भोपाल। सीएम कमलनाथ के करीबियों पर आयकर विभाग के छापे के बाद मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार एक्शन के मोड में आ गई है. कांग्रेस ने पूर्व की शिवराज सरकार के वक्त हुए ई-टेंडर घोटाले में एफआईआर दर्ज कराई है. मुख्यमंत्री कमलनाथ के भोपाल पहुंचते ही तमाम जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं.
मुख्यमंत्री कमलनाथ आयकर विभाग के छापे पर 3 दिन तक चुप्पी साधे रहे. जैसे ही आयकर विभाग की कार्रवाई खत्म हुई, तो नामांकन दाखिल करने के बाद छिंदवाड़ा से सीधे दिल्ली पहुंचे कमलनाथ ने महज चार घंटे के अंदर ही ई-टेंडर घोटाले में एफआईआर दर्ज कराई. हालांकि एफआईआर में फिलहाल किसी नेता या अफसर का नाम नहीं है. लेकिन इसी बात ने भाजपा नेताओं की नींद उड़ा कर रख दी है.
ईओडब्ल्यू ने करीब 3 हजार करोड़ के टेंडर घोटाले में कई कंस्ट्रक्शन और सॉफ्टवेयर कंपनी सहित कई विभागीय कर्मचारियों-अधिकारियों और अज्ञात राजनेता और नौकरशाह के खिलाफ मामला दर्ज किया है. हालांकि कांग्रेस इसे आयकर छापों के बाद बदले की कार्रवाई मानने से इंकार कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का हमने जो वचन दिया था, वही निभा रहे हैं. कांग्रेस के को-ऑर्डिनेटर भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कहा था कि ई टेंडर समेत 175 घोटाले हैं, जिसमें पूर्व की बीजेपी सरकार संलिप्त थी, हम उनकी जांच करेंगे.