भोपाल। मध्यप्रदेश आर्थिक अपराध शाखा (Madhya Pradesh Economic Offenses Wing) ने जल संसाधन विभाग के 3 हजार 333 करोड़ के सात टेंडरों में ठेकेदारों को 800 करोड के एडवांस भुगतान मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज की. ईओडब्ल्यू ने शुरूआती जांच में गड़बड़ी मिलने के बाद जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर सहित 4 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि विभाग के टेंडर पर 7 निजी कंपनियों को 800 करोड़ का अग्रिम भुगतान कर दिया गया था.
यह है पूरा मामला
बता दे हाई प्रेशर अंडरग्राउंड पाइप लाइन नहर निर्माण के लिए 3 हजार 333 करोड़ रुपए के टेंडर निजी कंपनियों को दिए गए थे. यह टेंडर अगस्त 2018 से फरवरी 2019 के बीच सांत सिंचाई प्रोजेक्ट के लिए टर्न के आधार पर दिए गए थे. मुख्य इंजीनियर गंगा कहार ने सरकार के संज्ञान में लाया था कि गोंद मेगा वृहद परियोजना के लिए राज्य शासन के 27 मई 2019 के आदेश में पेमेंट शेडयूल की कंडिका 3 को तोड़ कर यह भुगतान किया गया था. लेकिन मामले की जब छानबीन कराई गई तो इस तरह का कोई प्रावधान नहीं पाया गया. राज्य शासन की जांच में सामने आया था कि विभाग के अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही यह कदम उठाया था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने पिछले दिनों इस मामले के जांच के आदेश दिए थे. सीएम के आदेश के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने इंजीनियरों और अधिकारियों के खिलाफ जांच करने की ईओडब्ल्यू को अनुमति दे दी है.