भोपाल। प्रदेश सरकार छोटे उद्योग को शुरु करने के लिए सितंबर महीने से हर एक जिले में अलग-अलग स्तर पर सेमिनार आयोजित करने जा रही है. जिसे लेकर मंत्रालय में सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने सेमिनार आयोजित करने के लिए अभी से काम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए.
समीक्षा बैठक के दौरान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो एमएसएमई के लिए महत्वपूर्ण पैकेज दिया है उसका प्रदेश के नव उद्यमियों के लिए भरपूर उपयोग किया जाएगा. प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की स्थापना के लिए सितंबर माह में सेमीनार आयोजित किए जाएंगे.
मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने उद्योग अधिकारियों से कहा कि उनके क्रियाकलाप केवल औद्योगिक क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं होने चाहिए, स्वयं उद्योग चलाने वालों की भी सरकार संकट के समय मदद करेगी. उन्होंने कहा कि वे हर सप्ताह मैदानी स्तर के कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि आत्मनिर्भर पैकेज के तहत 25 करोड़ तक की ऋणी इकाइयों को पुनः 20 प्रतिशत लोन की सुविधा का जरूरतमंद कारोबारियों को लाभ दिलवाना सुनिश्चित किया जाए अब तक इस स्कीम से लाभान्वितों की समीक्षा अगली बैठक में होगी .
मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने सभी उद्योग अधिकारियों के साथ अनेक जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों में बीमार और बंद पड़ी इकाइयों की समीक्षा की. जहां उन्होंने निर्देश दिए कि उद्यमियों से व्यक्तिगत संपर्क कर कारणों की जानकारी प्राप्त कर यह पता लगाया जाए कि बंद इकाई को किस तरह की मदद से फिर सुचारू रुप से शुरु किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में लघु और मध्यम उद्योगों को चालू कराएं .
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अगले माह में होने वाले सेमिनार के पहले अपने क्षेत्रों में लगने वाली इकाइयों की रूपरेखा स्थानीय जनप्रतिनिधि, व्यवसाईयों, कृषक और उद्योग लगाने के इच्छुक युवाओं से सतत संपर्क कर रणनीति बनाई जाएं. उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में उपलब्ध भूमि की जानकारी तैयार करें और नए औद्योगिक क्षेत्र के लिए आवंटित भूमि का कब्जा लें, साथ ही उन्होंने कहा कि वित्तीय संस्थाओं के साथ समन्वय करें और प्रदेश की उद्योग नीति के अनुरूप रूपरेखा तैयार करें, जिससे सेमिनार में ही अनेक इकाइयों के स्थापना की शुरुआत हो सके. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान क्षेत्र विशेष की खासियत और उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा भी की गई.