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एमपी के सरकारी स्कूलों में 12वीं तक के छात्रों को पैकिंग कर भेजी जाएंगी मुफ्त किताबें - Inder Singh Parmar

एमपी के सरकारी स्कूलों (Government Schools) में 12वीं तक के छात्रों में मिलने वाली मुफ्त किताबें (Free Book Distribution) अब छात्रों को घर बैठे ही मिलेंगी, स्कूल शिक्षा विभाग ने इसकी शुरूआत की है, अब छात्रों के घर मुफ्त किताबें पैकिंग करके भेजी जाएगी.

Free Books
प्रतीकात्मक चित्र
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Published : Aug 16, 2021, 1:48 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 2:02 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सरकारी विद्यालयों (Government Schools) में पहली से 12वीं तक के छात्रों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए लगातार स्कूल शिक्षा विभाग (Schools Education Department) जरूरी कदम उठा रहा है. इसी क्रम में बच्चों को पुस्तकें पैकिंग कर दिए जाने की योजना पर अमल शुरू हुआ है. पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के तहत तीन विकास खंडों में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है.

लापरवाही के चलते बारिश में बर्बाद हुईं निःशुल्क वितरित होने वाली किताबें

स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार (Schools Education Minister) ने कहा कि पहली से 12वीं तक के शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को नि:शुल्क पुस्तकें पैकिंग कर वितरित की जाएंगी. प्रदेश में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरूआत शाजापुर जिले में शुजालपुर, सीहोर जिले में बुदनी और भोपाल विकासखण्ड में की जा रही है.

इंदर सिंह परमार ने (Inder Singh Parmar) बताया कि शासन द्वारा पहले विद्यालय में बच्चों को बिना पैकिंग किये पुस्तकें दी जाती थी, उसमें कई प्रकार की व्यावहारिक कठिनाइयां आती थीं, इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के मार्गदर्शन में इस बार पुस्तकों का पूरा एक सेट तैयार कर पैकिंग कर छात्र-छात्राओं को वितरण करने का निर्णय लिया है. उन्होंने आगे कहा कि पायलट प्रोजेक्ट की सफलता पर अगले सत्र से पूरे प्रदेश में छात्र-छात्राओं को पुस्तकों को पैकिंग कर वितरित किया जाएगा.

वर्तमान दौर में केारोना संक्रमण बड़ी मुसीबत बना हुआ है, वहीं सभी कक्षाओं में ऑफ लाइन पढ़ाई (OffLine Classes) पूरी तरह शुरू नहीं हो पाई है, सरकार की योजना के मुताबिक बच्चों को पुस्तकें हासिल करना आसान नहीं होता, वितरण में भी कई तरह की गड़बड़ियां सामने आती हैं. किसी छात्र को कम किताबें मिलती हैं तो किसी को मिल ही नहीं पाती. इन स्थितियों पर रोक लगे और बच्चों को आसानी से सभी किताबें सुरक्षित तरीके से मिल सकें, इस दिशा में पैकिंग कर वितरित करने का कदम उठाया गया है.

शाजापुर जिले के शुजालपुर जनपद शिक्षा केन्द्र से जनशिक्षा केन्द्रों तक नि:शुल्क पुस्तकें (Free Book Parcel) पहुंचाने के लिए वितरण वाहन को रवाना किया गया है, आगामी दिनों में अन्य दो स्थानों पर भी छात्रों में इनका वितरण शुरू किया जाएगा. इसके बाद अगले सत्र से पूरे राज्य में पैकिंग कर ही पुस्तकें वितरित की जाएंगी.

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सरकारी विद्यालयों (Government Schools) में पहली से 12वीं तक के छात्रों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए लगातार स्कूल शिक्षा विभाग (Schools Education Department) जरूरी कदम उठा रहा है. इसी क्रम में बच्चों को पुस्तकें पैकिंग कर दिए जाने की योजना पर अमल शुरू हुआ है. पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के तहत तीन विकास खंडों में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है.

लापरवाही के चलते बारिश में बर्बाद हुईं निःशुल्क वितरित होने वाली किताबें

स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार (Schools Education Minister) ने कहा कि पहली से 12वीं तक के शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को नि:शुल्क पुस्तकें पैकिंग कर वितरित की जाएंगी. प्रदेश में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरूआत शाजापुर जिले में शुजालपुर, सीहोर जिले में बुदनी और भोपाल विकासखण्ड में की जा रही है.

इंदर सिंह परमार ने (Inder Singh Parmar) बताया कि शासन द्वारा पहले विद्यालय में बच्चों को बिना पैकिंग किये पुस्तकें दी जाती थी, उसमें कई प्रकार की व्यावहारिक कठिनाइयां आती थीं, इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के मार्गदर्शन में इस बार पुस्तकों का पूरा एक सेट तैयार कर पैकिंग कर छात्र-छात्राओं को वितरण करने का निर्णय लिया है. उन्होंने आगे कहा कि पायलट प्रोजेक्ट की सफलता पर अगले सत्र से पूरे प्रदेश में छात्र-छात्राओं को पुस्तकों को पैकिंग कर वितरित किया जाएगा.

वर्तमान दौर में केारोना संक्रमण बड़ी मुसीबत बना हुआ है, वहीं सभी कक्षाओं में ऑफ लाइन पढ़ाई (OffLine Classes) पूरी तरह शुरू नहीं हो पाई है, सरकार की योजना के मुताबिक बच्चों को पुस्तकें हासिल करना आसान नहीं होता, वितरण में भी कई तरह की गड़बड़ियां सामने आती हैं. किसी छात्र को कम किताबें मिलती हैं तो किसी को मिल ही नहीं पाती. इन स्थितियों पर रोक लगे और बच्चों को आसानी से सभी किताबें सुरक्षित तरीके से मिल सकें, इस दिशा में पैकिंग कर वितरित करने का कदम उठाया गया है.

शाजापुर जिले के शुजालपुर जनपद शिक्षा केन्द्र से जनशिक्षा केन्द्रों तक नि:शुल्क पुस्तकें (Free Book Parcel) पहुंचाने के लिए वितरण वाहन को रवाना किया गया है, आगामी दिनों में अन्य दो स्थानों पर भी छात्रों में इनका वितरण शुरू किया जाएगा. इसके बाद अगले सत्र से पूरे राज्य में पैकिंग कर ही पुस्तकें वितरित की जाएंगी.

Last Updated : Aug 16, 2021, 2:02 PM IST
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