भोपाल। बैरसिया शहर में पहली बार हस्तशिल्प आभूषणों की प्रदर्शनी लगाई गई. यह आभूषण प्रकृति सुरक्षित हैं, जो किशोरी बालिकाओं द्वारा निर्मित किए गए थे. आभूषणों को बनाने का प्रशिक्षण पल्लवी चौकसे द्वारा दिया गया. पल्लवी चौकसे एक सस्टेनेबल टैक्सटाइल डिजाइनर हैं, जो लॉकडाउन से पहले तक दिल्ली एनसीआर के एक एक्सपोर्ट हाउस में डिजाइनिंग की जॉब कर रही थीं, जो कोरोना काल की वजह से अपने घर वापस लौटी थीं. पल्लवी ने बालिकाओं को प्रधानमंत्री मोदी के आंदोलन से प्रेरित होकर ‘स्वदेशी बनाओ स्वदेशी अपनाओ’ को ध्यान में रखते हुए 20 दिन पहले प्रशिक्षण का कार्य आरंभ किया था.
इस प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक पूर्ण होने के बाद राजनंदिनी पैलेस में एक प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें शहर की महान हस्तियों ने कार्यक्रम के अतिथियों के रूप में अपना विशेष योगदान दिया. कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष रूप से ध्यान रखा गया. वहीं किशोरी बालिकाओं और घरेलू महिलाओं को अपना ग्रह उद्योग खोलकर हथकरघा सहित हस्तशिल्प स्वदेशी वस्तुओं के निर्माण के लिए प्रेरणा दी गई, जिससे वह अपना स्वदेशी व्यापार लघु उद्योग के रूप में शुरू कर सकें और घर बैठे 10 से 15 हजार रुपए तक की कमाई कर सकें.
भारत सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के माध्यम से महिला गृह उद्योग अपना स्वदेशी व्यापार किशोरी बालिकाओं के लिए बेरोजगारी दूर करने का अच्छा विकल्प है, जिसके लिए टैक्सटाइल डिजाइनर पल्लवी चौकसे से प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है. इस कार्यक्रम से कई लोगों को ‘वोकल फॉर लोकल स्वदेशी बनाए स्वदेशी अपनाए’ और ‘अपना निजी व्यापार’ जैसे कार्यों के लिए प्रेरणा मिली है.