भोपाल। प्रदेश की झोली 13 खनिज संसाधन से भरने जा रही है. छत्तीसगढ़ राज्य अलग होने के बाद मध्य प्रदेश में पहली बार सोने के अकूत भंडार मिले हैं. छतरपुर में हीरा, डिंडोरी में बॉक्साइट के अलावा बैतूल में ग्रेफाइट के भरपूर खनिज संसाधन मौजूद है. इन खनिज संसाधनों के उत्खनन के लिए इसमें रूचि रखने वाले देश विदेश की कंपनियों के प्रतिनिधियों को 5 अगस्त को भोपाल बुलाया गया है.
सिंगरौली और कटनी में कोयले के बाद अब जमीन के नीचे छुपे सोने के अकूत खजाना मिला है. यह खजाना सिंगरौली के चकरिया गांव और कटनी के इमलिया गांव में मिला है. सिंगरौली के चकरिया में 23.57 हेक्टेयर क्षेत्र में 1,37,782 टन प्राकृतिक संसाधन मौजूद है. वहीं कटनी के इमलिया में 0.35 टन सोने के भंडार उपलब्ध है. भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण में सोने के भंडार की पुष्टि होने के बाद इसके उत्खनन के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसी तरह छतरपुर के बंदर खदान में भी हीरे का उत्खनन जल्द शुरू होगा.
छतरपुर के सागोरिया स्थित इस खदान में 34 मिलियन कैरेट रेट की हीरे का सर्वेक्षण में पता चला है. पहले इसकी खुदाई का काम रियो-टिंटो ने किया था, लेकिन पर्यावरण विभाग से अनुमति न मिलने की वजह से बाद में इसे रोक दिया था. इसके लिए भी नए सिरे से टेंडर किए जा रहे हैं. इसी तरह बैतूल के गोदाना में ग्रेफाइट के भंडार मौजूद है सर्वेक्षण में यहां 4.69 मिलियन टन ग्रेफाइट के भंडार मिले थे, जिसका खनन का कार्य भी जल्द शुरू होने जा रहा है.
वहीं डिंडोरी में बॉक्साइट की खदान में 1,32,825 टन खनिज संसाधन मौजूद है. इस तरह कुल 13 खदानों में लाखों टन खनिज संसाधनों के उत्खनन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसमें रूचि रखने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों को 5 अगस्त को भोपाल बुलाया गया है. खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के मुताबिक इन सभी खदानों में खनन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है. उम्मीद है कि इन खदानों के उत्खनन से प्रदेश को करीब 60,000 करोड रुपए का राजस्व मिलेगा.