भोपाल। भले ही पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है, भारत भी इस वक्त संक्रमण काल से गुजर रहा है, बावजूद इसके मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ही चार दिन का विधानसभा सत्र बुलाया गया है. जब पूरे देश में लॉक डाउन है, भोपाल में भी कर्फ्यू लगा है, इसके बावजूद चार दिवसीय विधानसभा का सत्र बुलाया गया है. विधानसभा सत्र को लेकर देर रात अधिसूचना जारी की गई है.
15वीं विधानसभा के आगामी सत्र को लेकर विधानसभा की ओर से देर रात विधिवत कार्य सूची जारी की गई है. ये सत्र 24 मार्च से 27 मार्च तक आयोजित किया जाएगा. सूचना जारी होने के बाद देर रात ही विधानसभा में अधिकारियों का पहुंचना शुरू हो गया था. विधानसभा सत्र को लेकर रात में ही तैयारियां शुरू हो गई थी.
चार दिवसीय सत्र में सदन की तीन बैठकें आयोजित की जाएंगी. आज विधानसभा के प्रथम दिन विश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. इस दौरान बीजेपी को विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करना होगा. विधानसभा का सत्र आज सुबह 11:00 बजे प्रारंभ होगा. इस दौरान वित्तीय वर्ष को दृष्टिगत रखते हुए बजट की जगह लेखानुदान लाया जाएगा. बताया जा रहा है कि ये लेखानुदान 27 मार्च को लाया जा सकता है, जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
16 मार्च से विधानसभा का सत्र राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू हुआ था, लेकिन अभिभाषण समाप्त होने के कुछ देर बाद ही कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 20 मार्च को एक बार फिर विधानसभा सत्र बुलाया गया था, लेकिन उससे पहले ही कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसलिए सत्र स्थगित हो गया था.
अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री का कार्यभार विधिवत रूप से संभाल लिया है. अब सरकार को अपना बहुमत सिद्ध करना है, लेकिन इस विधानसभा सत्र के प्रथम दिन कांग्रेस विधायकों के विधानसभा आने पर संशय बना हुआ है क्योंकि विधानसभा सत्र की सूचना देर रात जारी की गई है और कांग्रेस के ज्यादातर विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में हैं.
ऐसी स्थिति में माना जा रहा है कि कांग्रेस के कई विधायक विधानसभा सत्र के प्रथम दिन अनुपस्थित रह सकते हैं, जिसका फायदा भी बीजेपी को मिलेगा. विधानसभा सत्र की शुरुआत देर से हो सकती है क्योंकि नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने विधानसभा अध्यक्ष के पद से त्यागपत्र दे दिया है.