भोपाल: मध्य प्रदेश में अब मकान और दुकान किराए पर देने में विवाद की स्थिति खत्म होने जा रही है. प्रदेश सरकार अब 14 साल पुराने किरायदारी एक्ट को बदलकर नया कानून लाने जा रही है. मध्यप्रदेश नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसे विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. यह नया कानून अब सिर्फ शहरों तक नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में लागू होगा. किरायदार अब किराए की संपत्ति पर जबरन कब्जा नहीं कर सकेगा, ऐसी स्थिति में सक्षम प्राधिकारी द्वारा बेदखली कराई जाएगी.
नए एक्ट में यह किए जा रहे प्रावधान
भोपाल के कोलार इलाके में रहने वाले दिनेश जैन ने 7 साल पहले किराए से मकान दिया. 3 साल तक तो ठीक चला, लेकिन बाद में किरायदार ने किराया देना बंद कर दिया और मकान भी खाली करने से इंकार कर दिया. पुलिस द्वारा इसे सिविल मामला बताते हुए दखल से इंकार करने के बाद मामला कोर्ट में पहुंचा. करीबन 4 साल बाद कोर्ट के आदेश पर अब मकान खाली हो सका. किरायदारी को लेकर इस तरह की समस्याएं अब खत्म होने जा रही हैं. प्रदेश सरकार किरायदारी एक्ट को और प्रभावी बनाने जा रही है. इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है.
- किरायदारी एक्ट के तहत एग्रीमेंट कराया जाएगा. एग्रीमेंट के बाद भी यदि किरायदारी मकान खाली नहीं करता तो उसे शुरूआत के दो महीने में दोगुना और तीसरे महीने से चार गुना तक किराया जुर्माने के रूप में भरना होगा.
- एग्रीमेंट के हिसाब से ही हर साल किराए में बढ़ोत्तरी होगी. निर्धारित किराय से ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं की जा सकेगी
- पुराना किरायदारी एक्ट पहले सिर्फ शहरी इलाकों तक ही सीमित था, लेकिन अब यह पूरे प्रदेश में लागू होगा. यानी ग्रामीण इलाकों में खेती की जमीन किराए पर देना आसान होगा.
- नए एक्ट में अब किराया ट्रिब्यूनल और रेंट कोर्ट बनाया जाएगा. इसमें किराए को लेकर होने वाले किसी भी विवाद में ट्रिब्यूनल सुनवाई करेगा. इससे सुनवाई जल्द हो सकेगी.
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- नए कानून में किरायदार और मालिक के लिए नियमों को समान किया जाएगा. इसमें किराया, प्रॉपर्टी के मेंटेनेंस और सिक्योरिटी डिपोजिट के मामले में नियम समान रूप से लागू होंगे. मालिक अब प्रॉपर्टी की मरम्मत से इंकार नहीं कर सकेगा. ऐसा करने पर किरायदार अपने स्तर पर मरम्मत कराकर किराए से उसकी राशि काट सकेगा.