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नवरात्रि पर्व को लेकर असमंझस की स्थिति, सरकार से गाइडलाइन जारी करने की अपील

कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों पर रोक के बाद अब नवरात्रि पर्व पर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. अब तक सरकार की ओर से नवरात्र पर्व को लेकर कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में दुर्गा उत्सव पर मूर्तियों और झांकियों का काम रुका हुआ है. दुर्गा उत्सव समिति के सदस्यों ने सरकार से मांग की है कि वे जल्द से जल्द नवरात्र उत्सव को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करें.

Confusion about Navratri festival in bhopal
नवरात्रि पर्व को लेकर असमंजस की स्थिति
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Published : Sep 6, 2020, 8:25 AM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों पर सरकार के द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अब नवरात्रि पर्व पर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. अब तक सरकार की ओर से नवरात्र पर्व को लेकर कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में दुर्गा उत्सव पर मूर्तियों और झांकियों का काम रुका हुआ है. दुर्गा उत्सव समिति के सदस्यों ने सरकार से मांग की है कि वे जल्द से जल्द नवरात्र उत्सव को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करें. क्योंकि वे मूर्तियों के निर्माण कार्य शुरू हो चुके हैं. इसके अलावा बड़ी झांकियां स्थापित करने का काम अभी भी रुका हुआ है.

केंद्र सरकार के द्वारा अनलॉक फोर की शुरुआत के साथ ही सभी तरह की गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दे दी गई है. इसके अलावा लॉकडाउन भी पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में अब दुर्गा उत्सव समितियों को उम्मीद है कि जल्द से जल्द सरकार दुर्गा उत्सव को लेकर निर्णय ले. ताकि प्रदेश में स्थापित होने वाली सभी दुर्गा उत्सव की झांकियां बनाने का काम शुरू किया जा सके.

जय मां वैष्णो दुर्गा उत्सव समिति विट्ठल मार्केट के संयोजक हरिओम खटीक का कहना है कि सरकार के द्वारा गणेश उत्सव को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई थी. उसका सभी समितियों के द्वारा पालन किया गया है.

इस वर्ष किसी भी समिति के द्वारा सार्वजनिक तौर पर गणेश स्थापना नहीं की गई थी और ना ही कहीं पर झांकियों की स्थापना की गई थी. लेकिन अब नवरात्रि का पर्व एक माह दूर है. ऐसी स्थिति में अब तक सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. जिसकी वजह से सभी दुर्गा उत्सव समितियों के बीच में असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है.

समिति के संयोजक हरिओम खटीक का कहना है कि विट्ठल मार्केट समिति के द्वारा मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी झांकी स्थापित की जाती है. इसकी लागत करीब 50 लाख रुपए के करीब पहुंचती है.

भव्य झांकी को निर्मित करने के लिए करीब 2 माह का समय लगता है, लेकिन अब हमारे पास समय की काफी कमी है. इसके अलावा मूर्तियों के निर्माण में भी काफी समय लग जाता है.

वहीं अभी तक सरकार की ओर से दुर्गा उत्सव को लेकर किसी भी प्रकार का कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है, जिसकी वजह से अब तक प्रदेश भर की किसी भी समिति के द्वारा मूर्तियों की बुकिंग नहीं की गई है.

भोपाल। कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों पर सरकार के द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अब नवरात्रि पर्व पर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. अब तक सरकार की ओर से नवरात्र पर्व को लेकर कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में दुर्गा उत्सव पर मूर्तियों और झांकियों का काम रुका हुआ है. दुर्गा उत्सव समिति के सदस्यों ने सरकार से मांग की है कि वे जल्द से जल्द नवरात्र उत्सव को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करें. क्योंकि वे मूर्तियों के निर्माण कार्य शुरू हो चुके हैं. इसके अलावा बड़ी झांकियां स्थापित करने का काम अभी भी रुका हुआ है.

केंद्र सरकार के द्वारा अनलॉक फोर की शुरुआत के साथ ही सभी तरह की गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दे दी गई है. इसके अलावा लॉकडाउन भी पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में अब दुर्गा उत्सव समितियों को उम्मीद है कि जल्द से जल्द सरकार दुर्गा उत्सव को लेकर निर्णय ले. ताकि प्रदेश में स्थापित होने वाली सभी दुर्गा उत्सव की झांकियां बनाने का काम शुरू किया जा सके.

जय मां वैष्णो दुर्गा उत्सव समिति विट्ठल मार्केट के संयोजक हरिओम खटीक का कहना है कि सरकार के द्वारा गणेश उत्सव को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई थी. उसका सभी समितियों के द्वारा पालन किया गया है.

इस वर्ष किसी भी समिति के द्वारा सार्वजनिक तौर पर गणेश स्थापना नहीं की गई थी और ना ही कहीं पर झांकियों की स्थापना की गई थी. लेकिन अब नवरात्रि का पर्व एक माह दूर है. ऐसी स्थिति में अब तक सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. जिसकी वजह से सभी दुर्गा उत्सव समितियों के बीच में असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है.

समिति के संयोजक हरिओम खटीक का कहना है कि विट्ठल मार्केट समिति के द्वारा मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी झांकी स्थापित की जाती है. इसकी लागत करीब 50 लाख रुपए के करीब पहुंचती है.

भव्य झांकी को निर्मित करने के लिए करीब 2 माह का समय लगता है, लेकिन अब हमारे पास समय की काफी कमी है. इसके अलावा मूर्तियों के निर्माण में भी काफी समय लग जाता है.

वहीं अभी तक सरकार की ओर से दुर्गा उत्सव को लेकर किसी भी प्रकार का कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है, जिसकी वजह से अब तक प्रदेश भर की किसी भी समिति के द्वारा मूर्तियों की बुकिंग नहीं की गई है.

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