं में कमी आई है. लेकिन पिछले सालों से अधिकारियों-नेताओं के बीच का जो गठजोड़ चला आ रहा था वो अब भी जारी है. उनके मुताबिक नई रेत खनन नीति आने के बाद अवैध रेत खनन के सभी दरवाजे बंद हो जाएंगे.

भोपाल| मध्यप्रदेश में अवैध खनन पर सत्ता बदलने के बाद भी लगाम नहीं लग पाई है. सूबे की स्थिति ये है कि सरकार बदलने के बाद से अवैध खनन के एक हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं. वहीं आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों पर हमले के मामले भी सामने आ चुके हैं. विभाग के मंत्री प्रदीप जायसवाल को इस पर लगाम लगाने के लिए नई रेत खनन नीति लागू होने का इंतजार है.

धड़ल्ले से चल रहा है अवैध खनन का खेल

अवैध खनन के मामले में मध्यप्रदेश देश में टॉप पर रहा है. पिछले साल केंद्रीय खनन मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि मध्यप्रदेश अवैध खनन के मामले में नंबर दो पर है. आंकड़ों के मुताबिक 2013-14 से लेकर 2017-18 के बीच अवैध खनन के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से आए हैं, वहीं मध्यप्रदेश से 50 हजार मामले सामने आए हैं. लेकिन सिर्फ 516 मामलों की ही एफआईआर दर्ज हुई है. अवैध खनन कारोबारियों द्वारा अधिकारियों पर हमले की करीब आधा दर्जन घटनाएं भी हो चुकी हैं.

जब इसको लेकर खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल से सवाल किया गया तो उनका कहना है कि पिछले कुछ समय में अवैध खनन की घटनाओं में कमी आई है. लेकिन पिछले सालों से अधिकारियों-नेताओं के बीच का जो गठजोड़ चला आ रहा था वो अब भी जारी है. उनके मुताबिक नई रेत खनन नीति आने के बाद अवैध रेत खनन के सभी दरवाजे बंद हो जाएंगे.

Intro:भोपाल. मध्यप्रदेश में अवैध खनन पर सत्ता बदलने के बाद भी लगाम नहीं लग पाई है स्थिति यह है कि सूबे में सत्ता बदलने के बाद से अवैध खनन की 1000 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं वही आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों पर हमले के मामले भी सामने आ चुके हैं उधर विभाग के मंत्री प्रदीप
जायसवाल को इस पर लगाम लगाने के लिए नई रेत खनन नीति लागू होने का इंतजार है. उनका कहना है कि अभी भी नेताओं और जिले के अधिकारियों का संरक्षण अवैध खनन करने वालों को मिल रहा है जिसकी वजह से अब तक अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है.


Body:अवैध खनन के मामले में मध्यप्रदेश देश में टॉप पर रहा है पिछले साल केंद्रीय खनन मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि मध्य प्रदेश अवैध खनन के मामले में नंबर दो पर है आंकड़ों के मुताबिक 2013 14 से लेकर 2017 18 के बीच अवैध खनन की सबसे ज्यादा 144784 मामले महाराष्ट्र में आए हैं वहीं मध्य प्रदेश में 50259 मामले सामने आए हैं लेकिन f.i.r. सिर्फ 516 पर हुई है अवैध खनन को लेकर बीजेपी को घेरती आई कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद भी इसमें कमी नहीं आई है. खनिज विभाग के आंकड़ों को देखा जाए तो जनवरी से जून 2019 के बीच प्रदेश में अवैध खनन के 1015 मामले दर्ज किए गए हैं सबसे ज्यादा अवैध खनन के मामले जबलपुर जिले में सामने आए हैं जबलपुर में 158 अवैध खनन के मामले सामने आ चुके हैं. वही अवैध खनन कारोबारियों द्वारा अधिकारियों पर हमले की करीब आधा दर्जन घटनाएं भी हो चुकी हैं. उधर जब इसको लेकर खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल से सवाल किया गया तो उनका कहना है कि पिछले कुछ समय में अवैध खनन की घटनाओं मैं कमी आई है लेकिन पिछले सालों से अधिकारियों नेताओं के बीच का जो गठजोड़ चला आ रहा था वह अभी जारी है. उनके मुताबिक नई रेत खनन नीति आने के बाद अवैध रेत खनन के सभी दरवाजे बंद हो जाएंगे.


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