भोपाल। प्रदेश में 1 जून से लागू किए गए अनलॉक 1 के बाद कई जिले ऐसे हैं जहां लगातार संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. इसके अलावा भोपाल, इंदौर और उज्जैन जैसे बड़े शहरों में संक्रमण का असर लगातार बढ़ता जा रहा है, संक्रमण के असर को कम करने के लिए प्रदेश सरकार और प्रशासन लगातार काम भी कर रहे हैं. इसके बावजूद भी पॉजिटिव मरीजों का सामने आना शासन-प्रशासन की चिंताएं बढ़ा रहा है. ऐसे में प्रदेश में संक्रमण को रोकने के लिए अब बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा, जिसकी शुरुआत राजधानी भोपाल से की जाएगी.
वृहद अभियान चलाया जाएगा
प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग का जिलेवार वृहद अभियान चलाया जाएगा, जिसके अंतर्गत हर एक जिले में सघन सर्वे कर एक-एक कोरोना मरीज की पहचान की जाएगी. प्रदेश में कोरोना के संक्रमण की गति निरंतर धीमी हो रही है. अब हमें इसे पूरी तरह समाप्त करना है. इस अभियान की शुरुआत राजधानी भोपाल से ही की जाएगी.
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मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में कोरोना की डबलिंग रेट 50 दिन हो गई है, जबकि देश की 19.6 दिन है. वहीं प्रदेश की कोरोना ग्रोथ रेट 1.40 है जबकि देश की 3.58 है. मध्य प्रदेश कोरोना संक्रमण में अब भारत में 13वें स्थान पर आ गया है, इससे पहले मध्य प्रदेश आठवें स्थान पर चल रहा था, लेकिन अब स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है.
रिकवरी रेट हुई 76.3 प्रतिशत
मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मध्य प्रदेश की कोरोना रिकवरी रेट 76.3 प्रतिशत हो गई है, जबकि देश की 55.8 प्रतिशत है. प्रदेश में कोरोना के 175 नए मरीज मिले हैं, जबकि 200 मरीज स्वस्थ होकर घर गए हैं, प्रदेश में वर्तमान में कोरोना के एक्टिव प्रकरणों की संख्या 2 हजार 342 रह गई है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि कोरोना मॉनिटरिंग के लिए बनाए गए वरिष्ठ प्रभारी अधिकारी लगातार अपने जिलों का दौरा करें और उस क्षेत्र की व्यवस्थाओं को देखें.
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उन्होंने कहा कि प्रदेश में शुरू किए जा रहे इस अभियान के तहत प्रदेश सरकार की कोशिश है कि प्रदेश के एक-एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की पहचान हो सके और उसका उपचार तत्काल शुरू किया जा सके. इस अभियान में लोगों के सहयोग की भी आवश्यकता रहेगी, क्योंकि जब लोग सहयोग करेंगे तो हम निश्चित रूप से प्रदेश में कोरोना को पूरी तरह से समाप्त करने में कामयाब हो सकेंगे. इसी दृष्टिकोण से इस अभियान को भोपाल से शुरू किया जाएगा और यह अभियान पूरे प्रदेश में जारी रहेगा. हालांकि प्रदेश के तीन प्रमुख के शहरों को इस अभियान के लिए जरूर चिन्हित किया गया है जिसमें भोपाल, इंदौर और उज्जैन जिले शामिल हैं.