ETV Bharat / state

सावधान! कई जगहों पर ऑनलाइन बिक रहा नकली सैनिटाइजर, CBI के बाद साइबर पुलिस भी अलर्ट

कोरोना काल मे सबसे ज्यादा खपत सैनिटाइजर की हो रही है. लिहाजा जालसाजों ने सैनिटाइजर के नाम पर भी धोखाधड़ी शुरू कर दी है. मध्य प्रदेश साइबर सेल के पास ऐसी कई शिकायतें पहुंच रही हैं, जिनमें ऑनलाइन सैनिटाइजर खरीदी में ग्राहकों के साथ फ्रॉड किया गया है. लिहाजा सीबीआई के बाद अब मध्य प्रदेश साइबर सेल भी नकली सैनिटाइजर को लेकर अलर्ट हो गई है.

Fake sanitizer
नकली सैनिटाइजर
author img

By

Published : Jun 22, 2020, 5:53 PM IST

Updated : Jun 22, 2020, 8:38 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया था. लेकिन इस लॉकडाउन को भी जालसाजों ने अपनी कमाई का जरिया बना लिया है. कोरोना काल में सबसे ज्यादा बिक्री सैनिटाइजर की ही हो रही है, कई संस्थाएं अस्पताल और आम जनता ऑनलाइन शॉपिंग एप्स के जरिए सैनिटाइजर खरीद रहे हैं. लेकिन जालसाज या तो उन्हें डिलीवरी नहीं दे रहे हैं या फिर नकली सैनिटाइजर थमा दिया जा रहा है.

नकली सैनिटाइजर की बिक्री से रहें सावधान

इधर साइबर सेल भी ऑनलाइन सैनिटाइजर खरीदने को लेकर अलर्ट पर है. साइबर सेल के एडिशनल एसपी संदेश जैन ने कहा कि इस तरह की कुछ शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें जालसाजों ने सैनिटाइजर के नाम पर धोखाधड़ी की है. इन मामलों में पहले ग्राहको से पेमेंट बैंक खातो में डलवा लिया गया और बाद में या तो सैनिटाइजर की डिलीवरी नहीं की या फिर नकली सैनिटाइजर भेज दिया गया.

ऐसे सैनिटाइजर्स में केमिकल और कंपोनेंट ठीक ढंग से नहीं मिले होते हैं. जो मानव शरीर के लिए भी बेहद हानिकारक होता है. साइबर सेल ने आम जनता से भी अपील की है कि लुभावने ऑफर्स में फंसकर ऑनलाइन सैनिटाइजर की खरीदी ना करें.

सीबीआई ने भी इंटरपोल से मिले इनपुट के आधार पर देश भर में अलर्ट जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि पीपीई किट, सैनिटाइजर और उपकरणों की ऑनलाइन खरीदी में सावधानियां बरतें. सीबीआई ने कोविड-19 से जुड़े सभी अस्पतालों और संगठनों को अलर्ट जारी किया है. सीबीआई ने यह भी कहा है कि जालसाजों का गिरोह ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर ठगी कर रहा है और गिरोह मेथनॉल से सैनिटाइजर बना रहा है जो बेहद जहरीला होता है.

डॉक्टर्स की मानें तो नकली सैनिटाइजर मेथनॉल मिलाकर बनाया जा रहा है और मेथनॉल मनुष्यों के लिए अत्यधिक जहरीला और खतरनाक होता है. मेथनॉल और अन्य केमिकल जो सैनिटाइजर में मिलाए जा रहे हैं, इनके लॉन्ग टर्म इफेक्ट होते हैं. इन केमिकल्स का असर दो साल से तीन साल बाद सामने आ सकता है. लिहाजा ऑनलाइन सैनिटाइजर खरीदने के बजाय प्रमाणित दुकानों से सैनिटाइजर खरीदें.

क्या होता है सेनिटाइजर का महत्व

कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. इसी बीच WHO और डॉक्टर्स के अनुसार कोरोना वायरस से बचाव के लिए साफ-सफाई का होना बेहद जरूरी है. इसीलिए साबुन या सैनिटाइजर से साफ करने की सलाह भी दी गई है. हैड सैनिटाइजर कीटाणुऔं और वायरस को हमारे हाथ से निकाल देता है.

जानें किस तरह का सेनिटाइजर इस्तेमाल करना सही है

इस वक्त बाजार में दो तरह के हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध हैं. एक है एल्कोहल बेस्ड है और दूसरा नॉन एल्कोहल बेस्ड. अगर आप सिर्फ घर में या दफ्तर में ही रहते हैं और कहीं आना जाना कम होता है तो नॉन एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर (0.01 प्रतिशत एल्कोहल) आपके लिए उपयुक्त है. लेकिन अगर आप ट्रांसपोर्ट, डिलीवरी, फैक्टरी इंडस्ट्री या अस्पताल में काम करते हैं जहां लोगों का आना जाना बहुत ज्यादा होता है तो आपके लिए एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर (60-65% एल्कोहल) ही सही होगा.

भोपाल। कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया था. लेकिन इस लॉकडाउन को भी जालसाजों ने अपनी कमाई का जरिया बना लिया है. कोरोना काल में सबसे ज्यादा बिक्री सैनिटाइजर की ही हो रही है, कई संस्थाएं अस्पताल और आम जनता ऑनलाइन शॉपिंग एप्स के जरिए सैनिटाइजर खरीद रहे हैं. लेकिन जालसाज या तो उन्हें डिलीवरी नहीं दे रहे हैं या फिर नकली सैनिटाइजर थमा दिया जा रहा है.

नकली सैनिटाइजर की बिक्री से रहें सावधान

इधर साइबर सेल भी ऑनलाइन सैनिटाइजर खरीदने को लेकर अलर्ट पर है. साइबर सेल के एडिशनल एसपी संदेश जैन ने कहा कि इस तरह की कुछ शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें जालसाजों ने सैनिटाइजर के नाम पर धोखाधड़ी की है. इन मामलों में पहले ग्राहको से पेमेंट बैंक खातो में डलवा लिया गया और बाद में या तो सैनिटाइजर की डिलीवरी नहीं की या फिर नकली सैनिटाइजर भेज दिया गया.

ऐसे सैनिटाइजर्स में केमिकल और कंपोनेंट ठीक ढंग से नहीं मिले होते हैं. जो मानव शरीर के लिए भी बेहद हानिकारक होता है. साइबर सेल ने आम जनता से भी अपील की है कि लुभावने ऑफर्स में फंसकर ऑनलाइन सैनिटाइजर की खरीदी ना करें.

सीबीआई ने भी इंटरपोल से मिले इनपुट के आधार पर देश भर में अलर्ट जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि पीपीई किट, सैनिटाइजर और उपकरणों की ऑनलाइन खरीदी में सावधानियां बरतें. सीबीआई ने कोविड-19 से जुड़े सभी अस्पतालों और संगठनों को अलर्ट जारी किया है. सीबीआई ने यह भी कहा है कि जालसाजों का गिरोह ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर ठगी कर रहा है और गिरोह मेथनॉल से सैनिटाइजर बना रहा है जो बेहद जहरीला होता है.

डॉक्टर्स की मानें तो नकली सैनिटाइजर मेथनॉल मिलाकर बनाया जा रहा है और मेथनॉल मनुष्यों के लिए अत्यधिक जहरीला और खतरनाक होता है. मेथनॉल और अन्य केमिकल जो सैनिटाइजर में मिलाए जा रहे हैं, इनके लॉन्ग टर्म इफेक्ट होते हैं. इन केमिकल्स का असर दो साल से तीन साल बाद सामने आ सकता है. लिहाजा ऑनलाइन सैनिटाइजर खरीदने के बजाय प्रमाणित दुकानों से सैनिटाइजर खरीदें.

क्या होता है सेनिटाइजर का महत्व

कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. इसी बीच WHO और डॉक्टर्स के अनुसार कोरोना वायरस से बचाव के लिए साफ-सफाई का होना बेहद जरूरी है. इसीलिए साबुन या सैनिटाइजर से साफ करने की सलाह भी दी गई है. हैड सैनिटाइजर कीटाणुऔं और वायरस को हमारे हाथ से निकाल देता है.

जानें किस तरह का सेनिटाइजर इस्तेमाल करना सही है

इस वक्त बाजार में दो तरह के हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध हैं. एक है एल्कोहल बेस्ड है और दूसरा नॉन एल्कोहल बेस्ड. अगर आप सिर्फ घर में या दफ्तर में ही रहते हैं और कहीं आना जाना कम होता है तो नॉन एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर (0.01 प्रतिशत एल्कोहल) आपके लिए उपयुक्त है. लेकिन अगर आप ट्रांसपोर्ट, डिलीवरी, फैक्टरी इंडस्ट्री या अस्पताल में काम करते हैं जहां लोगों का आना जाना बहुत ज्यादा होता है तो आपके लिए एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर (60-65% एल्कोहल) ही सही होगा.

Last Updated : Jun 22, 2020, 8:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.