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भारी बारिश के चलते खोले गए कोलार डैम के दो गेट

राजधानी में तेज बारिश के चलते कोलार डैम के दो गेटों को खोला गया हैं. इससे पहले डैम के गेट को 2016 में खोला गया था.

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Published : Sep 10, 2019, 5:56 AM IST

तेज बारिश के चलते कोलार डैम के दो गेटों को खोला गया

भोपाल| राजधानी में हो रही तेज बारिश का दौर सोमवार रात को भी जारी रहा. जिसके चलते राजधानी के सभी डैम में पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है. प्रशासन के द्वारा समय-समय पर डैम के गेट भी खोले जा रहे हैं, ताकि जल की निकासी हो सके.

तेज बारिश के चलते कोलार डैम के दो गेटों को खोला गया

वहीं राजधानी के भदभदा डैम, केरवा डैम, कलियासोत डैम के गेट सोमवार के दिन ही कई बार खोले गए. जबकि कोलार डैम का भी वाटर लेवल फुल हो गया है. जिसके बाद देर शाम प्रशासनिक अधिकारियों ने कोलार डैम की पूजा अर्चना करके डैम के गेट को खोल दिया गया. इससे पहले वर्ष 2016 में कोलार डैम के गेट खोले गए थे. भोपाल से करीब 30 किलोमीटर दूर बने इस कोलार डैम पर पर्यटकों की भी अच्छी खासी भीड़ देखी जाती है.

कोलार डैम के गेटों को 32 सालों में चौथी बार खोला गया हैं. कोलार डैम से 61 एमसीएम पानी शहर को दिया जाता है. वहीं सीहोर जिले में सिंचाई के लिए भी इसी पानी का उपयोग किया जाता है. गेट खोलने से पहले जल संसाधन विभाग ने जिला प्रशासन और नगर निगम को इसकी सूचना दे दी थी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में हालात को काबू किया जा सके. वहीं अधिकारियों ने बताया है कि भदभदा के गेट करीब 33 घंटे से लगातार खुले हुए हैं. क्योंकि बड़े तालाब में लगातार पानी बढ़ रहा है.

भोपाल| राजधानी में हो रही तेज बारिश का दौर सोमवार रात को भी जारी रहा. जिसके चलते राजधानी के सभी डैम में पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है. प्रशासन के द्वारा समय-समय पर डैम के गेट भी खोले जा रहे हैं, ताकि जल की निकासी हो सके.

तेज बारिश के चलते कोलार डैम के दो गेटों को खोला गया

वहीं राजधानी के भदभदा डैम, केरवा डैम, कलियासोत डैम के गेट सोमवार के दिन ही कई बार खोले गए. जबकि कोलार डैम का भी वाटर लेवल फुल हो गया है. जिसके बाद देर शाम प्रशासनिक अधिकारियों ने कोलार डैम की पूजा अर्चना करके डैम के गेट को खोल दिया गया. इससे पहले वर्ष 2016 में कोलार डैम के गेट खोले गए थे. भोपाल से करीब 30 किलोमीटर दूर बने इस कोलार डैम पर पर्यटकों की भी अच्छी खासी भीड़ देखी जाती है.

कोलार डैम के गेटों को 32 सालों में चौथी बार खोला गया हैं. कोलार डैम से 61 एमसीएम पानी शहर को दिया जाता है. वहीं सीहोर जिले में सिंचाई के लिए भी इसी पानी का उपयोग किया जाता है. गेट खोलने से पहले जल संसाधन विभाग ने जिला प्रशासन और नगर निगम को इसकी सूचना दे दी थी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में हालात को काबू किया जा सके. वहीं अधिकारियों ने बताया है कि भदभदा के गेट करीब 33 घंटे से लगातार खुले हुए हैं. क्योंकि बड़े तालाब में लगातार पानी बढ़ रहा है.

Intro:कोलार डैम 32 सालों के इतिहास में चौथी बार हुआ फुल , देर शाम खोले गए दो गेट

भोपाल | राजधानी में चल रहा तेज बारिश का दौर सोमवार रात भी जारी रहा . राजधानी के सभी डैम में लगातार पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है . प्रशासन के द्वारा समय-समय पर डैम के गेट भी लगातार खोले जा रहे हैं ताकि जल की निकासी हो सके . राजधानी के भदभदा डैम ,केरवा डैम ,कलियासोत डैम के गेट सोमवार के दिन ही कई बार खोले गए. लेकिन आखिरकार जिसका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था , कोलार डैम वह भी अपने फुल वाटर लेवल पर पहुंच गया . देर शाम प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा कोलार डैम की पूजा अर्चना करने के बाद दो गेट खोले गए . Body:राजधानी से करीब 30 किलोमीटर दूर बने इस कोलार डैम पर पर्यटकों की भी अच्छी खासी भीड़ देखी गई . राजधानी के लोग इस मौके को छोड़ना नहीं चाहते थे, क्योंकि कोलार डैम कई वर्षों के बाद खोला जा रहा था . इससे पहले वर्ष 2016 में कोलार डैम के गेट खोले गए थे . इस बार भी हुई बारिश ने टीम को अपने वाटर लेवल तक पहुंचा दिया है जिसे देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने देर शाम डैम के गेट खोले हैं . कोलार डैम का पानी लेवल 461 .88 मीटर तक पहुंच चुका था . इसे देखते हुए तो गेट खोलने का निर्णय लिया गया .
बता दें कि कोलार डैम को 32 वर्षों में चौथी बार खोला गया है और यह चौथी बार ऐसा मौका राजधानी के लोगों को मिला है जब कोलार डैम पूरी तरह से भर गया है . कोलार डैम से 61 एमसीएम पानी शहर को दिया जाता है . सीहोर जिले में सिंचाई के लिए भी इसी पानी का उपयोग किया जाता है . कोलार की 265 एमसीएम कुल पानी भराव की क्षमता है . मतलब राजधानी को कोलार से अब 3 साल तक पानी सप्लाई में समस्या नहीं आएगी . जिस तरह से लगातार बारिश हो रही थी उससे अधिकारियों ने पहले ही इस बात का अंदाजा लगा लिया था कि सोमवार तक कोलार डैम अपने फुल लेवल पर पहुंच जाएगा . जिसे देखते हुए गेट खोलने की तैयारी सोमवार दिन से ही शुरू हो गई थी . कोलार की जल विस्तार क्षमता अधिक होने के कारण एफटीएल की स्थिति बारिश के 3 माह बाद बनी है . Conclusion:गेट खोलने से पहले जल संसाधन विभाग ने जिला प्रशासन व नगर निगम को इसकी सूचना दे दी गई थी , ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में हालात को काबू किया जा सके , साथ ही किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना ना घटे . कोलार बांध का एफटीएल 262 . 20 मीटर है . अभी तक कोलार डैम सात बार खोला गया है . सबसे पहले वर्ष 1994 में ,फिर 1996, 1999 , 2006 ,2013 ,2016 और अब वर्ष 2019 में कोलार डैम के दो गेट खोले गए हैं .
बड़े तालाब को भरने वाली कोलांस नदी 12 से 15 फीट ऊंचाई पर बह रही है . जिससे तेजी से बड़े तालाब में पानी पहुंच रहा है . नतीजा लगातार तालाब अपने फुल टैंक लेवल 1666 . 80 फीट पर बना हुआ था . जैसी जिसकी वजह से भदभदा के चार गेट सुबह 11:00 बजे खोल दिए गए थे . इसमें से दो गेट रविवार और सोमवार की दरमियानी रात को ले गए थे . अधिकारियों ने बताया है कि भदभदा के गेट करीब 33 घंटे से लगातार खुले हुए हैं . क्योंकि बड़े तालाब में लगातार पानी में इजाफा होता जा रहा है .
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