भोपाल। क्या वजह रही कि अपने दिल का डर साझा करने अतीक अहमद ने एमपी की जमीन को मुफीद समझा. एमपी में 24 घंटे पहले जाहिर किया गया अतीक अहमद का डर कैसे हकीकत बन गया. इसके पहले एमपी में ही अतीक अहमद के काफिले का गाय से टकाराना बड़ा हादसा टल जाना, अतीक अहमद का क्या और कैसे-कैसे रहा एमपी कनेक्शन.
एमपी में बताया था अतीक ने अपना डर जो यूपी में हकीकत बना: उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद को पुलिस गुजरात से प्रयागराज की ओर ले जा रही थी. मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में अतीक अहमद वॉशरुम जाने के लिए उतरा था. उसे नजदीक के थाने में ले जाया गया. इसी दौरान अतीक का डर बाहर आया था. मीडिया ने अतीक से कई सवाल किए. हांलाकि अतीक की बॉडी लैग्वेंज पहले बता रही थी कि वो बात करना नहीं चाहते. उन्होंने जवाब दिया भी नहीं, लेकिन फिर बाद में उन्होंने मीडिया के जरिए अपने डर की बयानी की. अतीक अहमद ने कहा कि मैं तो पहले ही मिट्टी का ढेर बन चुका हूं. उसके बाद भी मुझे रगड़ा यानि परेशान किया जा रहा है. अपने परिवार को लेकर चिंता जताते हुए अतीक ने कहा था कि हम सरकार से ये कहना चाहते हैं कि हम तो मिट्टी में मिल चुके हैं, लेकिन हमारी औरतों को और बच्चों को परेशान ना करें. खास बात ये है कि अतीक अहमद ने ये बयान एमपी के शिवपुरी में दिया था. उसके 24 घंटे के भीतर ही अतीक के बेटे असद अहमद और उसके साथी गुलाम का एनकाउंटर भी हो गया.
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शिवपुरी में ही बाल बाल बचा था अतीक: इसके पहले भी जब प्रयाग राज ले जाते समय अतीक अहमद का काफिला एमपी से गुजरा था. तब भी बड़ा हादसा टला था. असल में अतीक अहमद को भारी सुरक्षा के बीच प्रयागराज लाया जा रहा था. जैसे ही उनके काफिले ने एमपी के शिवपुरी जिले में एंट्री ली उनकी गाड़ी एक गाय से बुरी तरह टकराई. इस टक्कर के बाद अतीक अहमद जिस गाड़ी में था वो पलटते-पलटते बची. दूसरी तरफ गाय की भी मौत हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा था कि अगर ये टक्कर और जरा तेज होती तो मुमकिन था कि बड़ा हादसा होता. अतीक को लिए हुए 6 गाड़ियों का काफिला एमपी के शिवपुरी इलाके से गुजरा था.
क्या बोले रिटायर्ड अधिकारी: वहीं मामले में एमपी के रिटायर्ड एडीजी विजय वाते ने कहा कि यूपी पुलिस का अपना एक अलग स्टाइल है. इस पूरे मामले में काफी पहले से रैकी की गई होगी. फॉलोअप चल रहा होगा, लेकिन एक बात साफ है कि अपने स्टेट में आरोपी को पकड़ना आसान होता है. इसीलिए जैसे ही उसका यूपी में प्रवेश होने तक इंतजार किया और फिर पकड़ने की कोशिश की गई. जब सामने से गोलियां चली तो जवाबी कार्रवाई की गई. हालांकि अभी इसकी बारीकी से जांच होगी और कई तथ्य सामने आएंगे.
रिटायर्ड एडीजी कंचन लाल मीणा ने कहा कि ऐसे मामले में कुछ भी कहना मुश्किल होता है. एनकाउंटर हुआ है, यह हम सबके सामने है. यह कहीं भी हो सकता था. अभी इसकी ज्यूडिशियल जांच की जाएगी. दो से चार डॉक्टर पोस्टमार्टम करेंगे. एक-एक तथ्य की वीडियोग्राफी के साथ जांच होगी. कई सारी बातें सामने आना बाकी है.