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हिजाब विवाद पर लड़कियों का अनूठा जवाबः बुर्का पहनकर खेला फुटबॉल-क्रिकेट, आइएएस अधिकारी का भी मिला साथ

हिजाब विवाद की आंच मध्य प्रदेश तक पहुंच चुकी है. शिक्षा मंत्री के हिजाब बैन वाले बयान पर जहां राजनीति गर्म है. वहीं लड़कियों ने बुर्का पहनकर फुटबॉल खेला और ये मैसेज देने की कोशिश कि हिजाब हमारा हक है. इस अनूठे मैच का आयोजन कांग्रेस विधायक के इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज में हुआ था. (hijab controversy in MP)

hijab controversy in MP
भोपाल में बुर्का पहनकर खेला फुटबॉल
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Published : Feb 9, 2022, 9:13 PM IST

Updated : Feb 9, 2022, 10:05 PM IST

भोपाल। कर्नाटक में हिजाब पर शुरू हुआ विवाद गहराता जा रहा है. कहीं ये भगवा बनाम हिजाब बन गया है, तो कहीं हिजाब को लेकर अनूठा विरोध जताया जा रहा है. एमपी में भी स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान के बाद विवाद गहराया है. वहीं भोपाल में छात्राओं ने बुर्का पहनकर फुटबॉल और क्रिकेट खेला, इसके जरिए ये संदेश देने की कोशिश की गई कि हिजाब उनका हक है और सरकार को इसमें दखल देने का अधिकार नहीं है.

कांग्रेस MLA के कॉलेज में हुआ मैच (Match in Congress MLA college)
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के हिजाब पर बैन लगाने का बयान पर विवाद छिड़ा हुआ है. उनके बयान पर बुधवार को अनूठे तरीके से विरोध दर्ज कराया गया. जहां मुस्लिम छात्राओं ने हिजाब पहनकर फुटबॉल और क्रिकेट मैच खेला. ये अनूठा मैच भोपाल में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज में खेला गया. इस दौरान मैच को लेकर हुई काॅमेंट्री में कर्नाटक में हिजाब को लेकर चल रहे घटनाक्रम के बारे में भी बताया गया.

भोपाल में बुर्का पहनकर खेला फुटबॉल

आलोचकों को मुहंतोड़ जवाब! (Hijab is our right)
छात्राओं ने हिजाब पहनकर बड़े आराम से क्रिकेट और फुटबॉल खेला. इस दौरान कई लोग मैच देखने पहुंचे और उन्हें उत्साहित भी किया. लड़कियों ने इसके जरिए उन लोगों को जवाब देने का प्रयास है जो सवाल उठा रहे हैं कि नौकरी के दौरान या फिर किसी खेल के दौरान हिजाब नहीं पहना जा सकता है. लड़कियों ने साफ कहा कि हिजाब और नकाब में हम कंफर्टेबल हैं. और ये हमारा राइट है, हमारी आइडेंटिटी है.

हिजाब पर हंगामे के बाद बैकफुट पर स्कूल शिक्षा मंत्री, बोले- नहीं लागू होगा नया ड्रेस कोड, कांग्रेस ने बताया चुनावी एजेंडा

स्कूल शिक्षा मंत्री ने हिजाब बैन की कही थी बात
मंगलवार को प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में हिजाब बैन होगा और नए ड्रेस कोड की व्यवस्था आगामी सत्र से की जाएगी. उन्होंने साफ कहा था कि हिजाब स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है. हालांकि, फिर कुछ देर बाद बयान में से हिजाब शब्द हटाते हुए ड्रेस कोड लागू करने की बात कही. इसे लेकर कांग्रेस ने उनको घेरा और हिजाब पर विवाद गहराया, तो उन्होंने अपने बयान का खंडन जारी किया है, जिसमें कहा है कि कल जो बयान उन्होंने दिया था, उसको कुछ जगह दूसरे परिपेक्ष में चलाया गया. ऐसे में वह अपने बयान का खंडन करते हैं और प्रदेश में नया ड्रेस कोड अभी लागू नहीं होगा. जैसी व्यवस्था थी वैसी ही रहेगी.

  • Why so much controversy in hijab or naqab? Corona told us the importance of hijab that could only save life. Hijab also saves you from air pollution. So, covering face gives double advantage, so encourage hijab to protect citizens from Corona and air pollution.

    — Niyaz Khan (@saifasa) February 9, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को देनी पड़ी सफाई
मंत्री परमार के बयान के बाद गहराते विवाद के बाद राज्य की शिवराज सरकार को बैकफुट पर है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने साफ कर दिया कि मध्य प्रदेश सरकार के पास हिजाब पर बैन लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. राज्य में इस पर कोई विवाद नहीं है. सूत्रों की मानें तो इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जताई थी, जिसके बाद परमार को अपने बयान का खंडन करना पड़ा है.

समर्थन में उतरे IAS नियाज खान
इस पूरे विवाद में अब ब्यूरोक्रेसी की भी एंट्री हो गई है. प्रदेश के आईएएस अधिकारी नियाज खान भी इसके समर्थन में सामने आए हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नियाज़ खान ने अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि हिजाब या नकाब पर इतनी कंट्रोवर्सी क्यों? कोरोना हमें इसका महत्त्व समझा चुका है कि हिजाब या नकाब हमारे जिंदगी की सुरक्षा करता है. साथ ही ये हमें प्रदूषण से भी बचाता है. इसलिए हिजाब को प्रोत्साहित करें.

क्या है पूरा विवाद
कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू कर दी है. इस वजह से सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेज में तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी. जबकि निजी स्कूल अपनी खुद की एक यूनिफॉर्म चुन सकते हैं. इस फैसले को लेकर विवाद पिछले महीने जनवरी में तब शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी.

भोपाल। कर्नाटक में हिजाब पर शुरू हुआ विवाद गहराता जा रहा है. कहीं ये भगवा बनाम हिजाब बन गया है, तो कहीं हिजाब को लेकर अनूठा विरोध जताया जा रहा है. एमपी में भी स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान के बाद विवाद गहराया है. वहीं भोपाल में छात्राओं ने बुर्का पहनकर फुटबॉल और क्रिकेट खेला, इसके जरिए ये संदेश देने की कोशिश की गई कि हिजाब उनका हक है और सरकार को इसमें दखल देने का अधिकार नहीं है.

कांग्रेस MLA के कॉलेज में हुआ मैच (Match in Congress MLA college)
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के हिजाब पर बैन लगाने का बयान पर विवाद छिड़ा हुआ है. उनके बयान पर बुधवार को अनूठे तरीके से विरोध दर्ज कराया गया. जहां मुस्लिम छात्राओं ने हिजाब पहनकर फुटबॉल और क्रिकेट मैच खेला. ये अनूठा मैच भोपाल में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज में खेला गया. इस दौरान मैच को लेकर हुई काॅमेंट्री में कर्नाटक में हिजाब को लेकर चल रहे घटनाक्रम के बारे में भी बताया गया.

भोपाल में बुर्का पहनकर खेला फुटबॉल

आलोचकों को मुहंतोड़ जवाब! (Hijab is our right)
छात्राओं ने हिजाब पहनकर बड़े आराम से क्रिकेट और फुटबॉल खेला. इस दौरान कई लोग मैच देखने पहुंचे और उन्हें उत्साहित भी किया. लड़कियों ने इसके जरिए उन लोगों को जवाब देने का प्रयास है जो सवाल उठा रहे हैं कि नौकरी के दौरान या फिर किसी खेल के दौरान हिजाब नहीं पहना जा सकता है. लड़कियों ने साफ कहा कि हिजाब और नकाब में हम कंफर्टेबल हैं. और ये हमारा राइट है, हमारी आइडेंटिटी है.

हिजाब पर हंगामे के बाद बैकफुट पर स्कूल शिक्षा मंत्री, बोले- नहीं लागू होगा नया ड्रेस कोड, कांग्रेस ने बताया चुनावी एजेंडा

स्कूल शिक्षा मंत्री ने हिजाब बैन की कही थी बात
मंगलवार को प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में हिजाब बैन होगा और नए ड्रेस कोड की व्यवस्था आगामी सत्र से की जाएगी. उन्होंने साफ कहा था कि हिजाब स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है. हालांकि, फिर कुछ देर बाद बयान में से हिजाब शब्द हटाते हुए ड्रेस कोड लागू करने की बात कही. इसे लेकर कांग्रेस ने उनको घेरा और हिजाब पर विवाद गहराया, तो उन्होंने अपने बयान का खंडन जारी किया है, जिसमें कहा है कि कल जो बयान उन्होंने दिया था, उसको कुछ जगह दूसरे परिपेक्ष में चलाया गया. ऐसे में वह अपने बयान का खंडन करते हैं और प्रदेश में नया ड्रेस कोड अभी लागू नहीं होगा. जैसी व्यवस्था थी वैसी ही रहेगी.

  • Why so much controversy in hijab or naqab? Corona told us the importance of hijab that could only save life. Hijab also saves you from air pollution. So, covering face gives double advantage, so encourage hijab to protect citizens from Corona and air pollution.

    — Niyaz Khan (@saifasa) February 9, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को देनी पड़ी सफाई
मंत्री परमार के बयान के बाद गहराते विवाद के बाद राज्य की शिवराज सरकार को बैकफुट पर है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने साफ कर दिया कि मध्य प्रदेश सरकार के पास हिजाब पर बैन लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. राज्य में इस पर कोई विवाद नहीं है. सूत्रों की मानें तो इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जताई थी, जिसके बाद परमार को अपने बयान का खंडन करना पड़ा है.

समर्थन में उतरे IAS नियाज खान
इस पूरे विवाद में अब ब्यूरोक्रेसी की भी एंट्री हो गई है. प्रदेश के आईएएस अधिकारी नियाज खान भी इसके समर्थन में सामने आए हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नियाज़ खान ने अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि हिजाब या नकाब पर इतनी कंट्रोवर्सी क्यों? कोरोना हमें इसका महत्त्व समझा चुका है कि हिजाब या नकाब हमारे जिंदगी की सुरक्षा करता है. साथ ही ये हमें प्रदूषण से भी बचाता है. इसलिए हिजाब को प्रोत्साहित करें.

क्या है पूरा विवाद
कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू कर दी है. इस वजह से सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेज में तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी. जबकि निजी स्कूल अपनी खुद की एक यूनिफॉर्म चुन सकते हैं. इस फैसले को लेकर विवाद पिछले महीने जनवरी में तब शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी.

Last Updated : Feb 9, 2022, 10:05 PM IST
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