भोपाल। मध्यप्रदेश में 2018 के चुनाव परिणाम दलितों की नाराजगी से बीजेपी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा था, लिहाजा वह गलती ना हो उसके लिए सत्ता और सरकार ने बाबा साहब अंबेडकर की जयंती पर ऐसे कोई भी मौका दलितों को खुश करने का नहीं छोड़ा. प्रदेश की 16 फीसदी दलित आबादी के लिए अंबेडकर उनके लिए भगवान हैं. लिहाजा बीजेपी सरकार और संगठन भी दलितों के भगवान बाबा साहेब अंबेडकर को मनाने में जुट गए. अंबेडकर जयंती पर सुबह से ही सरकार और संगठन के कार्यक्रम शुरू हुए. जगह-जगह मूर्तियों पर माल्यार्पण किया गया चौराहों पर बड़े-बड़े होर्डिंग पोस्टर लगाए गए. जिसमें बीजेपी ने खुद को दलित हितैषी बताया.
वीडी शर्मा ने किया नमन: महू में अंबेडकर जन्मस्थली पर सरकार ने बड़ा आयोजन किया. वहीं बीजेपी ने 64 हजार बूथों पर अंबेडकर के नाम और काम के गुणगान गाए. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा की भारत के संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर की जयंती है. जयंती के अवसर पर मैं सभी प्रदेशवासियों को बधाई देता हूं. बीजेीप आज मध्यप्रदेश के 64100 बूथों पर पुष्पांजलि के कार्यक्रम आयोजित करेगी. वीडी शर्मा ने कहा कि बाबा साहब के विचारों ने इस भारत को एक सामाजिक समरसता के साथ संपूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधने का काम किया है. आज हम सभी कार्यकर्ता संकल्प लेते हैं कि बाबा साहब अंबेडकर के विचारों को अपने जीवन में अपने व्यवहार में लाते हुए संपूर्ण भारत के अंदर इन विचारों को लाने का प्रयास हम सब मिलकर करेंगे.
16 अप्रैल को करेंगे अंबेडकर महाकुंभ: वीडी शर्मा ने कहा कि सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता 16 अप्रैल को बाबा साहब अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन सीएम शिवराज के नेतृत्व में ग्वालियर में आयोजित कर रही है. इसके लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद देता हूं. बाबा साहब अंबेडकर के महाकुंभ को हम सफलतापूर्वक ऐतिहासिक बनाएंगे. यही संकल्प लेकर हम बाबा साहब को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. संविधान निर्माता भीम राव अंबेडकर जयंती पर सरकार ने सरकारी छुट्टी भी घोषित कर दी. इसके साथ ही अंबेडकर पंच तीर्थ को तीर्थदर्शन योजना में भी शामिल कर लिया है. इस कवायद से पार्टी को लगता है कि अब दलितों के वोट बैंक को कोई उनसे नहीं छीन पाएगा.
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दिग्विजय कमलनाथ ने भी बाबा साहब को पूजा: जहां बीजेपी की सत्ता और सरकार में अंबेडकर को गले लगाया, तो वहीं कांग्रेस ने भी प्रदेश में अंबेडकर को पूजा, कमलनाथ ने महू पहुंचकर उनकी जन्मस्थली पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए. कांग्रेस के अलग-अलग नेताओं को अलग-अलग जगह अंबेडकर जयंती मनाने के निर्देश दिए गए थे.