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प्रोटेम स्पीकर के निर्णयों पर बोले एनपी प्रजापति, कहा- ऐसी परिपाटी ना बनाएं, जो संविधान के विपरीत हो

रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस के कार्यकाल में जो विधानसभा की समितियां बनाई गई, उनको नए सिरे से बनाया जाएगा. इस पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा है कि देश के इतिहास में आज तक उदाहरण देखने को मिले हैं कि समितियों के चुनाव और मनोनयन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किया गया है.

bhopal
एनपी प्रजापति-रामेश्वर शर्मा
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Published : Aug 14, 2020, 3:41 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में अभी तक पूर्णकालिक स्पीकर का चुनाव नहीं किया गया है. विधानसभा के मौजूदा प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा के जरिए ही विधानसभा के कार्य संपादित किए जा रहे हैं. इसी बीच रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस के कार्यकाल में जो विधानसभा की समितियां बनाई गई, उनको नए सिरे से बनाया जाएगा. इसको लेकर मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा है कि देश के इतिहास में आज तक उदाहरण देखने को मिले हैं कि समितियों के चुनाव और मनोनयन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किया गया है. प्रोटेम स्पीकर इसलिए बिठाया जाता है, क्योंकि जब नए सदस्य चुनकर आते हैं, उस दौरान विधानसभा का ये पद खाली नहीं रह सकता है. लेकिन मौजूदा सरकार प्रोटेम स्पीकर से जो काम करवा रही है, वो विधि सम्मत नहीं है.

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति

प्रजापति का कहना है, 'मेरी मांग है कि तत्काल सदन को बुलाया जाए और पूर्णकालिक स्पीकर का चुनाव कराया जाए. फिर ये काम किए जाएं, क्योंकि दो बार प्रदेश सरकार कोरोना का सदन बुला चुकी है और राजस्थान में भी सदन आज विश्वास प्रस्ताव के लिए सदन बुलाई गई है. वहीं उन्होंने कोरोना संक्रमण को लेकर शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया है. साथ ही उन्होंने विधानसभा सचिवालय को सलाह दी है कि प्रोटेम स्पीकर से कोई ऐसे काम ना कराए जाएं, लोकतंत्र के मंदिर और संविधान की परिपाटी को छोड़कर माना जाए.

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से सवाल किया कि भारत के इतिहास में सबसे ज्यादा कोई प्रोटेम स्पीकर 19 दिन तक रहा है, तब उन्होंने कहा, वो 19 दिन भी अधिकतम थे. एनपी प्रजापति ने कहा कि स्पीकर के चुनाव के लिए सरकार कोरोना की दुहाई दे रही है, लेकिन जब बहुमत सिद्ध करना था तब कोरोना की दुहाई नहीं दी, क्योंकि 25 मार्च को सिर्फ मध्यप्रदेश में कोरोना के 10 मरीज थे. उस समय तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने फरवरी में ही बैठकर के विधिवत पूर्ण कोरोना से लड़ाई की शुरुआत कर दी थी. 25 और 26 मार्च को विधानसभा में बैठक हुई थी, उसको छोड़कर कोरोना की दुहाई दी जा रही है, क्योंकि आज 42 हजार कोरोना मरीज मध्यप्रदेश में हो गए हैं. 1000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, जिन मरीजों को इलाज और जांच समय पर मिल जाता, तो उनकी स्थिति में सुधार हो जाता, लेकिन ऐसी लापरवाही बरती गई, जिसके कारण 20 फीसदी मरीज जांच और समय पर इलाज न होने के कारण दम तोड़ चुके हैं.

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति

प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा द्वारा लिए जा रहे निर्णय पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का कहना है कि जो दल सत्ता में है, जो प्रोटेम स्पीकर अभी विराजमान हैं, उनके माध्यम से विधानसभा सचिवालय को ऐसा कोई कृत्य नहीं करवाना चाहिए, क्योंकि प्रोटेम स्पीकर को कोई नियम कानून मालूम नहीं होते हैं. सचिवालय को सभी नियम कानून की जानकारी होती है. सचिवालय को ऐसा कोई कृत्य नहीं कराना चाहिए. इतने वरिष्ठ शोधकर्ता दिल्ली से लेकर घर तक बैठे हैं. मेहरबानी करके संविधान और लोकतंत्र के मंदिर में ऐसी कोई परिपाटी छोड़कर ना जाएं, जिससे मंत्रालय के अधिकारी बेलगाम हो जाएं.

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में अभी तक पूर्णकालिक स्पीकर का चुनाव नहीं किया गया है. विधानसभा के मौजूदा प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा के जरिए ही विधानसभा के कार्य संपादित किए जा रहे हैं. इसी बीच रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस के कार्यकाल में जो विधानसभा की समितियां बनाई गई, उनको नए सिरे से बनाया जाएगा. इसको लेकर मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा है कि देश के इतिहास में आज तक उदाहरण देखने को मिले हैं कि समितियों के चुनाव और मनोनयन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किया गया है. प्रोटेम स्पीकर इसलिए बिठाया जाता है, क्योंकि जब नए सदस्य चुनकर आते हैं, उस दौरान विधानसभा का ये पद खाली नहीं रह सकता है. लेकिन मौजूदा सरकार प्रोटेम स्पीकर से जो काम करवा रही है, वो विधि सम्मत नहीं है.

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति

प्रजापति का कहना है, 'मेरी मांग है कि तत्काल सदन को बुलाया जाए और पूर्णकालिक स्पीकर का चुनाव कराया जाए. फिर ये काम किए जाएं, क्योंकि दो बार प्रदेश सरकार कोरोना का सदन बुला चुकी है और राजस्थान में भी सदन आज विश्वास प्रस्ताव के लिए सदन बुलाई गई है. वहीं उन्होंने कोरोना संक्रमण को लेकर शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया है. साथ ही उन्होंने विधानसभा सचिवालय को सलाह दी है कि प्रोटेम स्पीकर से कोई ऐसे काम ना कराए जाएं, लोकतंत्र के मंदिर और संविधान की परिपाटी को छोड़कर माना जाए.

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से सवाल किया कि भारत के इतिहास में सबसे ज्यादा कोई प्रोटेम स्पीकर 19 दिन तक रहा है, तब उन्होंने कहा, वो 19 दिन भी अधिकतम थे. एनपी प्रजापति ने कहा कि स्पीकर के चुनाव के लिए सरकार कोरोना की दुहाई दे रही है, लेकिन जब बहुमत सिद्ध करना था तब कोरोना की दुहाई नहीं दी, क्योंकि 25 मार्च को सिर्फ मध्यप्रदेश में कोरोना के 10 मरीज थे. उस समय तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने फरवरी में ही बैठकर के विधिवत पूर्ण कोरोना से लड़ाई की शुरुआत कर दी थी. 25 और 26 मार्च को विधानसभा में बैठक हुई थी, उसको छोड़कर कोरोना की दुहाई दी जा रही है, क्योंकि आज 42 हजार कोरोना मरीज मध्यप्रदेश में हो गए हैं. 1000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, जिन मरीजों को इलाज और जांच समय पर मिल जाता, तो उनकी स्थिति में सुधार हो जाता, लेकिन ऐसी लापरवाही बरती गई, जिसके कारण 20 फीसदी मरीज जांच और समय पर इलाज न होने के कारण दम तोड़ चुके हैं.

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति

प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा द्वारा लिए जा रहे निर्णय पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का कहना है कि जो दल सत्ता में है, जो प्रोटेम स्पीकर अभी विराजमान हैं, उनके माध्यम से विधानसभा सचिवालय को ऐसा कोई कृत्य नहीं करवाना चाहिए, क्योंकि प्रोटेम स्पीकर को कोई नियम कानून मालूम नहीं होते हैं. सचिवालय को सभी नियम कानून की जानकारी होती है. सचिवालय को ऐसा कोई कृत्य नहीं कराना चाहिए. इतने वरिष्ठ शोधकर्ता दिल्ली से लेकर घर तक बैठे हैं. मेहरबानी करके संविधान और लोकतंत्र के मंदिर में ऐसी कोई परिपाटी छोड़कर ना जाएं, जिससे मंत्रालय के अधिकारी बेलगाम हो जाएं.

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