भोपाल। 28 दिसंबर से मध्य प्रदेश में विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होना था. हालांकि, देर शाम तीन दिवसीय इस सत्र को कोरोना संक्रमण के चलते स्थगित कर दिया गया है. लेकिन जब तक इसकी घोषणा नहीं हुई थी, उसके पहले कांग्रेस ने विधानसभा के घेराव का ऐलान किया था. इस कार्यक्रम के तहत पूरे प्रदेश से किसान भोपाल में ट्रैक्टर-ट्रॉली से इकट्ठा होने वाले थे. कांग्रेस के नेताओं और विधायकों सहित किसान भी ट्रैक्टर ट्रॉली पर सवार होकर विधानसभा तक पहुंचने की योजना बनाए हुए थे. इस कार्यक्रम के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को प्रभारी बनाया गया था. उनके घर के बाहर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी थी. जिसको लेकर उन्होंने एक ट्वीट किया है. इस ट्वीट के जरिए उन्होंने सरकार के इस कदम को अघोषित आपातकाल बताया है.
लोकतंत्र को कुचलने का काम कर रही बीजेपी
अरुण यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि डरपोक सरकार किसानों के विधानसभा घेराव से इतना डर गई है कि मेरे बंगले E-39 के दोनों तरफ बेरिकेड्स लगा दिए हैं. पहले ट्रैक्टर पर रोक लगाई और अब बेरीगेट्स लगवा दिए. यह सरकार का अघोषित आपातकाल है. बीजेपी लोकतंत्र को कुचलने का काम कर रही है.
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प्रशासन ने लागू कर दी थी धारा 144
प्रशासन ने धारा 144 के तहत विधानसभा परिसर के 5 किलोमीटर क्षेत्र में ट्रैक्टर-ट्रॉली और बैलगाड़ी पर रोक लगा दी थी. कांग्रेस ने ऐलान किया था कि 28 दिसंबर को विधानसभा सत्र के पहले दिन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए प्रदेश भर से किसान और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सहित कांग्रेस के सभी विधायक ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर विधानसभा पहुंचेंगे. इस कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को सौंपी गई थी.
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अरुण यादव के बंगले की कर दी गई बैरिकेडिंग
विधानसभा घेराव के प्रदर्शन की जिम्मेदारी संभाल रहे अरूण यादव के भोपाल में स्थित शासकीय आवास की पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग कर दी गई है. उनके घर जाने के रास्ते बंद कर दिए गए. इसके पहले प्रशासन ने धारा 144 लागू करते हुए विधानसभा परिसर के 5 किलोमीटर क्षेत्र में ट्रैक्टर-ट्रॉली, बैलगाड़ी जैसे वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.