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ब्यूरोक्रेसी पर दिए बयान पर उमा की सफाई, कहा- 'असंयत भाषा पर खेद, मेरा आशय निकम्मे नेताओं से था' - नेताओं की चप्पल उठाती है ब्यूरोक्रेसी

बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार उन्होंने ब्यूरोक्रेसी को ही नेताओं का चप्पल उठाने वाला बता दिया. साथ ही आरक्षण के मुद्दे पर भी उन्होंने कहा कि सरकारी में तो कुछ बचा ही नहीं, सब कुछ प्राइवेट होता जा रहा है, इसलिए प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की आवाज बुलंद करो, तभी कुछ लाभ होगा. हाल ही में उमा भारती ने शराबबंदी के लिए 15 जनवरी 2022 से सड़क पर उतरने का एलान किया था.

Former MP CM Uma Bharti comments on bureaucracy
नेताओं की चप्पल उठाते हैं नौकरशाह
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Published : Sep 20, 2021, 3:29 PM IST

Updated : Sep 20, 2021, 10:17 PM IST

भोपाल। ब्यूरोक्रेसी को लेकर दिए अपने बयान पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने माफी मांग ली है. उमा भारती ने ट्वीट कर कहा कि मुझे दुख है कि मैंने असंयत भाषा का इस्तेमाल किया, जबकि मेरे भाव अच्छे थे. उमा ने ट्वीट में आगे लिखा कि मेरा आशय निकम्मे नेताओं से था जो कहते हैं कि 'हम तो बहुत अच्छे हैं लेकिन ब्यूरोक्रसी हमारे अच्छे काम नहीx होने देती'. उमा ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर अपनी सफाई पेश की है.

  • १) परसों भोपाल में मेरे निवास पर पिछड़े वर्गों का एक प्रतिनिधि मण्डल मुझे मिला । यह मुलाक़ात औपचारिक नही थी । उस पूरी बातचीत का विडीओ मीडिया में वायरल हुआ है ।

    — Uma Bharti (@umasribharti) September 20, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने हाल ही में एमपी में शराबबंदी के लिए अभियान चलाने का एलान किया था, इसके बाद उनका एक और वीडियो सामने आया, जिसमें वे ब्यूरोक्रेसी पर विवादित टिप्पणी कर फिर सुर्खियों में आ गई. उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी को मानने से ही इनकार करते हुए कहा कि ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं होती है, ये तो नेताओं की चप्पल उठाने के लिए होती है. वहीं ब्यूरोक्रेसी द्वारा नेताओं को घुमाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये फालतू बात है ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है, ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती नहीं, अकेले में बात हो जाती है फिर ब्यूरोक्रेसी फाइल बनाकर लाती है.

  • हम नेताओ में से कुछ सत्ता में बैठे निक्कमे नेता अपने निकम्मेपन से बचने के लिये ब्यूरोक्रसी की आड़ ले लेते हैं की “हम तो बहुत अच्छे हैं लेकिन ब्यूरोक्रसी हमारे अच्छे काम नही होने देती”,

    — Uma Bharti (@umasribharti) September 20, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिये जाने को लेकर चल रही खींचतान पर उन्होंने दो टूक कहा कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण लेकर भी क्या करोगे, जब सरकारी में कुछ बच ही नहीं रहा है, सबकुछ प्राइवेट किया जा रहा है तो ऐसे में आप सबको निजी क्षेत्रों में आरक्षण की मांग करनी चाहिए, तभी कुछ भला होगा. साथ ही एक ही देवता और एक ही पूजा पद्धति के अलावा बेटी-रोटी से ही आपकी ताकत बढ़ेगी.

उमा भारती का बड़ा बयान बोलीं लट्ठ के दम से होगी शराब बंदी, खुद मैदान में उतरेंगी, शिवराज सरकार को दिया 15 जनवरी का अल्टीमेटम

उमा भारती हाल ही में शराबबंदी के मुद्दे पर शिवराज सरकार को चेतावनी दे चुकी हैं, जिस वक्त जबलपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों को रिझाने की कोशिश कर रहे थे, उसी वक्त भोपाल में उमा भारती शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर रही थीं, उन्होंने साफ कर दिया है कि वे 15 जनवरी के बाद सड़क पर उतरेंगी क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जनजागरुकता के लिए 6 महीने का समय दिया है. इसके बाद शराबबंदी में सुधार नहीं हुआ तो वे डंडा लेकर सड़कों पर उतर जाएंगी.

नेताओं की चप्पल उठाते हैं नौकरशाह

उमा भारती के बयान पर पूर्व अधिकारियों ने विरोध जताया है और उनकी भाषा को अशोभनीय बताया है, पूर्व कमिश्नर बीके बाथम ने कहा कि उमा भारती को अपनी भाषा संयमित रखनी चाहिए, ब्यूरोक्रेसी लोकतंत्र का हिस्सा है और वो सारे पक्षों को सुनकर फैसला लेती है, उमा भारती का बयान उनकी बौखलाहट है, वहीं पूर्व आईएएस डीके राय का कहना है कि ब्यूरोक्रेसी कभी भी चप्पल नहीं उठाती है, बल्कि इस काम को उनके निजी पीएसओ या फिर उत्साही कार्यकर्ता करते हैं, इनका कहना है कि ब्यूरोक्रेसी का काम सभी चीजों को देखकर निर्णय लेने का होता है, इस तरह विधायिका के अकेले फैसले लेने से कुछ नहीं होता है.

भोपाल। ब्यूरोक्रेसी को लेकर दिए अपने बयान पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने माफी मांग ली है. उमा भारती ने ट्वीट कर कहा कि मुझे दुख है कि मैंने असंयत भाषा का इस्तेमाल किया, जबकि मेरे भाव अच्छे थे. उमा ने ट्वीट में आगे लिखा कि मेरा आशय निकम्मे नेताओं से था जो कहते हैं कि 'हम तो बहुत अच्छे हैं लेकिन ब्यूरोक्रसी हमारे अच्छे काम नहीx होने देती'. उमा ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर अपनी सफाई पेश की है.

  • १) परसों भोपाल में मेरे निवास पर पिछड़े वर्गों का एक प्रतिनिधि मण्डल मुझे मिला । यह मुलाक़ात औपचारिक नही थी । उस पूरी बातचीत का विडीओ मीडिया में वायरल हुआ है ।

    — Uma Bharti (@umasribharti) September 20, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने हाल ही में एमपी में शराबबंदी के लिए अभियान चलाने का एलान किया था, इसके बाद उनका एक और वीडियो सामने आया, जिसमें वे ब्यूरोक्रेसी पर विवादित टिप्पणी कर फिर सुर्खियों में आ गई. उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी को मानने से ही इनकार करते हुए कहा कि ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं होती है, ये तो नेताओं की चप्पल उठाने के लिए होती है. वहीं ब्यूरोक्रेसी द्वारा नेताओं को घुमाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये फालतू बात है ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है, ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती नहीं, अकेले में बात हो जाती है फिर ब्यूरोक्रेसी फाइल बनाकर लाती है.

  • हम नेताओ में से कुछ सत्ता में बैठे निक्कमे नेता अपने निकम्मेपन से बचने के लिये ब्यूरोक्रसी की आड़ ले लेते हैं की “हम तो बहुत अच्छे हैं लेकिन ब्यूरोक्रसी हमारे अच्छे काम नही होने देती”,

    — Uma Bharti (@umasribharti) September 20, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिये जाने को लेकर चल रही खींचतान पर उन्होंने दो टूक कहा कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण लेकर भी क्या करोगे, जब सरकारी में कुछ बच ही नहीं रहा है, सबकुछ प्राइवेट किया जा रहा है तो ऐसे में आप सबको निजी क्षेत्रों में आरक्षण की मांग करनी चाहिए, तभी कुछ भला होगा. साथ ही एक ही देवता और एक ही पूजा पद्धति के अलावा बेटी-रोटी से ही आपकी ताकत बढ़ेगी.

उमा भारती का बड़ा बयान बोलीं लट्ठ के दम से होगी शराब बंदी, खुद मैदान में उतरेंगी, शिवराज सरकार को दिया 15 जनवरी का अल्टीमेटम

उमा भारती हाल ही में शराबबंदी के मुद्दे पर शिवराज सरकार को चेतावनी दे चुकी हैं, जिस वक्त जबलपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों को रिझाने की कोशिश कर रहे थे, उसी वक्त भोपाल में उमा भारती शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर रही थीं, उन्होंने साफ कर दिया है कि वे 15 जनवरी के बाद सड़क पर उतरेंगी क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जनजागरुकता के लिए 6 महीने का समय दिया है. इसके बाद शराबबंदी में सुधार नहीं हुआ तो वे डंडा लेकर सड़कों पर उतर जाएंगी.

नेताओं की चप्पल उठाते हैं नौकरशाह

उमा भारती के बयान पर पूर्व अधिकारियों ने विरोध जताया है और उनकी भाषा को अशोभनीय बताया है, पूर्व कमिश्नर बीके बाथम ने कहा कि उमा भारती को अपनी भाषा संयमित रखनी चाहिए, ब्यूरोक्रेसी लोकतंत्र का हिस्सा है और वो सारे पक्षों को सुनकर फैसला लेती है, उमा भारती का बयान उनकी बौखलाहट है, वहीं पूर्व आईएएस डीके राय का कहना है कि ब्यूरोक्रेसी कभी भी चप्पल नहीं उठाती है, बल्कि इस काम को उनके निजी पीएसओ या फिर उत्साही कार्यकर्ता करते हैं, इनका कहना है कि ब्यूरोक्रेसी का काम सभी चीजों को देखकर निर्णय लेने का होता है, इस तरह विधायिका के अकेले फैसले लेने से कुछ नहीं होता है.

Last Updated : Sep 20, 2021, 10:17 PM IST
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