भोपाल/दिल्ली । मध्य प्रदेश और यूपी के बीच 15 साल पुराना विवाद खत्म हो गया है. केन बेतवा लिंक परियोजना का विवाद सुलझ गया है. आज मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और केन्द्र सरकार के बीच इसे लेकर करार हुआ. अब नंवबर से अप्रैल के बीच मध्य प्रदेश काे 1834 मिलियन क्यूबिक मीटर और यूपी को 750 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा.
15 साल पुराना विवाद खत्म
आखिर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच 15 साल से चल रहे केन बेतवा लिंक परियोजना का विवाद सुलझ गया है. इस परियोजना से नाॅन मानसून सीजन यानि नंवबर से अप्रैल के बीच मध्य प्रदेश काे 1834 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM) और यूपी को 750 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM) पानी मिलेगा.
UP को 750 MCM और MP को 1834 MCM पानी मिलेगा
केन बेतवा लिंक परियोजना मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश का संयुक्त प्रोजेक्ट है. दोनों राज्यों के बीच पानी के बंटवारे का भी प्लान तैयार किया गया है. इसमें हर साल नवंबर से अप्रेल के बीच UP को 750 एमसीएम और मध्यप्रदेश को 1834 एमसीएम पानी मिलेगा. दोनों राज्य सरकारों का केंद्र सरकार के साथ समझौता हो गया है.
इस तरह परियोजना लेगी अंतिम रूप
पहले फेज में केन नदी पर ढोड़न गांव के पास बांध बनाकर पानी रोका जाएगा. ये पानी नहर के जरिए बेतवा नदी तक पहुंचेगा. दूसरे फेज में बेतवा नदी पर विदिशा जिले में चार बांध बनेंगे. साथ ही सागर जिले में बेतवा की सहायक बीना नदी और शिवपुरी के उर नदी पर भी डैम बनाए जाएंगे. प्रोजेक्ट के दोनों फेज से हर साल करीब 10.62 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई होगी. इस योजना से 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा. साथ ही 103 मेगावाट हाइड्रो पावर भी पैदा किया जाएगा. केन-बेतवा लिंक परियोजना में दो बिजली प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित हैं. इनकी कुल क्षमता 72 मेगावाट है.
क्या थी विवाद की जड़ ?
2005 में उत्तर प्रदेश को रबी फसल के लिए 547 एमसीएम और खरीफ फसल के लिए 1153 एमसीएम पानी देना तय हुआ था. 2018 में उत्तर प्रदेश की मांग पर रबी फसल के लिए 700 एमसीएम पानी देने पर सहमति हुई. केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश को 788 एमसीएम पानी देना तय कर दिया था. बाद में यूपी सरकार ने जुलाई 2019 में 930 एमसीएम पानी मांग लिया था. यहीं से विवाद शुरु हो गया था. मध्य प्रदेश ने यूपी को इतना पानी देने से इनकार कर दिया था.
मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के 10 से ज्यादा जिलों को मिलेगा फायदा
इस परियोजना से बुंदेलखंड के उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के 12 जिलों को पानी मिलेगा. मध्यप्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी को इस योजना से पानी मिलेगा. यूपी के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले के लोगों की प्यास भी इस परियोजना से बुझेगी.
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योजना की मुख्य बातें
- 35,111 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट: 90% राशि केंद्र सरकार देगी
- पांच-पांच फीसदी हिस्सेदारी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश वहन करेंगे
- केन बेसिन से मध्यप्रदेश में 4.47 लाख हेक्येटर जमीन की सिंचाई होगी
- बेतवा बेसिन से मध्यप्रदेश में 2.06 लाख हेक्येटर जमीन की सिंचाई होगी
- 31,960 घन मीटर पानी सिंचाई के लिए इस्तेमामल होगा
- 120 लाख घन मीटर पानी घरेलू और उद्योंगों के लिए इस्तेमाल होगा
- बुंदेलखंड के करीब 40 लाख लोगों को पानी मिलेगा