भोपाल| मध्यप्रदेश में अवैध खनन पर सत्ता बदलने के बाद भी लगाम नहीं लग पाई है. सूबे की स्थिति ये है कि सरकार बदलने के बाद से अवैध खनन के एक हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं. वहीं आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों पर हमले के मामले भी सामने आ चुके हैं. विभाग के मंत्री प्रदीप जायसवाल को इस पर लगाम लगाने के लिए नई रेत खनन नीति लागू होने का इंतजार है.
अवैध खनन के मामले में मध्यप्रदेश देश में टॉप पर रहा है. पिछले साल केंद्रीय खनन मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि मध्यप्रदेश अवैध खनन के मामले में नंबर दो पर है. आंकड़ों के मुताबिक 2013-14 से लेकर 2017-18 के बीच अवैध खनन के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से आए हैं, वहीं मध्यप्रदेश से 50 हजार मामले सामने आए हैं. लेकिन सिर्फ 516 मामलों की ही एफआईआर दर्ज हुई है. अवैध खनन कारोबारियों द्वारा अधिकारियों पर हमले की करीब आधा दर्जन घटनाएं भी हो चुकी हैं.
जब इसको लेकर खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल से सवाल किया गया तो उनका कहना है कि पिछले कुछ समय में अवैध खनन की घटनाओं में कमी आई है. लेकिन पिछले सालों से अधिकारियों-नेताओं के बीच का जो गठजोड़ चला आ रहा था वो अब भी जारी है. उनके मुताबिक नई रेत खनन नीति आने के बाद अवैध रेत खनन के सभी दरवाजे बंद हो जाएंगे.