भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष के तौर पर गिरीश गौतम को निर्विरोध चुन लिया गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गिरीश गौतम के नाम का प्रस्ताव रखा, प्रस्ताव का विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने भी समर्थन दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम और पूर्व प्रोटेम स्पीकर को बधाई भी दी. सीएम ने कहा कि रामेश्वर शर्मा अब तक के सबसे लंबे समय तक प्रोटेम स्पीकर रहे जो इतिहास में दर्ज हो गया है, उनका नाम गिनीज बुक में दर्ज कराएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि गिरीश गौतम में सात्विक कार्यकर्ता के गुण हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि वे पक्ष और विपक्ष को लेकर सदन का संचालन करेंगे. हालांकि उपाध्यक्ष पद को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है.
विधानसभा अध्यक्ष बोले- सदन में करें सार्थक बहस
विधानसभा अध्यक्ष ने सबसे पहले माता-पिता, ईश्वर और पार्टी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जो दायित्व सौंपा गया है. उसे वे पूरी जिम्मेदारी से निभाएंगे. उन्होंने 1956 से लेकर 2020 तक विधानसभा अध्यक्षों के नामों का उल्लेख किया. सदन में मौजूद पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा और नर्मदा प्रसाद प्रजापति को अपना मार्गदर्शक बताया. गिरीश गौतम ने कहा कि सदन में 90 से ज्यादा नए विधायक चुनकर आए हैं, इसलिए पुराने विधानसभा के साथी उन्हें संसदीय परंपराओं और कार्य को सिखाते रहे. मैं न पक्ष का हूं और न ही प्रतिपक्ष का हूं, मैं निष्पक्ष हूं. उन्होंने कहा कि कई बार सदन में वाद विवाद होता है, लेकिन इसके इसके स्थान पर विचार मंथन हो. ताकि जनता की भलाई हो सके.
गिरीश गौतम निर्विरोध चुने गए MP विधानसभा अध्यक्ष
गिरीश गौतम और रामेश्वर शर्मा को कमलनाथ ने दी बधाई
इससे पहले विपक्ष के नेता कमलनाथ ने पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा और विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम को बधाई देते हुए कहा कि परंपराएं मुश्किल से बनती हैं. यही हमारी पहचान है. उन्होंने पिछली बार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद कांग्रेस के पास रहने का उल्लेख करते हुए कहा कि सदन में पहली बार परंपरा का उल्लंघन हुआ है. लेकिन उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप में आप के कार्यकाल में एक नया इतिहास बनेगा. विधान सभा का सदन सिर्फ आलोचना का नहीं है देखा जाए तो इससे बड़ा कोई मंदिर नहीं है.
एमपी स्पीकर चुनाव में परंपरा का हुआ है उल्लंघन: कमलनाथ
नरोत्तम मिश्रा ने भी गिरीश गौतम को दी बधाई
सत्ता पक्ष की तरफ से मुख्यमंत्री के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष जितना जनसत्ता का होता है उतना ही विपक्ष का, अध्यक्ष की शक्तियां असीम होती हैं. उन्होंने पूर्व विधानसभा अध्यक्षों के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने विधानसभा अध्यक्ष की अवमानना के मामले में दो विधायकों की सदस्यता निलंबित कर दी थी. इस घटना के पहले तक लोगों को यह पता ही नहीं था कि विधानसभा अध्यक्ष किसी विधायक को विधायकी से हटा भी सकता है. हालांकि कुछ समय बाद दोनों की सदस्यता बहाल कर दी गई, ये लोकतंत्र के इतिहास की अपने आप में पहली घटना थी. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह लोकतंत्र का मंदिर है और आप असीम शक्तियों के मालिक हैं.
रामेश्वर शर्मा की विदाई
5 जुलाई को बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव तक राज्यपाल ने प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया था. भोपाल के हुजूर सीट से विधायक रामेश्वर शर्मा को जगदीश देवड़ा की जगह प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था. जगदीश देवड़ा ने शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए जाने के चलते दो जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.