भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासत पल-पल करवट बदल रही है, आज से बजट सत्र की शुरुआत हो रही है, मुख्यमंत्री कमलनाथ, विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, राज्यपाल लालजी टंडन के अलावा बीजेपी और कांग्रेस के विधायक भी विधानसभा पहुंचे. जहां राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ. इस हंगामे के बीच स्पीकर ने 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है. जबकि बीजेपी फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है. वहीं सीएम कमलनाथ ने सरकार 16 विधायकों के बंधक बनाए जाने का आरोप लगाते हुए फ्लोर टेस्ट को अलोकतांत्रिक बता रही है.
राज्यपाल के आदेश के बावजदू बजट सत्र के पहले दिन की कार्य सूची में सिर्फ राज्यपाल के अभिभाषण का जिक्र है, जिसके बाद बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की थी, जबकि देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी राज्यपाल से मुलाकात की थी. इस बारे में विधानसभा के पूर्व मुख्य सचिव भगवानदास इसरानी ने चर्चा की.
कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट का जिक्र नहीं है. ऐसे में सवाल उठ रहा था कि क्या पहले दिन फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं. जिसके जवाब में इसरानी ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में हाउस सर्वोपरि है. आखिरी फैसला विधानसभा अध्यक्ष ही करते हैं. अनुपूरक कार्य सूची भी जारी हो सकती है, जिसमें फ्लोर टेस्ट का जिक्र हो.
वहीं उन्होंने कहा कि इसके साथी भगवानदास इसरानी का कहना है कि अब मध्यप्रदेश की सियासी लड़ाई कोर्ट में लड़ी जाएगी. उन्हें लगता है कि सरकार आज नहीं तो कल इस पूरे मामले को लेकर कोर्ट जा सकती है.