भोपाल। मध्यप्रदेश में कर्मचारियों को केंद्र के बराबर डीए देने के बाद भी पुरानी पेंशन के लिए कर्मचारी संगठन बजट सत्र में सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. इस बार सभी संगठनों ने एक संयुक्त कर्मचारी मोर्चा बना लिया है. उन्होंने 13 मार्च को भोपाल में एक विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया है, जिसमें वह पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे और यदि उनकी मांगों पर सरकार ने विचार नहीं किया तो संगठन ने अप्रैल में पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.
पुरानी पेंशन स्कीम के लिए कर्मचारी संगठन लामबंद
पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है. सभी संगठनों ने एकसाथ मिलकर आंदोलन की तैयारी की है. कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष जितेंद्र राजपूत ने बताया प्रदेश शासन को लगातार ज्ञापन एवं धरना प्रदर्शन कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग की गई. शासन ने कर्मचारी की मांगों को हमेशा अनदेखा है, इसलिए अब मजबूर होकर कर्मचारियों को आंदोलन करना पड़ रहा है. कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कहा कि सरकार शीघ्र ही पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने संबंधी कोई कदम नहीं उठाती है तो आगामी 13 मार्च से भोपाल से आंदोलन की शुरुआत की जाएगी.
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क्या है नई पेंशन स्कीम
एमपी में 1 जनवरी 2005 को तथा उसके बाद नियुक्त हजारों कर्मचारियों के लिए नई पेंशन व्यवस्था लागू की गई. इसके तहत रिटायर होने वाले कर्मचारियों को प्रतिमाह 800-1000 रुपए ही पेंशन प्राप्त हो रही है, जिससे कि बुढ़ापे में कर्मचारियों का जीवन चलना मुश्किल हो गया है. नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के कुल वेतन का 10% कटौती किया जाता है तथा शासन द्वारा 12% राशि जमा की जाती है और इस राशि को शेयर मार्केट में लगाया जाता है, जिसके चलते कर्मचारियों का भविष्य भी शेयर मार्केट पर निर्भर हो गया. इस प्रकार शेयर मार्केट में जमा कुल राशि का रिटायरमेंट होने पर 60% कर्मचारियों को नकद दिया जाता है तथा शेष 40% जमा राशि के ब्याज से प्राप्त राशि को पेंशन के रूप में कर्मचारियों को दिया जाता है.
(old pension scheme) (new pension scheme)