भोपाल। कमलनाथ सरकार में वित्त मंत्री रहे तरुण भनोत का चार इमली स्थित सरकारी बंगला बी-16 को संपदा संचालनालय ने सील कर दिया है, संपदा संचालनालय ने पूर्व मंत्री को दो बार बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया था, जिसके बाद भी उन्होंने बंगला खाली नहीं किया था. पूर्व मंत्री को सामान खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है, ये बंगला बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा को अलॉट किया गया है.
बंगला खाली करने को लेकर मिले नोटिस के बाद तरुण भनोत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर बंगला खाली करने के लिए कुछ दिन की मोहलत मांगी थी. उन्होंने पत्र में लिखा था कि कोरोना के चलते मैं जबलपुर में हूं, इसलिए बंगला खाली नहीं कर पाया हूं. विधानसभा के सदस्य होने के नाते मुझे भोपाल में कोई भी बंगला अलॉट नहीं हुआ है. ऐसे में मैं अपना सामान कहां रखूंगा, इसके बावजूद संपदा संचालनालय और पीडब्ल्यूडी की टीम भनोत के बंगले पर पहुंची और वहां मौजूद कर्मचारियों को बंगला खाली करने के लिए कहा. हालांकि, बाद में बंगले को सील कर दिया.
बंगले में पूर्व मंत्री का सामान रखा हुआ है, इसलिए उन्हें सामान खाली करने के लिए 15 दिन की मोहलत दी गई है और कहा गया है कि यदि समय सीमा में सामान खाली नहीं किया जाता तो प्रशासन खुद सामान बाहर कर देगा, प्रदेश में कमलनाथ की सरकार आने के बाद मंत्रियों ने अपने बंगलों की साज-सज्जा और नव निर्माण पर खूब पैसा बहाया था. तरुण भनोत को अलॉट किए गए बी-16 बंगले की साज-सज्जा और नवनिर्माण में भी 50 लाख से ज्यादा खर्च किया गया था. बंगलों की साज-सज्जा के कारण कई मंत्री 6 महीने तक बंगलों में शिफ्ट नहीं हो पाए थे, लेकिन एक साल भी इन बंगलों का सुख नहीं उठा पाए.
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की सत्ता में आई बीजेपी राजनीति से प्रेरित होकर इस तरह के काम कर रही है, पूर्व मंत्रियों को बंगला खाली करने के नोटिस जारी कर दिए गए, जबकि जो अब विधायक भी नहीं बचे, उनसे बंगले खाली नहीं कराए जा रहे क्योंकि इन 6 पूर्व मंत्रियों ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया है. कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह सहित कई पूर्व मंत्रियों से उनकी इच्छा के बाद भी कांग्रेस ने बंगले खाली नहीं कराए थे, लेकिन बीजेपी अब निचले स्तर की राजनीति कर रही है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के आरोपों को दरकिनार करते हुए कहा कि बंगला खाली करना एक रूटीन प्रक्रिया है, जिसका पालन संपदा संचालनालय द्वारा किया जा रहा है.