ETV Bharat / state

नए वित्तीय वर्ष से पहले कर्मचारियों को मिल सकता है बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता, पांच प्रतिशत का होगा इजाफा

मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार मध्यप्रदेश के 10 लाख से ज्यादा कर्मचारियों का पांच फीसदी डीए बढ़ाने जा रही है. जिसको लेकर वित्त मंत्री तरुण भनोट ने प्रस्ताव कैबिनेट के पास रखने के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिए हैं.

Employees can get increased dearness allowance
कमलनाथ कैबिनेट
author img

By

Published : Jan 2, 2020, 4:17 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश के कर्मचारी वर्ग के लिए साल 2020 अच्छा साबित होने वाला है. क्योंकि लंबे समय से अटका महंगाई भत्ते का मामला सुलझने की कगार पर पहुंच गया है. कमलनाथ सरकार प्रदेश के 10 लाख से ज्यादा कर्मचारियों का 5 फ़ीसदी महंगाई भत्ता (डीए ) नए वित्तीय वर्ष में बढ़ाने जा रही है. जिसकी कवायद शुरू कर दी गई है.


कर्मचारियों को अभी 12 फ़ीसदी डीए मिल रहा है. कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनर्स को भी इसका लाभ दिया जाएगा. वित्तीय विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है. अंतिम फैसले के लिए प्रस्ताव कैबिनेट के सामने जल्द रखने की तैयारी की जा रही है. पेंशनर्स को महंगाई राहत देने का फैसला तो लिया जा सकता है,लेकिन भुगतान छत्तीसगढ़ से सहमति मिलने के बाद ही हो पाएगा.

कमलनाथ सरकार देगी महंगाई भत्ता


प्रदेश में अखिल भारतीय सेवा के सदस्यों का 5 फ़ीसदी डीए सामान्य प्रशासन विभाग ने 24 अक्टूबर को 1 जुलाई 2019 से बढ़ा दिया. लेकिन प्रदेश के कर्मचारियों को लेकर अब तक निर्णय नहीं हुआ है. दरअसल प्रदेश की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि एकमुश्त इतनी राशि व्यय की जा सके. लिहाजा राज्य के कर्मचारियों और पेंशनर्स के मामले में निर्णय लंबे समय से नहीं पा रहा था. यही वजह है कि यह मामला काफी दिनों से अटका पड़ा था.


तरूण भनोट ने अधिकारियों को दिए निर्देश
बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री तरुण भनोट ने प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनर्स का डीए / डीआर बढ़ाए जाने को लेकर प्रस्ताव कैबिनेट के पास रखने के दिशा निर्देश अधिकारियों को दे दिए है. जिससे इसे हर हाल में कैबिनेट में सही समय पर रखा जा सके. केंद्र सरकार ने 14 अक्टूबर को कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 12 फ़ीसदी से बढ़ाकर 17 फ़ीसदी कर दिया था. आमतौर पर एक बार में 2 फ़ीसदी डीए बढ़ाया जाता रहा है लेकिन इस बार पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई है.


छत्तीसगढ़ की अनुमति है जरूरी
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा जनवरी में एक बार फिर से डीए में वृद्धि की जाएगी यदि ऐसा होता है तो फिर राज्य दिए डीआर को लंबित रखने पर अपना ही आर्थिक बोझ बढ़ाएगी. हालांकि इस मामले में एक बड़ी समस्या यह भी है कि पेंशनर्स का डीआर बढ़ाने को लेकर कैबिनेट भले ही फैसला कर ले पर यह अमल में तभी आ सकता है. जब छत्तीसगढ़ सहमति दे दे. दरअसल राज्य बंटवारा कानून के मुताबिक ऐसे कोई भी कदम एक राज्य अकेला नहीं उठा सकता है. जो दोनों राज्यों की वित्तीय व्यवस्था से जुड़ा हुआ हो. यही वजह है कि इस फैसले में भी सरकार कोई फैसला नहीं ले पा रही है.

भोपाल। मध्यप्रदेश के कर्मचारी वर्ग के लिए साल 2020 अच्छा साबित होने वाला है. क्योंकि लंबे समय से अटका महंगाई भत्ते का मामला सुलझने की कगार पर पहुंच गया है. कमलनाथ सरकार प्रदेश के 10 लाख से ज्यादा कर्मचारियों का 5 फ़ीसदी महंगाई भत्ता (डीए ) नए वित्तीय वर्ष में बढ़ाने जा रही है. जिसकी कवायद शुरू कर दी गई है.


कर्मचारियों को अभी 12 फ़ीसदी डीए मिल रहा है. कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनर्स को भी इसका लाभ दिया जाएगा. वित्तीय विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है. अंतिम फैसले के लिए प्रस्ताव कैबिनेट के सामने जल्द रखने की तैयारी की जा रही है. पेंशनर्स को महंगाई राहत देने का फैसला तो लिया जा सकता है,लेकिन भुगतान छत्तीसगढ़ से सहमति मिलने के बाद ही हो पाएगा.

कमलनाथ सरकार देगी महंगाई भत्ता


प्रदेश में अखिल भारतीय सेवा के सदस्यों का 5 फ़ीसदी डीए सामान्य प्रशासन विभाग ने 24 अक्टूबर को 1 जुलाई 2019 से बढ़ा दिया. लेकिन प्रदेश के कर्मचारियों को लेकर अब तक निर्णय नहीं हुआ है. दरअसल प्रदेश की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि एकमुश्त इतनी राशि व्यय की जा सके. लिहाजा राज्य के कर्मचारियों और पेंशनर्स के मामले में निर्णय लंबे समय से नहीं पा रहा था. यही वजह है कि यह मामला काफी दिनों से अटका पड़ा था.


तरूण भनोट ने अधिकारियों को दिए निर्देश
बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री तरुण भनोट ने प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनर्स का डीए / डीआर बढ़ाए जाने को लेकर प्रस्ताव कैबिनेट के पास रखने के दिशा निर्देश अधिकारियों को दे दिए है. जिससे इसे हर हाल में कैबिनेट में सही समय पर रखा जा सके. केंद्र सरकार ने 14 अक्टूबर को कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 12 फ़ीसदी से बढ़ाकर 17 फ़ीसदी कर दिया था. आमतौर पर एक बार में 2 फ़ीसदी डीए बढ़ाया जाता रहा है लेकिन इस बार पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई है.


छत्तीसगढ़ की अनुमति है जरूरी
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा जनवरी में एक बार फिर से डीए में वृद्धि की जाएगी यदि ऐसा होता है तो फिर राज्य दिए डीआर को लंबित रखने पर अपना ही आर्थिक बोझ बढ़ाएगी. हालांकि इस मामले में एक बड़ी समस्या यह भी है कि पेंशनर्स का डीआर बढ़ाने को लेकर कैबिनेट भले ही फैसला कर ले पर यह अमल में तभी आ सकता है. जब छत्तीसगढ़ सहमति दे दे. दरअसल राज्य बंटवारा कानून के मुताबिक ऐसे कोई भी कदम एक राज्य अकेला नहीं उठा सकता है. जो दोनों राज्यों की वित्तीय व्यवस्था से जुड़ा हुआ हो. यही वजह है कि इस फैसले में भी सरकार कोई फैसला नहीं ले पा रही है.

Intro:(रेडी टू अपलोड)

नए वित्तीय वर्ष से पहले कर्मचारियों को मिल सकता है बड़ा हुआ महंगाई भत्ता, 5 प्रतिशत का होगा इजाफा

भोपाल | प्रदेश के कर्मचारी वर्ग के लिए वर्ष 2020 अच्छा साबित होने वाला है ,क्योंकि लंबे समय से अटका महंगाई भत्ते का मामला सुलझने की कगार पर पहुंच गया है . कमलनाथ सरकार प्रदेश के 10 लाख से ज्यादा कर्मचारियों का 5 फ़ीसदी महंगाई भत्ता (डीए ) नए वित्तीय वर्ष में बढ़ाने जा रही है . जिसकी कवायद शुरू कर दी गई है, इन्हें अभी 12 फ़ीसदी दिए मिल रहा है कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनर्स को भी इसका लाभ दिया जाएगा वित्तीय विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है अंतिम फैसले के लिए प्रस्ताव कैबिनेट के सामने जल्द रखने की तैयारी की जा रही है .पेंशनर्स को महंगाई राहत देने का फैसला तो साथ-साथ लिया जा सकता है, लेकिन भुगतान छत्तीसगढ़ से सहमति मिलने के बाद ही हो पाएगा .
Body:प्रदेश में अखिल भारतीय सेवा के सदस्यों का 5 फ़ीसदी डीए सामान्य प्रशासन विभाग ने 24 अक्टूबर को 1 जुलाई 2019 से बढ़ा दिया . लेकिन प्रदेश के कर्मचारियों को लेकर अब तक निर्णय नहीं हुआ है . दरअसल प्रदेश की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि एकमुश्त इतनी राशि व्यय की जा सके . इसीलिए राज्य के कर्मचारियों और पेंशनर्स के मामले में निर्णय लंबे समय से हो ही नहीं पा रहा था यही वजह है कि यह मामला काफी दिनों से अटका पड़ा था .


बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री तरुण भनोट ने प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनर्स का डीए / डीआर बढ़ाए जाने को लेकर प्रस्ताव कैबिनेट के समय विचार के लिए रखने के दिशा निर्देश अधिकारियों को दे दिए हैं , ताकि इसे हर हाल में कैबिनेट में सही समय पर रखा जा सके . केंद्र सरकार ने 14 अक्टूबर को कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 12 फ़ीसदी से बढ़ाकर 17 फ़ीसदी कर दिया था . आमतौर पर एक बार में 2 फ़ीसदी डीए बढ़ाया जाता रहा है लेकिन इस बार पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई है .


बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा जनवरी में एक बार फिर से डीए में वृद्धि की जाएगी यदि ऐसा होता है तो फिर राज्य दिए डीआर को लंबित रखने पर अपना ही आर्थिक बोझ बढ़ाएगी . इसके मद्देनजर यह तय किया गया है कि अंतिम फैसले के लिए प्रस्ताव कैबिनेट के सामने रख दिया जाए , साथ ही वित्त विभाग के द्वारा कैबिनेट में यह भी बताया जाएगा कि 5 फ़ीसदी दिए और डीआर बढ़ाने से प्रदेश के खजाने पर कितना असर पड़ेगा . बताया जा रहा है कि कर्मचारियों और पेंशनरों का डीए और डीआर 1 फ़ीसदी बढ़ाने पर खजाने पर हर महीने करीब 50 करोड़ रुपए का आर्थिक वित्तीय भार आएगा 5 प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो यह राशि 250 करोड़ रुपए प्रति माह के आसपास आएगी .


Conclusion:हालांकि इस मामले में एक बड़ी समस्या यह भी है कि पेंशनर्स का डीआर बढ़ाने को लेकर कैबिनेट भले ही फैसला कर ले पर यह अमल में तभी आ सकता है जब छत्तीसगढ़ सहमति दे दे , दरअसल राज्य बंटवारा कानून के मुताबिक ऐसे कोई भी कदम एक राज्य अकेला नहीं उठा सकता है जो दोनों राज्यों की वित्तीय व्यवस्था से जुड़ा हुआ हो यही वजह है कि इस फैसले में भी सरकार कोई फैसला नहीं ले पा रही है . लेकिन सरकार की कोशिश है कि वह जल्द से जल्द नए वित्तीय वर्ष से पहले ही कर्मचारियों को डीए दे दे .
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.