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ईटीवी भारत की खबर का असर: स्वास्थ्य मंत्री ने शहडोल में नवजात बच्चों की मौत मामले में दिए जांच के आदेश

शहडोल जिला अस्पताल में हुई छह नवजात बच्चों की मौत के मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. वहीं सीएम शिवराज ने स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक बुलाकर रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए हैं.

Prabhu Ram Chaudhary, Health Minister
प्रभु राम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री
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Published : Nov 30, 2020, 8:21 PM IST

भोपाल। शहडोल जिला अस्पताल में 6 नवजात बच्चों की मौत के मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. ईटीवी भारत से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने कहा कि इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जो लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी संज्ञान लिया है.

प्रभु राम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री

ये भी पढ़ें: शहडोल जिले में नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, 48 घंटे में 6 नवजात बच्चों की मौत

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में बोले प्रभुराम चौधरी

ईटीवी भारत ने जब मंत्री स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी से शहडोल जिला अस्पताल में 6 नवजात बच्चों की मौत का सवाल पूछा तो मंत्री ने कहा कि हमने जांच के आदेश दे दिए हैं. ये गंभीर विषय है. जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी.

सीएम शिवराज ने तलब की जांच रिपोर्ट

इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक बुलाई है. सीएम शिवराज ने इस मामले में जांच रिपोर्ट तलब की है. साथ ही अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों के इलाज में कोई भी कोताही नहीं होनी चाहिए. अगर कहीं कोई व्यवस्थाओं में कमी है तो उसे तत्काल पूरा किया जाए. वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों का समुचित प्रबंध किया जाए. शिवराज सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इस घटना को गंभीरता से लें और जरूरी होने पर जबलपुर से डॉक्टरों की टीम बच्चों के इलाज के लिए भेजें. मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में व्यवस्थाओं के निरीक्षण के निर्देश भी दिए हैं.

रविवार को खबर आई थी सामने

गौरतलब है कि रविवार के दिन जैसे ही यह खबर सामने आई कि पिछले 24 घंटे में 4 नवजातओं की मौत हो गई है. जिसमें 3 दिन से लेकर के 4 महीने तक के मौत बच्चों की मौत हुई है. जिसमें पीआईसीयू में तीन और एसएनसीयू में एक बच्चे की मौत हुई है, जिनकी मौत हुई है. उसमें बुढार के अरझूली के 4 माह का बच्चा पुष्पराज सिंह, सिंहपुर बोडरी गांव के 3 माह का बच्चा राज कोल,2 माह का प्रियांश, ये सभी पीआईसीयू में भर्ती थे. तो वहीं उमरिया जिले के निशा की भी एसएनसीयू में मौत हुई है. नवजात की मौत से हड़कंप मच गया था. इसके बाद रविवार के दिन ही एक और बच्चे की मौत की खबर आई थी और आज एक बार फिर से सुबह-सुबह एक नवजात की मौत हो गई है. जिसके साथ ही अब यह आंकड़ा पिछले 48 घंटे में 6 बच्चों की मौत तक पहुंच चुका है.

शहडोल में 48 घंटे में 6 नवजात बच्चों की मौत पर सवाल, कमिश्नर ने अभिभावकों को ठहराया जिम्मेदार

जांच हेतु कमेटी का गठन

वहीं नवजातों के मौत मामले में कलेक्टर डॉक्टर सतेन्द्र सिंह के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजेश पाण्डेय ने जिला अस्पताल शहडोल में हुई नवजात बच्चों की मौत के मामले में जांच समिति का गठन किया कर दिया है. जांच समिति में डॉक्टर मुकुन्द चतुर्वेदी जिला चिकित्सालय शहडोल, डॉक्टर नागेन्द्र सिंह और डॉक्टर प्राणदा शुक्ला, सहायक प्राध्यापक शासकीय मेडिकल कॉलेज शहडोल शामिल हैं. ये जांच कमेटी तीन दिन के अंदर जांच प्रतिवेदन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपेगी.

नवजातों की मौत के मामले में बोले कमिश्नर

इस मामले पर शहडोल कमिश्नर नरेश पाल का कहना है कि जिला अस्पताल में बच्चों की मौत के संबंध में सीएमएचओ ने जो पड़ताल की है, उसमें ये पाया गया है कि अभिभावकों ने बच्चों को तब एडमिट कराया जब बच्चों की स्थिति ज्यादा खराब थी. फिर भी डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टॉफ ने बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन फिर भी बच्चों को बचाया नहीं गया. हमारे फील्ड में जो महिला बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हैं. उनको निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे बच्चे जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है उनकी सतत रूप से जांच करें और उनको समय पर भर्ती करने के लिए पालकों उनके अभिभावकों को प्रोत्साहित करें. जिससे की बच्चे समय पर अगर इलाज के लिए आ जाएंगे तो निश्चित रूप से डॉक्टर्स उनको पूरे प्रयास करके उनके जीवन की रक्षा कर सकेंगे. सीएमएचओ और जिला चिकित्सालय ने रिपोर्ट प्रस्तुत की है. अगर बच्चों को समय पर अस्पताल में भर्ती किया जाता तो बेहतर परिणाम हो सकते थे।

भोपाल। शहडोल जिला अस्पताल में 6 नवजात बच्चों की मौत के मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. ईटीवी भारत से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने कहा कि इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जो लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी संज्ञान लिया है.

प्रभु राम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री

ये भी पढ़ें: शहडोल जिले में नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, 48 घंटे में 6 नवजात बच्चों की मौत

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में बोले प्रभुराम चौधरी

ईटीवी भारत ने जब मंत्री स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी से शहडोल जिला अस्पताल में 6 नवजात बच्चों की मौत का सवाल पूछा तो मंत्री ने कहा कि हमने जांच के आदेश दे दिए हैं. ये गंभीर विषय है. जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी.

सीएम शिवराज ने तलब की जांच रिपोर्ट

इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक बुलाई है. सीएम शिवराज ने इस मामले में जांच रिपोर्ट तलब की है. साथ ही अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों के इलाज में कोई भी कोताही नहीं होनी चाहिए. अगर कहीं कोई व्यवस्थाओं में कमी है तो उसे तत्काल पूरा किया जाए. वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों का समुचित प्रबंध किया जाए. शिवराज सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इस घटना को गंभीरता से लें और जरूरी होने पर जबलपुर से डॉक्टरों की टीम बच्चों के इलाज के लिए भेजें. मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में व्यवस्थाओं के निरीक्षण के निर्देश भी दिए हैं.

रविवार को खबर आई थी सामने

गौरतलब है कि रविवार के दिन जैसे ही यह खबर सामने आई कि पिछले 24 घंटे में 4 नवजातओं की मौत हो गई है. जिसमें 3 दिन से लेकर के 4 महीने तक के मौत बच्चों की मौत हुई है. जिसमें पीआईसीयू में तीन और एसएनसीयू में एक बच्चे की मौत हुई है, जिनकी मौत हुई है. उसमें बुढार के अरझूली के 4 माह का बच्चा पुष्पराज सिंह, सिंहपुर बोडरी गांव के 3 माह का बच्चा राज कोल,2 माह का प्रियांश, ये सभी पीआईसीयू में भर्ती थे. तो वहीं उमरिया जिले के निशा की भी एसएनसीयू में मौत हुई है. नवजात की मौत से हड़कंप मच गया था. इसके बाद रविवार के दिन ही एक और बच्चे की मौत की खबर आई थी और आज एक बार फिर से सुबह-सुबह एक नवजात की मौत हो गई है. जिसके साथ ही अब यह आंकड़ा पिछले 48 घंटे में 6 बच्चों की मौत तक पहुंच चुका है.

शहडोल में 48 घंटे में 6 नवजात बच्चों की मौत पर सवाल, कमिश्नर ने अभिभावकों को ठहराया जिम्मेदार

जांच हेतु कमेटी का गठन

वहीं नवजातों के मौत मामले में कलेक्टर डॉक्टर सतेन्द्र सिंह के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजेश पाण्डेय ने जिला अस्पताल शहडोल में हुई नवजात बच्चों की मौत के मामले में जांच समिति का गठन किया कर दिया है. जांच समिति में डॉक्टर मुकुन्द चतुर्वेदी जिला चिकित्सालय शहडोल, डॉक्टर नागेन्द्र सिंह और डॉक्टर प्राणदा शुक्ला, सहायक प्राध्यापक शासकीय मेडिकल कॉलेज शहडोल शामिल हैं. ये जांच कमेटी तीन दिन के अंदर जांच प्रतिवेदन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपेगी.

नवजातों की मौत के मामले में बोले कमिश्नर

इस मामले पर शहडोल कमिश्नर नरेश पाल का कहना है कि जिला अस्पताल में बच्चों की मौत के संबंध में सीएमएचओ ने जो पड़ताल की है, उसमें ये पाया गया है कि अभिभावकों ने बच्चों को तब एडमिट कराया जब बच्चों की स्थिति ज्यादा खराब थी. फिर भी डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टॉफ ने बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन फिर भी बच्चों को बचाया नहीं गया. हमारे फील्ड में जो महिला बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हैं. उनको निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे बच्चे जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है उनकी सतत रूप से जांच करें और उनको समय पर भर्ती करने के लिए पालकों उनके अभिभावकों को प्रोत्साहित करें. जिससे की बच्चे समय पर अगर इलाज के लिए आ जाएंगे तो निश्चित रूप से डॉक्टर्स उनको पूरे प्रयास करके उनके जीवन की रक्षा कर सकेंगे. सीएमएचओ और जिला चिकित्सालय ने रिपोर्ट प्रस्तुत की है. अगर बच्चों को समय पर अस्पताल में भर्ती किया जाता तो बेहतर परिणाम हो सकते थे।

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