भोपाल। राजधानी में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के समस्त हॉस्टलों को अपने कब्जे में ले लिया गया था. साथ ही सभी हॉस्टल को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है. जिसका विद्यार्थी लगातार विरोध कर रहे थे. जिसके बाद अब प्रशासन ने निर्णय लिया कि एनआरआई और गर्ल्स हॉस्टल को क्वाॅरेंटाइन सेंटर नहीं बनाया जाएगा. बाकी के 9 हॉस्टल को क्वाॅरेंटाइन सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया है, इस संबंध में जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं.
छात्राओं के लगातार विरोध के बाद जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. हालांकि छात्रों के विरोध को दरकिनार कर हॉस्टलों के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अब तक दो हॉस्टल खाली कराए जा चुके हैं. जिला प्रशासन ने मैनिट परिसर को क्वाॅरेंटाइन सेंटर बनाने का निर्णय लिया है. मेनिट परिसर काफी बड़े स्तर पर बना हुआ है और यहां हजारों कमरे उपलब्ध हैं. जिसके चलते प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. यह प्रदेश का सबसे बड़ा क्वाॅरेंटाइन सेंटर भी है. मेनिट के 11 छात्रावासों को जिला प्रशासन ने अधिग्रहित कर इनमें कोरोना के मरीजों को रखने का निर्णय लिया था. छात्रों के दो हॉस्टलों को खाली भी कराया जा चुका है. इसका छात्रों ने जमकर विरोध भी किया है.
छात्रों का साफ तौर पर कहना था कि वह लॉक डाउन की वजह से अन्य शहर में फंसे हुए हैं. जबकि हॉस्टलों में उनका सामान जैसे लैपटॉप, पासपोर्ट, मार्कशीट समेत अन्य कई महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे हुए हैं. लिहाजा उनके कमरों को जबरिया तरीके से खाली कराना गलत है. इसके बाद जिला प्रशासन ने छात्राओं के हॉस्टल समेत एनआरआई हॉस्टल को क्वाॅरेंटाइन सेंटर नहीं बनाने का निर्णय लिया है. हालांकि प्रशासन की ओर से जो भी हॉस्पिटल खाली कराए जा रहे हैं, उसकी बाकायदा वीडियोग्राफी कराई जा रही है और जिम्मेदार लोगों की उपस्थिति में सभी हॉस्टलों में रखे सामान को व्यवस्थित ढंग से एक अन्य सुरक्षित स्थान पर रखा जा रहा है. ताकि जब छात्र वापस हॉस्टल लौटे तो उन्हें उनका सामान सुरक्षित रूप से मिल जाए.