भोपाल। राजधानी में मध्य प्रदेश शासन के द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर स्थापित सम्मानों का अलंकरण समारोह रविंद्र भवन में देर शाम आयोजित किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश की संस्कृति मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ मुख्य रूप से उपस्थित हुई. वहीं उन्होंने हिंदी भाषा में सृजन करने वाले और योगदान देने वाले देश के जाने-माने लेखकों ,कवियों व शिक्षा वेदों को सम्मानित किया.
बता दें कि हिन्दी दिवस के अवसर पर मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि साहित्य और संस्कृति क्षेत्र की प्रतिष्ठित विभूतियों से प्रेरणा लेकर नई पीढ़ी भी इन क्षेत्रों से जुड़कर बेहतर वातावरण बनाने में सहयोगी बन सकती है व साथ ही अलग-अलग संस्कृतियों वाले हमारे प्रदेश में समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराएं हैं, जिसके श्रेष्ठ साहित्य सृजन से मनुष्यता का भी संरक्षण होता है.
वहीं साधौ ने अलंकरण सम्मान में कहा कि मध्यप्रदेश सरकार साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में स्थापित पुरस्कार नियमित रूप से प्रदान करेगी और इसके साथ ही प्रदेश में संस्कृति और हिंदी के प्रसार और विकास के लिए भरसक प्रयास होंगे.
बता दें कि हिन्दी भाषा सम्मान के अंतर्गत राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान, राष्ट्रीय गुणाकर मुले सम्मान एवं राष्ट्रीय हिन्दी भाषा सम्मान का संबंधित क्षेत्रों में सृजन का महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रदान किये गए जिसकी राशि एक लाख रुपये है वहीं इसके साथ सम्मान पट्टिका, शाल एवं श्रीफल प्रदान किया जाता है.
वहीं सम्मानों के अंतर्गत गुड़गांव के बालेन्दु शर्मा दाधीच को सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान से सम्मानित किया गया. वहीं भोपाल के लेखक एवं शिक्षाविद् प्रो. कपूरमल जैन को गुणाकर मुले सम्मान से सम्मानित किया गया और पुणे के अहिन्दी भाषी कवि एवं लेखक चंद्रकान्त पाटिल को राष्ट्रीय हिन्दी भाषा सम्मान से सम्मानित किया गया. वही साथ ही गुणाकर मुले सम्मान की चयन समिति में अपर संचालक जनसम्पर्क सुरेश गुप्ता, साहित्यकार विजय बहादुर सिंह, लक्ष्मी शर्मा और हेमेन्द्र पाल शामिल थे.
साथ ही राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान की चयन समिति में विजय अग्रवाल, अनिल चौबे और अनुराग सीठा बृजेन्द्र त्रिपाठी, प्रो. चंद्रकला त्रिपाठी, मंगलेश डबराल और पुष्पेन्द्र सिंह भी शामिल थे.
बता दें कि सम्मानित विभूतियों की ओर से चन्द्रकान्त पाटिल ने मध्यप्रदेश शासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका मध्यप्रदेश से बरसों तक सम्बन्ध रहा है जिसमें वे साहित्य परिषद की तरफ से अनेक कार्यक्रम में सम्मिलित हो चुके हैं. जिसमें साहित्य और साहित्यकारों के संवर्धन के लिये अच्छा कार्य हो रहा है.
वहीं इस समारोह के बाद सुविख्यात संगीत संयोजक व कलाकार उमेश तरकसवार ने रीतिकालीन और छायावादी व समकालीन तथा आधुनिक कवियों की कविताओं की प्रभावशाली संगीतमय प्रस्तुति दी, जिसमें प्रमुख सचिव संस्कृति पंकज राग,नगर के अनेक साहित्यकार और कला एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित थे.