भोपाल। जिन कर्मचारियों ने मोर्चा खोला है, उनमें निगम, मंडल, बोर्ड, परिषद, सहकारी संस्था एवं अशासकीय संस्थाओं के साथ मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिक शामिल हैं. इन सभी ने सेमी गवर्नमेंट एंप्लाइज फेडरेशन एमपी भोपाल के नेतृत्व में प्रांतीय सम्मेलन राजधानी भोपाल में आयोजित किया. फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल वाजपेयी व प्रदेश उपाध्यक्ष ओपी वर्मा ने कहा है कि सरकार कर्मचारियों के साथ छल कर रही है.
सीएम हाउस तक रैली निकालेंगे : प्रांतीय सम्मेलन मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ के प्रदेश मुख्यालय कर्मचारी भवन में आयोजित किया गया. इसमें मुख्य रूप से निगम में आउटसोर्स प्रथा को बंद करने, 10 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत श्रमिकों को नियमित करने आदि की मांगें की गईं. साथ ही मांग की गई कि निगम से सभी सुविधाओं का लाभ कर्मचारियों को दिया जाए. सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि 13 एवं 14 अप्रैल को मध्य प्रदेश के समस्त निगम, मंडल, बोर्ड, परिषद, सहकारी एवं अर्द्ध शासकीय संस्थाओं में काम करने वाले कर्मचारियों द्वारा दो दिन का कार्यालयीन सामूहिक रूप से बंद रखा जाएगा.इसके बाद इन्हीं मांगों को लेकर 1 मई 2023 को भोपाल के अंबेडकर पार्क से सीएम हाउस तक रैली निकाली जाएगी.
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पुराने कर्मचारियों को किया दरकिनार : सम्मेलन में मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कारपोरेशन के कार्यरत दैनिक वेतन कर्मचारियों के विरुद्ध निगम प्रबंधन द्वारा अपनी हठधर्मिता अपनाने का आरोप लगाया गया. प्रदेश अध्यक्ष वाजपेयी ने कहा कि दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को 1 माह पूर्व नोटिस दिए बिना आउटसोर्स प्रथा लागू की गई और इसके बाद श्रम नियमों के विरुद्ध इन कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया. यहां तक कि जब श्रम एवं सहायक श्रम आयुक्त श्रम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में केस लगाए गए और कर्मचारी हक में फैसला आया तो उसे भी नहीं माना गया.