भोपाल। कोरोना के बढ़ते कहर के कारण जहां सभी त्योहार फीके पड़ गए हैं, वहीं अब ईद मिलादुन्नबी को लेकर भी काफी असमंजस की स्थिती है. हलांकि भोपाल में हुई त्योहार कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया है की आगामी त्योहार ईद मिलादुन्नबी में इस बार कोई जुलूस नहीं निकाला जाएगा. बल्की अलग-अलग स्थानों पर छोटे-छोटे कार्यक्रम किए जाएंगे, जिसमें कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाएगा.
कोविड 19 के कारण जुलूस स्थगित
ईद मिलादुन्नबी के मौके पर हर साल मुस्लिम समाज के लोग जुलूस निकालते हैं और यह जुलूस शहर के अलग-अलग इलाकों से निकलता है. लेकिन कोविड-19 के बढ़ते केस और भीड़ को देखते हुए इस बार इसे नहीं निकालने का फैसला किया गया है. संस्था को डर है कि भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होगा, जिससे कोरोना वायरस और फैल सकता है.
जुलूस की जगह होंगे छोटे कार्यक्रम
रात भर इबादत और सुबह फजर की नमाज पढ़ने के बाद मुस्लिम समाज के लोग जुलूस निकालते हैं और जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं. भीड़ के कारण ही इस बार जुलूस को स्थगित किया गया है. इसके अलावा निर्देश दिए गए हैं कि सभी मुस्लिम धर्मावलंबी घरों में रहकर खुदा की इबादत करेंगे और शाम के समय अलग-अलग जगहों पर होने वाले जलसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शामिल होंगे.
पैगंबर साहब के जन्मदिन पर मनाया जाता है ईद मिलादुन्नबी
ईद मिलादुन्नबी इस्लाम के इतिहास का सबसे अहम दिन माना जाता है. पैगंबर साहब का जन्म इस तीसरे महीने के 12वे दिन हुआ था. इस दिन को मनाने की शुरुआत मिस्र से 11वीं सदी से हुई थी. इस मौके पर लोग रात भर जागते हैं और मस्जिदों में पैगंबर द्वारा दी गई कुरान और दीन की तालीम का जिक्र किया जाता है. इस दिन मस्जिदों में तकरीर कर पैगंबर के बताए गए रास्ते और उनके आदर्शों पर चलने की सलाह दी जाती है.