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विधान परिषद गठन के खिलाफ किसान यूनियन ने खोला मोर्चा, आंदोलन की दी चेतावनी - there will be a big movement

सीएम कमलनाथ ने विधान परिषद के गठन का एलान किया है, उनकी इस घोषणा से किसान नाराज बताए जा रहे हैं. किसान यूनियन ने प्रदेश सरकार के खिलाफ हुंकार भरते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है, साथ ही किसानों के हक का पैसा विधान परिषद के गठन में खर्च करने का आरोप लगाया है.

विधान परिषद के गठन की शुरुआत से किसान नाराज
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Published : Oct 29, 2019, 8:47 PM IST

Updated : Oct 29, 2019, 9:42 PM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज बताए जा रहे नेताओं को आश्वासन देते हुए कांग्रेस ने प्रदेश में विधान परिषद के गठन का आश्वासन दिया था. जिसे अब सीएम कमलनाथ पूरा करने जा रहे हैं, प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब विधान परिषद के गठन की प्रक्रिया में जुट गई है. तो वहीं दूसरी तरफ विधान परिषद के गठन को लेकर हो रहे खर्च से किसान यूनियन नाराज है. भारतीय किसान यूनियन ने ऐलान किया है कि 'सरकार किसानों के हक का पैसा नहीं देकर अगर विधान परिषद के गठन करने में खर्च करती है, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी'.

विधान परिषद के गठन की शुरुआत से किसान नाराज

किसान यूनियन के नेता अनिल यादव का कहना है कि सरकार द्वारा विधान परिषद के गठन का रास्ता चुना गया है. वह किसानों के लिए काफी दयनीय स्थिति है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की बात नहीं कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार विधायकों को फायदा पहुंचाने और करोड़ों रुपए खर्च करने की बात कर रही है. ऐसे में प्रदेश का किसान चुप नहीं बैठेगा.

अनिल यादव ने कहा प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन होगा और कहा कि विधायकों को फायदा पहुंचाकर सरकार नहीं बनी है, बल्कि सरकार किसानों के बलबूते पर बनी हैं और उन्हीं के बलबूते पर टिकेगी. अगर सरकार नहीं मानी तो एक बार फिर मंदसौर जैसे हालात बनेंगे. उन्होंने कहा सरकार अपने फैसले को वापस ले और विधान परिषद का गठन ना करें.

भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि जो पैसा सरकार विधान परिषद के गठन पर खर्च करने जा रही है. वहीं पैसा किसानों को देना चाहिए. किसानों के हक का बकाया राशि किसी और मामले में खर्च नहीं करें. सरकार विधान परिषद के गठन के फैसले को रोके, अगर सरकार ऐसा नहीं करेगी, तो एक बड़ा आंदोलन होगा. जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी.

भोपाल। विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज बताए जा रहे नेताओं को आश्वासन देते हुए कांग्रेस ने प्रदेश में विधान परिषद के गठन का आश्वासन दिया था. जिसे अब सीएम कमलनाथ पूरा करने जा रहे हैं, प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब विधान परिषद के गठन की प्रक्रिया में जुट गई है. तो वहीं दूसरी तरफ विधान परिषद के गठन को लेकर हो रहे खर्च से किसान यूनियन नाराज है. भारतीय किसान यूनियन ने ऐलान किया है कि 'सरकार किसानों के हक का पैसा नहीं देकर अगर विधान परिषद के गठन करने में खर्च करती है, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी'.

विधान परिषद के गठन की शुरुआत से किसान नाराज

किसान यूनियन के नेता अनिल यादव का कहना है कि सरकार द्वारा विधान परिषद के गठन का रास्ता चुना गया है. वह किसानों के लिए काफी दयनीय स्थिति है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की बात नहीं कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार विधायकों को फायदा पहुंचाने और करोड़ों रुपए खर्च करने की बात कर रही है. ऐसे में प्रदेश का किसान चुप नहीं बैठेगा.

अनिल यादव ने कहा प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन होगा और कहा कि विधायकों को फायदा पहुंचाकर सरकार नहीं बनी है, बल्कि सरकार किसानों के बलबूते पर बनी हैं और उन्हीं के बलबूते पर टिकेगी. अगर सरकार नहीं मानी तो एक बार फिर मंदसौर जैसे हालात बनेंगे. उन्होंने कहा सरकार अपने फैसले को वापस ले और विधान परिषद का गठन ना करें.

भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि जो पैसा सरकार विधान परिषद के गठन पर खर्च करने जा रही है. वहीं पैसा किसानों को देना चाहिए. किसानों के हक का बकाया राशि किसी और मामले में खर्च नहीं करें. सरकार विधान परिषद के गठन के फैसले को रोके, अगर सरकार ऐसा नहीं करेगी, तो एक बड़ा आंदोलन होगा. जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी.

Intro:भोपाल। विधानसभा चुनाव के समय पर प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में विधान परिषद के गठन का वचन दिया था। वचन पत्र के वचन निभाने की कड़ी में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधान परिषद के गठन की प्रक्रिया की शुरुआत की है। विधान परिषद के गठन को लेकर आ रहे खर्च और चुनाव हारे हुए नेताओं को उपकृत करने के नाम पर किसान यूनियन नाराज हो गई है। भारतीय किसान यूनियन ने ऐलान किया है कि सरकार किसानों के हक का पैसा ना देकर अगर विधान परिषद के गठन करने में पैसे को खर्च करती है। तो प्रदेश भर का किसान सड़कों पर उतरेगा और सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगा। मध्य प्रदेश किसान यूनियन ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर परिषद का गठन करते हैं। तो प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा।जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।Body:मध्य प्रदेश किसान यूनियन के नेता अनिल यादव का कहना है कि आज सरकार द्वारा विधान परिषद के गठन का रास्ता चुना गया है। वह किसानों के लिए काफी दयनीय स्थिति है। किसानों की बात तो सरकार कर नहीं रही है। दूसरी तरफ विधायकों को फायदा पहुंचाने और करोड़ों रुपए खर्च करने की बात कर रही है। ऐसे में प्रदेश का किसान चुप नहीं बैठेगा। भारतीय किसान यूनियन चुप नहीं बैठेगी। प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन होगा। विधायकों को फायदा पहुंचा कर आप चाहते हैं कि सरकार बनी रहे, तो आप गलत सोच रहे हैं। बल्कि सरकार किसानों के बलबूते पर बनी हैं और उन्हीं के बलबूते पर टिकेगी। अगर सरकार नहीं मानी तो एक बार फिर मंदसौर जैसे हालात बनेंगे।सरकार अपने फैसले को वापस ले और विधान परिषद का गठन ना करें।Conclusion:भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि जो पैसा सरकार विधान परिषद के गठन पर कार्य करने जा रही है। वही पैसा कर्ज माफी, 160 रूपये गेहूं के बोनस का बकाया, सोयाबीन के भावांतर की राशि, लहसुन का पैसा जो बकाया है, वह दे। किसानों के हक का बकाया पैसा किसी और मामले में खर्च ना करें। जब तक नहीं दी जाती है,तो ऐसे फैसले रोके जाएं। सरकार विधान परिषद के गठन के फैसले को रोके। अगर सरकार ऐसा नहीं करेगी, तो एक बड़ा आंदोलन होगा। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
Last Updated : Oct 29, 2019, 9:42 PM IST
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