क्या आपने कभी सैलिसिलिक एसिड के बारे में सुना है. शायद सुना होगा क्योंकि, आजकल टीवी पर विज्ञापनों में, स्किन केयर प्रोडक्ट पर दी गई इनफॉर्मेशनों और कई आर्टिकल्स में स्किन की देखभाल में सैलिसिलिक एसिड के फायदों को लेकर कई बातें कही जाती हैं. चूंकि इसके नाम में एसिड आता है ऐसे में कई लोगों के मन में इसे लेकर कई तरह के सवाल आते हैं. लोगों में यह जानने कि जिज्ञासा होती है कि आखिर क्या है यह सैलिसिलिक एसिड, क्या यह सच में स्किन को खूबसूरत और जवां बनाए रखने में मदद करता है? ऐसे में इस खबर में सैलिसिलिक एसिड के बारे में विस्तार से जानिए. वहीं इसे लेकर विशेषज्ञों की क्या राय है ये भी जानें...
स्किन केयर में मददगार हो सकता है सैलिसिलिक एसिड
यूं तो खूबसूरती बनाए रखने के लिए हमेशा से ही महिलाएं और पुरुष कई तरह के स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते आए हैं, लेकिन पहले के समय में ज्यादातर लोग उन प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाले वाले एलिमेंट्स पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे. लेकिन आज की पीढ़ी ज्यादा जागरूक और जिज्ञासु है. वे क्या खा रहे हैं क्या लगा रहे हैं उनमें क्या क्या सामग्री और उत्पाद इस्तेमाल किए जा रहे, क्यों किए जा रहे, उन्हें सब के बारे में जानकारी चाहिए होती है.
इसलिए आजकल विज्ञापनों में भी प्रोडक्ट्स से जुड़ी जानकारी दिखाने का ट्रेंड बढ़ रहा है. सिर्फ सौन्दर्य या स्किन केयर प्रोडक्ट्स की बात करें तो आजकल कई विज्ञापनों में सैलिसिलिक एसिड का नाम काफी सामने आता है. विज्ञापनों की मानें तो त्वचा की देखभाल में इसका उपयोग काफी कारगर है. लेकिन क्या ऐसा सच में हैं और यदि हां तो कैसे ?
क्या है सैलिसिलिक एसिड और उसके फायदे
कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ. नीता बत्रा बताती हैं कि सैलिसिलिक एसिड एक प्रकार का बीटा हाइड्रोक्सी एसिड (BHA) है, जो त्वचा में गहराई तक जाकर उसकी सफाई करता है और अतिरिक्त तेल को निकालने में मददगार होता है. यह एसिड स्किन को एक्सफोलिएट करता है, जिससे डेड सेल्स हट जाती हैं और स्किन की गहराई से सफाई होती है जिससे स्किन साफ, चमकदार और हेल्दी दिखने लगती है. वहीं इसके रेगुलर इस्तेमाल से त्वचा के रोम छिद्र साफ रहते हैं और उनमें गंदगी या तेल जमा नहीं होता, जिससे मुंहासों और ब्लैकहेड्स जैसी समस्याएं भी कम हो जाती हैं. और चूंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं इसलिए इसके इस्तेमाल से त्वचा में सूजन और लालिमा कम होती है और दाग-धब्बे हल्के होते हैं.
जरूरी है सावधानी से उपयोग
डॉ. नीता बत्रा बताती हैं कि बहुत जरूरी है कि इसका इस्तेमाल अपनी त्वचा की प्रकृति के अनुसार सही तरीके से, सही मात्रा में और जरूरी सावधानियों के साथ ही किया जाए. अगर किसी व्यक्ति को किसी प्रकार की स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम है, किसी प्रकार की एलर्जी है या जिनकी त्वचा बहुत संवेदनशील है उन्हे किसी भी माध्यम में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से जांच और परामर्श जरूर करना चाहिए. क्योंकि ऐसे में या इसके ज्यादा मात्रा में उपयोग से त्वचा पर जलन,खुजली या कुछ अन्य प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं.
कैसे करें इस्तेमाल
गौरतलब है कि सैलिसिलिक एसिड युक्त कई तरह के प्रोडक्ट्स बाजार में मौजूद हैं जैसे सीरम,जेल, क्रीम, लोशन, क्लींजर आदि. लेकिन बहुत जरूरी है की इन प्रोडक्ट्स के सही तरह से इस्तेमाल की जानकारी लेने के बाद ही उनका स्किन पर इस्तेमाल किया जाए. जैसे कि...
- क्लींजर और फेस वॉश: सैलिसिलिक एसिड युक्त क्लींजर और फेस वॉश का इस्तेमाल करना एक आसान तरीका है. इसे दिन में दो बार चेहरे पर लगाएं और गुनगुने पानी से धो लें. यह आपकी त्वचा की सफाई करके अतिरिक्त तेल को हटाने में मददगार होगा.
- सीरम और क्रीम: अगर सैलिसिलिक एसिड युक्त सीरम और क्रीम का इस्तेमाल किया जा रहा है तो इसे साफ त्वचा पर हल्के से मालिश करके लगाएं और कुछ समय तक छोड़ दें. कटी हुई या क्षतिग्रस्त और चोटिल त्वचा पर इसका इस्तेमाल ना करें.
- मास्क: सैलिसिलिक एसिड फेस मास्क सप्ताह में एक या दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं. मास्क को चेहरे पर लगाकर 10-15 मिनट तक छोड़ दें और फिर गुनगुने पानी से धो लें.
- स्पॉट ट्रीटमेंट: अगर आप केवल मुंहासों या किसी खास जगह पर इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो स्पॉट ट्रीटमेंट का सहारा ले सकते हैं. इसे सीधे प्रभावित जगह पर लगाए और कुछ समय बाद धो लें.
सावधानियां
डॉक्टर बताती हैं कि सैलिसिलिक एसिड का उपयोग करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं. जैसे कि...
- काफी ज्यादा इस्तेमाल से बचें: सैलिसिलिक एसिड का बार-बार उपयोग करने से स्किन में जलन हो सकती है. इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही प्रयोग में लाएं.
- सूरज की रोशनी से बचें: सैलिसिलिक एसिड लगाने के बाद सीधे सूरज की रोशनी में जाने से बचें. बाहर जाने से पहले सनस्क्रीन का उपयोग करें.
- संवेदनशील त्वचा पर ध्यान दें: यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो इसका उपयोग करने से पहले पैच टेस्ट करें और धीरे-धीरे इसका प्रयोग बढ़ाएं.
(डिस्कलेमर: यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप विशेषज्ञ की सलाह ले लें.)