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बदले की राजनीति कर रही है शिवराज सरकार, हनीट्रैप की जांच क्यों नहीं करवा रहे: सज्जन सिंह

आयकर विभाग की रिपोर्ट पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि सरकार बदले की राजनीति कर रही है और षड्यंत्र रचकर विपक्ष को दबाने का काम कर रही है. सरकार व्यापमं, सिंहस्थ, ई टेंडर और हनीट्रैप की जांच क्यों नहीं करवाती?

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Published : Dec 19, 2020, 1:57 PM IST

Sajjan Singh Verma
सज्जन सिंह वर्मा

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व सज्जन सिंह वर्मा ने आयकर विभाग की रिपोर्ट को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि जो सूची सामने आई है, वह इनकम टैक्स की ही है या किसी और की यह पता लगाना चाहिए. उनका कहना है कि बीजेपी 6 राज्यों में हारी थी, कर्नाटक, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र. तब से पीएम मोदी के हौसले पस्त पड़ गए थे. उन्होंने सरकार पर विपक्ष के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए कहा की बीजेपी समूचे विपक्ष को जेल के सलाखों के पिछे भेजना चाहती है.

सज्जन सिंह वर्मा का बयान
व्यापमं, सिंहस्थ, ई टेंडर की रिपोर्ट क्यों नहीं आई
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि व्यापमं और ई-टेंडर घोटाला इनकी सरकार के समय हुआ. उन घोटालों की जांच तो इतनी तेजी से नहीं हो पाई और आयकर विभाग के छापे को ज्यादा समय नहीं हुआ है. इसकी जांच भी हो गई और विस्तृत रिपोर्ट भी आ गई. इसका मतलब यह है की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट,CBI, CBDT हो सब पीएम नरेंद्र मोदी के जेब है. सरकार बदले की राजनीति कर रही है और षड्यंत्र रच कर विपक्ष को दबाने का काम कर रही है. उनका कहना है कि यह फ्रॉड सिस्टम है, लेकिन एक दिन जनता के सामने सब आ जाएगा.

बंगाल चुनाव पर बोले सज्जन सिंह वर्मा

सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि आप बंगाल चुनाव देख लीजिए. चुनाव जीतने के लिए हजारों करोड़ों रुपए खर्च कर रहे है. बंगाल भी जाकर विधायकों को खरीद रहे है. भ्रष्टाचार को बीजेपी ने किया है दिल्ली से लेकर भोपाल तक. बेहिसाब संपत्ति कमाई और उसका राजनीति में दुरुपयोग कर रहे है. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए नेताओं के नाम आने पर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि बीजेपी उन नेताओं को पचा नहीं पा रही है, इसलिए यह कार्रवाई की जा रही है. ताकि कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए नेता पर कार्रवाई हो और सारे पद बीजेपी वालों को दी जाएगी. इस कार्रवाई का सीधा सा मतलब है.


हनीट्रैप की होगी जांच तो बड़े चेहरों का होगा खुलासा
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि इस मामले में रिपोर्ट तो आ गई, लेकिन मैं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और सीएम शिवराज से पूछता हूं की हनी ट्रैप की फाइल क्यों नहीं खोलते. सरकार हनी ट्रैप मामले की जांच करवाएं उन्होंने कहा कि मेरा दावा है कि अगर हनी ट्रैप मामले की जांच होगी तो बीजेपी के कई बड़े चेहरों का खुलासा होगा. लेकिन हनीट्रैप की जांच नहीं होगी. उन घटनाओं की जांच होगी जो नहीं हुई है.

क्या है पूरा मामला?

पोल कैश मामले में नया मोड़ आया है. कमलनाथ सरकार के दौरान प्रदेश में हुए आयकर छापों की कार्रवाई को लेकर दस्तावेजों में लेन-देन करने वाले बड़े चेहरों का खुलासा हुआ है. कमलनाथ सरकार के तत्तकालीन मंत्रियों और कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के साथ ही बीजेपी सरकार के मंत्री और विधायकों पर भी गाज गिर सकती है.आयकर छापों की कार्रवाई को लेकर सीबीडीटी की रिपोर्ट में आईपीएस अफसरों के साथ 50 से ज्यादा विधायक और नेताओं के नाम भी इनकम टैक्स की लिस्ट में शामिल है.

पढ़ें : MP पोल कैश मामला: 50 से ज्यादा बड़े नेताओं के नाम आयकर की लिस्ट में शामिल, रडार में कई IAS-IPS समेत कई कारोबारी

पहले इन नेताओं के नाम आए थे सामने

महिला एवं बाल विकास विभाग की तत्कालीन मंत्री इमरती देवी, परिवहन विभाग के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और खनिज विभाग के मंत्री प्रदीप जायसवाल इसमें शामिल हैं. हालांकि अब इमरती देवी और गोविंद सिंह कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. प्रदीप जायसवाल बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं. जिसके बदले उन्हें खनिज विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर मंत्री स्तर का दर्जा दिया गया है.

इसके अलावा अब और भी नाम लिस्ट में सामने आए हैं. जिसमें बिसाहूलाल सिंह, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, एदल सिंह कंसाना, गिर्राज दंडोतिया, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव, रक्षा संतराम सिरोनिया, प्रद्युम्न लोधी, राहुल लोधी, नारायण सिंह पटेल, सुमित्रा देवी कास्देकर, मनोज चौधरी, बसपा के रामबाई और संजीव सिंह कुशवाह (भाजपा के साथ) हैं. टेक्सटाइल रोड कंस्ट्रक्शन और सीमेंट उद्योग पतियों के भी नाम भी सूची में शामिल हैं.


कांग्रेस व अन्य के नाम

अजय सिंह, कंप्यूटर बाबा, शाद अहमदाबाद, योगेश राठौर, रणदीप सुरजेवाला, दिग्विजय सिंह, अभिषेक मिश्रा, फुंदेलाल मार्को, विजय राघवेंद्र सिंह, ओमकार सिंह मरकाम, नारायण पट्‌टा, योगेंद्र बाबा, डॉ. असोक मर्सकोले, अर्जुन काकोदिया, संजय उइके, ब्रह्मा भलावी, भूपेंद्र मरावी, सज्जन सिंह, बाबू जंडेल, बैजनाथ कुशवाहा, प्रवीण पाठक, घनश्याम सिंह, गोपाल सिंह चौहान, तनवर लोधी, नीरज दीक्षित, विक्रम सिंह नातीराजा, शिवदयाल बागरी, सिद्धार्थ कुशवाहा, संजय यादव, शशांक भार्गव, आरिफ मसूद, गोवर्धन सिंह दांगी, बापू सिंह तोमर, महेश परमार, राजेश कुमार (सपा), राणा विक्रम सिंह, देवेंद्र पटेल, रामलाल मालवीय, मुरली मोरवाल, झूमा सोलंकी, सचिन बिड़ला, रवि रमेशचंद्र जोशी, केदार चिड़ाभाई डावर, ग्यारसीलाल रावत, चंद्रभागा किराड़े, मुकेश रावत पटेल, कलावती भूरिया, वीरसिंह भूरिया, वाल सिंह मेढ़ा, प्रताप ग्रेवाल, पांचीलाल मेढ़ा, हर्ष विजय सिंह गेहलोत, आरकेएम, मीनाक्षी नटराजन, कमल मरावी, प्रमिला सिंह, मधु भगत, देवाशीष जरारिया, शशि कर्णावत, शैलेंद्र सिंह दीवान, कविता नातीराजा, मुकेश श्रीवास्तव, ब्रजेश पटेल, बिरला लोधा आदि.

सीबीडीटी की रिपोर्ट के आधार पर मध्यप्रदेश कैडर के 3 IPS और 1 राज्य पुलिस सेवा अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. जिन पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान काला धन ले जाने के आरोप लगे थे. आईपीएस अधिकारी सुशोभन बनर्जी, संजय माने और वीमधु कुमार इसमें शामिल हैं. वहीं राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा पर भी आरोप लगे हैं और उन पर भी मामला दर्ज होगा.

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व सज्जन सिंह वर्मा ने आयकर विभाग की रिपोर्ट को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि जो सूची सामने आई है, वह इनकम टैक्स की ही है या किसी और की यह पता लगाना चाहिए. उनका कहना है कि बीजेपी 6 राज्यों में हारी थी, कर्नाटक, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र. तब से पीएम मोदी के हौसले पस्त पड़ गए थे. उन्होंने सरकार पर विपक्ष के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए कहा की बीजेपी समूचे विपक्ष को जेल के सलाखों के पिछे भेजना चाहती है.

सज्जन सिंह वर्मा का बयान
व्यापमं, सिंहस्थ, ई टेंडर की रिपोर्ट क्यों नहीं आई
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि व्यापमं और ई-टेंडर घोटाला इनकी सरकार के समय हुआ. उन घोटालों की जांच तो इतनी तेजी से नहीं हो पाई और आयकर विभाग के छापे को ज्यादा समय नहीं हुआ है. इसकी जांच भी हो गई और विस्तृत रिपोर्ट भी आ गई. इसका मतलब यह है की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट,CBI, CBDT हो सब पीएम नरेंद्र मोदी के जेब है. सरकार बदले की राजनीति कर रही है और षड्यंत्र रच कर विपक्ष को दबाने का काम कर रही है. उनका कहना है कि यह फ्रॉड सिस्टम है, लेकिन एक दिन जनता के सामने सब आ जाएगा.

बंगाल चुनाव पर बोले सज्जन सिंह वर्मा

सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि आप बंगाल चुनाव देख लीजिए. चुनाव जीतने के लिए हजारों करोड़ों रुपए खर्च कर रहे है. बंगाल भी जाकर विधायकों को खरीद रहे है. भ्रष्टाचार को बीजेपी ने किया है दिल्ली से लेकर भोपाल तक. बेहिसाब संपत्ति कमाई और उसका राजनीति में दुरुपयोग कर रहे है. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए नेताओं के नाम आने पर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि बीजेपी उन नेताओं को पचा नहीं पा रही है, इसलिए यह कार्रवाई की जा रही है. ताकि कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए नेता पर कार्रवाई हो और सारे पद बीजेपी वालों को दी जाएगी. इस कार्रवाई का सीधा सा मतलब है.


हनीट्रैप की होगी जांच तो बड़े चेहरों का होगा खुलासा
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि इस मामले में रिपोर्ट तो आ गई, लेकिन मैं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और सीएम शिवराज से पूछता हूं की हनी ट्रैप की फाइल क्यों नहीं खोलते. सरकार हनी ट्रैप मामले की जांच करवाएं उन्होंने कहा कि मेरा दावा है कि अगर हनी ट्रैप मामले की जांच होगी तो बीजेपी के कई बड़े चेहरों का खुलासा होगा. लेकिन हनीट्रैप की जांच नहीं होगी. उन घटनाओं की जांच होगी जो नहीं हुई है.

क्या है पूरा मामला?

पोल कैश मामले में नया मोड़ आया है. कमलनाथ सरकार के दौरान प्रदेश में हुए आयकर छापों की कार्रवाई को लेकर दस्तावेजों में लेन-देन करने वाले बड़े चेहरों का खुलासा हुआ है. कमलनाथ सरकार के तत्तकालीन मंत्रियों और कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के साथ ही बीजेपी सरकार के मंत्री और विधायकों पर भी गाज गिर सकती है.आयकर छापों की कार्रवाई को लेकर सीबीडीटी की रिपोर्ट में आईपीएस अफसरों के साथ 50 से ज्यादा विधायक और नेताओं के नाम भी इनकम टैक्स की लिस्ट में शामिल है.

पढ़ें : MP पोल कैश मामला: 50 से ज्यादा बड़े नेताओं के नाम आयकर की लिस्ट में शामिल, रडार में कई IAS-IPS समेत कई कारोबारी

पहले इन नेताओं के नाम आए थे सामने

महिला एवं बाल विकास विभाग की तत्कालीन मंत्री इमरती देवी, परिवहन विभाग के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और खनिज विभाग के मंत्री प्रदीप जायसवाल इसमें शामिल हैं. हालांकि अब इमरती देवी और गोविंद सिंह कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. प्रदीप जायसवाल बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं. जिसके बदले उन्हें खनिज विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर मंत्री स्तर का दर्जा दिया गया है.

इसके अलावा अब और भी नाम लिस्ट में सामने आए हैं. जिसमें बिसाहूलाल सिंह, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, एदल सिंह कंसाना, गिर्राज दंडोतिया, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव, रक्षा संतराम सिरोनिया, प्रद्युम्न लोधी, राहुल लोधी, नारायण सिंह पटेल, सुमित्रा देवी कास्देकर, मनोज चौधरी, बसपा के रामबाई और संजीव सिंह कुशवाह (भाजपा के साथ) हैं. टेक्सटाइल रोड कंस्ट्रक्शन और सीमेंट उद्योग पतियों के भी नाम भी सूची में शामिल हैं.


कांग्रेस व अन्य के नाम

अजय सिंह, कंप्यूटर बाबा, शाद अहमदाबाद, योगेश राठौर, रणदीप सुरजेवाला, दिग्विजय सिंह, अभिषेक मिश्रा, फुंदेलाल मार्को, विजय राघवेंद्र सिंह, ओमकार सिंह मरकाम, नारायण पट्‌टा, योगेंद्र बाबा, डॉ. असोक मर्सकोले, अर्जुन काकोदिया, संजय उइके, ब्रह्मा भलावी, भूपेंद्र मरावी, सज्जन सिंह, बाबू जंडेल, बैजनाथ कुशवाहा, प्रवीण पाठक, घनश्याम सिंह, गोपाल सिंह चौहान, तनवर लोधी, नीरज दीक्षित, विक्रम सिंह नातीराजा, शिवदयाल बागरी, सिद्धार्थ कुशवाहा, संजय यादव, शशांक भार्गव, आरिफ मसूद, गोवर्धन सिंह दांगी, बापू सिंह तोमर, महेश परमार, राजेश कुमार (सपा), राणा विक्रम सिंह, देवेंद्र पटेल, रामलाल मालवीय, मुरली मोरवाल, झूमा सोलंकी, सचिन बिड़ला, रवि रमेशचंद्र जोशी, केदार चिड़ाभाई डावर, ग्यारसीलाल रावत, चंद्रभागा किराड़े, मुकेश रावत पटेल, कलावती भूरिया, वीरसिंह भूरिया, वाल सिंह मेढ़ा, प्रताप ग्रेवाल, पांचीलाल मेढ़ा, हर्ष विजय सिंह गेहलोत, आरकेएम, मीनाक्षी नटराजन, कमल मरावी, प्रमिला सिंह, मधु भगत, देवाशीष जरारिया, शशि कर्णावत, शैलेंद्र सिंह दीवान, कविता नातीराजा, मुकेश श्रीवास्तव, ब्रजेश पटेल, बिरला लोधा आदि.

सीबीडीटी की रिपोर्ट के आधार पर मध्यप्रदेश कैडर के 3 IPS और 1 राज्य पुलिस सेवा अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. जिन पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान काला धन ले जाने के आरोप लगे थे. आईपीएस अधिकारी सुशोभन बनर्जी, संजय माने और वीमधु कुमार इसमें शामिल हैं. वहीं राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा पर भी आरोप लगे हैं और उन पर भी मामला दर्ज होगा.

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