भोपाल। ई-टेंडर घोटाले में अब केंद्र और राज्य सरकार की जांच एजेंसियां आमने-सामने हो गई हैं. जहां भारत सरकार की एजेंसी EOW पर पूरा डाटा नहीं भेजने का आरोप लगाया जा रहा है, तो वहीं EOW के अधिकारी इन आरोपों को गलत बता रहे हैं. ऐसे में जांच आगे बढ़ने के जगह अधर में लटकी हुई है. अब इस मामले को निपटाने के लिए 17 फरवरी 2020 को दोनों जांच एजेंसियों के अधिकारी बैठकर हल निकालेंगे.
दरअसल EOW ने भारत सरकार की जांच एजेंसी भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम को तकनीकी जांच के लिए ई-टेंडर का डाटा भेजा था. EOW ने 9 टेंडरों का डाटा सर्ट-इन को भेजा था, जिसमें से 3 मामलों की रिपोर्ट EOW के पास पहुंच गई है, लेकिन अभी भी 6 टेंडरों की जांच रिपोर्ट EOW को नहीं मिली है. लिहाजा इन टेंडरों को लेकर जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है. इधर सर्ट-इन के अधिकारियों का कहना है कि EOW ने उन्हें जांच से जुड़े दस्तावेज और पूरा डाटा भेजा ही नहीं है.
पिछले 10 महीनों में 6 टेंडरों की जांच रिपोर्ट EOW के पास नहीं पहुंची है. इसके लिए डीजी केन तिवारी और डीजी सुशोभन बनर्जी ने सर्ट-इन को कई बार पत्र भी लिखा था, लेकिन जवाब नहीं मिला. जबकि EOW के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने सर्ट-इन को जांच के लिए सभी टेंडरों से जुड़े दस्तावेज भेज दिए थे. ऐसे में इस मामले को लेकर 17 फरवरी 2020 को EOW और सर्ट-इन के अधिकारी बैठक करेंगे.