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निरोगी काया अभियान का पहला चरण खत्म, छोटे शहरों में है गैर संचारी रोग के मरीज

भोपाल में निरोगी काया द्वारा चलाए गए अभियान के पहले चरण में प्रदेश के छोटे जिलों में गैर संचारी रोग हाइपरटेंशन, डायबिटीज़ और तीन मुख्य प्रकार के कैंसर के मरीज बड़े शहरों की तुलना में सबसे ज्यादा पाए गए हैं.

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
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Published : Jan 28, 2020, 11:58 PM IST

भोपाल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने प्रदेश में व्यक्तियों की स्वास्थ्य स्थिति जानने के लिए निरोगी काया अभियान नवंबर-दिसंबर 2019 में चलाया था. जिसका पहला चरण समाप्त खत्म हो गया है. पहले चरण में यह बात सामने आयी है कि प्रदेश के छोटे जिलों में गैर संचारी रोग हाइपरटेंशन, डायबिटीज़ और तीन मुख्य प्रकार के कैंसर के मरीज बड़े शहरों की तुलना में सबसे ज्यादा पाए गए हैं. इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए डॉ आशीष सक्सेना ने बताया कि निरोगी काया अभियान के तहत हमने प्रदेश के लगभग सारे जिलों में सर्वे किया था.

निरोगी काया अभियान


इसमें प्रदेश के हर एक गांव के हर एक परिवार के व्यक्ति के स्वास्थ्य का डाटा तैयार किया गया. इस सर्वे में 98 लाख लोगों को इनरोल किया गया. जिसमें 67 लाख व्यक्ति 30 साल के ऊपर के रहे. 30 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों में हाइपरटेंशन, कैंसर और डायबिटीज इन बीमारियों की जांच 30 लाख लोगों में की गई.


पहले चरण में यह बात सामने आई है कि बड़े शहरों में काफी स्वास्थ्य सुविधाएं हैं. साथ ही साथ यहां पर लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हैं. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होती है तो वह तत्काल इलाज लेता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्ति में ना तो जागरूकता होती है. वहां स्वास्थ्य सेवाओं की भी कमी होती है. जिसके चलते गैर संचारी रोग जैसे कि हाइपरटेंशन, कैंसर और डायबिटीज की बीमारियां इन क्षेत्रों में बढ़ रही है.

भोपाल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने प्रदेश में व्यक्तियों की स्वास्थ्य स्थिति जानने के लिए निरोगी काया अभियान नवंबर-दिसंबर 2019 में चलाया था. जिसका पहला चरण समाप्त खत्म हो गया है. पहले चरण में यह बात सामने आयी है कि प्रदेश के छोटे जिलों में गैर संचारी रोग हाइपरटेंशन, डायबिटीज़ और तीन मुख्य प्रकार के कैंसर के मरीज बड़े शहरों की तुलना में सबसे ज्यादा पाए गए हैं. इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए डॉ आशीष सक्सेना ने बताया कि निरोगी काया अभियान के तहत हमने प्रदेश के लगभग सारे जिलों में सर्वे किया था.

निरोगी काया अभियान


इसमें प्रदेश के हर एक गांव के हर एक परिवार के व्यक्ति के स्वास्थ्य का डाटा तैयार किया गया. इस सर्वे में 98 लाख लोगों को इनरोल किया गया. जिसमें 67 लाख व्यक्ति 30 साल के ऊपर के रहे. 30 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों में हाइपरटेंशन, कैंसर और डायबिटीज इन बीमारियों की जांच 30 लाख लोगों में की गई.


पहले चरण में यह बात सामने आई है कि बड़े शहरों में काफी स्वास्थ्य सुविधाएं हैं. साथ ही साथ यहां पर लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हैं. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होती है तो वह तत्काल इलाज लेता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्ति में ना तो जागरूकता होती है. वहां स्वास्थ्य सेवाओं की भी कमी होती है. जिसके चलते गैर संचारी रोग जैसे कि हाइपरटेंशन, कैंसर और डायबिटीज की बीमारियां इन क्षेत्रों में बढ़ रही है.

Intro:भोपाल- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने प्रदेश में व्यक्तियों की स्वास्थ्य स्थिति जानने के लिए निरोगी काया अभियान नवंबर-दिसंबर 2019 में चलाया था जिसके पहला चरण समाप्त हुआ है ।
पहले चरण में यह बात सामने आयी है कि प्रदेश के छोटे जिलों में गैर संचारी रोग हाइपरटेंशन, डायबिटीज़ और तीन मुख्य प्रकार के कैंसर के मरीज बड़े शहरों की तुलना में सबसे ज्यादा पाए गए हैं।


Body:इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए डॉ आशीष सक्सेना ने बताया कि निरोगी काया अभियान के तहत हमने प्रदेश के लगभग सारे जिलों में सर्वे किया था, इसमें प्रदेश के हर एक गांव के हर एक परिवार के व्यक्ति के स्वास्थ्य का डाटा तैयार किया गया।
इस सर्वे में 98 लाख लोगों को इनरोल किया गया जिनमें 67 लाख व्यक्ति 30 साल के ऊपर के रहे। 30 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों में हाइपरटेंशन, कैंसर और डायबिटीज इन बीमारियों की जांच 30 लाख लोगों में की गई।
प्रथम चरण में यह बात सामने आई है कि बड़े शहरों में काफी स्वास्थ्य सुविधाएं हैं और साथ ही साथ यहां पर लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक है।ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होती है तो वह तत्काल उपचार लेता है। वही ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्ति में ना तो जागरूकता होती है और वहां स्वास्थ्य सेवाओं की भी कमी होती है जिसके चलते गैर संचारी रोग जैसे कि हाइपरटेंशन, कैंसर और डायबिटीज की बीमारियां इन क्षेत्रों में बढ़ रही है।


Conclusion:निरोगी काया अभियान इस उद्देश्य से चलाया गया है कि परीक्षण के बाद मरीज को जांच और उपचार सही तरीके से मिले।
इसके साथ ही इस अभियान के तहत मरीज को एक माह की निशुल्क दवाइयां दी जाती है और उसके बाद फॉलोअप लिया जाता है।

बाइट- डॉ आशीष सक्सेना
उप संचालक, एनसीडी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
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