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शिवराज सरकार कर रही आंकड़ों की बाज़ीगरी, रियायत के नाम पर कुछ भी नहीं- कमलनाथ - Former CM kamalnath slams CM Shivraj Singh Chauhan

कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के शुरुआत में ही कांग्रेस ने प्रदेश सरकार से गरीब मजदूर वर्ग के खाते में 10 हजार प्रति माह और बिजली बिल माफ करने की मांग की थी. जिस पर शिवराज सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लेने पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.

Former CM kamalnath slams CM Shivraj Singh Chauhan for not giving relief to poor in electricity bill
शिवराज पर कमलनाथ ने कसा तंज
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Published : Jun 2, 2020, 6:40 AM IST

भोपाल। कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के शुरू होते ही कांग्रेस ने मांग की थी कि लोगों को बिजली के बिल से राहत दी जाए और गरीब मजदूर वर्ग के खाते में 10 हजार प्रति माह के हिसाब से 3 महीने की मदद की जाए.

  • माँग के विपरीत अजीबोग़रीब निर्णय लिया गया कि किसी के इतने आये तो इतने भरना , इतने आये तो उतने भरना , बाक़ी हम जाँच करेंगे
    लेकिन भरना पड़ेगा ,फ़ायदा भी सभी को नहीं , कोई माफ़ी नहीं ?

    उद्योग माँग कर रहे थे कि लॉकडाउन की अवधि के उनके फ़िक्स चार्ज से लेकर न्यूनतम यूनिट चार्ज ,
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    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

लेकिन शिवराज सरकार ने कांग्रेस की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया. बल्कि सरकार ने बिजली के बिल के मामले में जो निर्णय लिया है, उसे पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अजीबोगरीब निर्णय करार किया है.

  • ग़रीब , छोटे व्यवसायी , प्रवासी मज़दूर एकमुश्त 10 हज़ार रुपये के राहत पैकेज की माँग कर रहे है।
    निर्णय लिया गया कि मज़दूरों के पंजीयन होंगे , छोटे व्यवसायियों को 10 हज़ार रुपये तक का क़र्ज़ बैंक से दिलवाया जावेगा ,
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    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा है कि सरकार ने आंकड़ों की बाजीगरी करके बिल भरना अनिवार्य कर दिया है, फ़ायदा भी सभी को नहीं, कोई माफ़ी नहीं ? वहीं उद्योग मांग कर रहे थे कि अन्य चार्ज में सरकार उन्हें छूट प्रदान कर 'जितनी खपत उतना बिल' प्रदान करे. लेकिन निर्णय सभी चार्जों में छूट का नहीं, सिर्फ़ फ़िक्स चार्ज की वसूली को अभी स्थगित का लिया गया, बाद में भरना पढ़ेगा.

  • जब इस महामारी में काम नहीं , आमदनी नहीं , खाने को नहीं तो क़र्ज़ कहाँ से भरेंगे ?

    सिर्फ़ शिवराज सरकार की आँकड़ो की बाज़ीगरी , रियायत के नाम पर कुछ भी नहीं।
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    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं गरीब, छोटे व्यवसायी , प्रवासी मजदूर एकमुश्त 10 हजार रुपये के राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं. निर्णय लिया गया कि मजदूरों के पंजीयन होंगे, छोटे व्यापारियों को 10 हज़ार रुपये तक का क़र्ज़ बैंक से दिलवाया जाएगा, जब इस महामारी में काम नहीं है, खाने को नहीं तो क़र्ज़ कहां से भरेंगे ? सिर्फ़ शिवराज सरकार की आंकड़ों की बाज़ीगरी, रियायत के नाम पर कुछ भी नहीं.

भोपाल। कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के शुरू होते ही कांग्रेस ने मांग की थी कि लोगों को बिजली के बिल से राहत दी जाए और गरीब मजदूर वर्ग के खाते में 10 हजार प्रति माह के हिसाब से 3 महीने की मदद की जाए.

  • माँग के विपरीत अजीबोग़रीब निर्णय लिया गया कि किसी के इतने आये तो इतने भरना , इतने आये तो उतने भरना , बाक़ी हम जाँच करेंगे
    लेकिन भरना पड़ेगा ,फ़ायदा भी सभी को नहीं , कोई माफ़ी नहीं ?

    उद्योग माँग कर रहे थे कि लॉकडाउन की अवधि के उनके फ़िक्स चार्ज से लेकर न्यूनतम यूनिट चार्ज ,
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    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

लेकिन शिवराज सरकार ने कांग्रेस की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया. बल्कि सरकार ने बिजली के बिल के मामले में जो निर्णय लिया है, उसे पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अजीबोगरीब निर्णय करार किया है.

  • ग़रीब , छोटे व्यवसायी , प्रवासी मज़दूर एकमुश्त 10 हज़ार रुपये के राहत पैकेज की माँग कर रहे है।
    निर्णय लिया गया कि मज़दूरों के पंजीयन होंगे , छोटे व्यवसायियों को 10 हज़ार रुपये तक का क़र्ज़ बैंक से दिलवाया जावेगा ,
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पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा है कि सरकार ने आंकड़ों की बाजीगरी करके बिल भरना अनिवार्य कर दिया है, फ़ायदा भी सभी को नहीं, कोई माफ़ी नहीं ? वहीं उद्योग मांग कर रहे थे कि अन्य चार्ज में सरकार उन्हें छूट प्रदान कर 'जितनी खपत उतना बिल' प्रदान करे. लेकिन निर्णय सभी चार्जों में छूट का नहीं, सिर्फ़ फ़िक्स चार्ज की वसूली को अभी स्थगित का लिया गया, बाद में भरना पढ़ेगा.

  • जब इस महामारी में काम नहीं , आमदनी नहीं , खाने को नहीं तो क़र्ज़ कहाँ से भरेंगे ?

    सिर्फ़ शिवराज सरकार की आँकड़ो की बाज़ीगरी , रियायत के नाम पर कुछ भी नहीं।
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    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं गरीब, छोटे व्यवसायी , प्रवासी मजदूर एकमुश्त 10 हजार रुपये के राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं. निर्णय लिया गया कि मजदूरों के पंजीयन होंगे, छोटे व्यापारियों को 10 हज़ार रुपये तक का क़र्ज़ बैंक से दिलवाया जाएगा, जब इस महामारी में काम नहीं है, खाने को नहीं तो क़र्ज़ कहां से भरेंगे ? सिर्फ़ शिवराज सरकार की आंकड़ों की बाज़ीगरी, रियायत के नाम पर कुछ भी नहीं.

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