भोपाल। गोवर्धन पूजा को कई जगहों पर अन्नकूट के नाम से मनाया जाता है. दीपावली के ठीक एक दिन बाद गोवर्धन पूजा भारत के प्रमुख हिस्सों में बहुत उत्साह के साथ की जाती है. इस साल गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी. यह दीपावली के त्योहारों का चौथा पर्व है. अन्य पर्वों की तरह इसका भी खास महत्व है. यह पर्व कृषि एवं धन संबंधी पर्व कार्तिक प्रतिपदा को मनाया जाता है. हर साल दीपावली के दूसरे दिन सायंकाल ब्रज में गोवर्धन पूजा का विशेष आयोजन होता है, तो वहीं कई जगहों पर गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दोपहर में मनायी जाती है. इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का मानमर्दन करते हुए गोवर्धन पर्वत के अपनी अंगुली पर धारण किया था.
क्या होता इस दिन : हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन वेदों में वरुण, इन्द्र, अग्नि आदि देवताओं की पूजा का विधान है. इसी दिन बलि पूजा, गोवर्धन पूजा, मार्गपाली आदि आयोजित किए जाते हैं. इस दिन लोग गाय-बैल आदि पशुओं को स्नान कराकर, फूल माला, धूप, चंदन आदि से उनका पूजन किया जाता है. गायों को मिठाई खिलाकर उनकी आरती उतारी जाती है. यह ब्रजवासियों का मुख्य त्योहार है. कहा जाता है कि अन्नकूट या गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारम्भ हुई थी. उस समय लोग इन्द्र भगवान की पूजा करते थे तथा छप्पन प्रकार के भोजन बनाकर तरह-तरह के पकवान व मिठाइयों का भोग लगाया जाता था.
गोवर्धन पूजा मुहूर्त : इस साल 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो रही है. ये तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी. 26 अक्टूबर को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. (Govardhan Puja 2022) (Govardhan Puja 26 October) (Govardhan Puja due to solar eclipse)