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Diwali 2022: सात चक्रों में विभक्त है महालक्ष्मी का अनूठा मंदिर, भोपाल के करुणाधाम आश्रम में 1100 दीपों से होगी लक्ष्मी पूजा - 1100 दीपों से मनाई जाएगी भोपाल में लक्ष्मी पूजा

भोपाल में स्थित महालक्ष्मी मंदिर में भक्त धन संपदा के साथ ही संतुष्टि और संस्कार की प्राप्ति करने आते हैं. ये देश में अपनी तरह का इकलौता मंदिर जो श्री यंत्र पर आधारित है. षटकोण में बनें इस मंदिर को सात चक्रों में विभक्त किया गया है. दीपावली के दिन मंदिर में माता लक्ष्मी की 1100 दियों से आरती की जाती है. इस मंदिर में माता लक्ष्मी का श्रृंगार देखने लायक होता है. (mahalakshmi unique temple in bhopal) (diwali 2022)

mahalakshmi unique temple in bhopal
भोपाल में महालक्ष्मी का अनोखा मंदिर
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Published : Oct 23, 2022, 4:52 PM IST

भोपाल। इस दीपावली पर मध्य प्रदेश के अद्भुत महालक्ष्मी मंदिर का दर्शन ईटीवी भारत आपको करवा रहा है. भोपाल के करुणाधाम आश्रम में स्थित देश में अपनी तरह का इकलौता मंदिर जो श्री यंत्र पर आधारित है. षटकोण में बनें इस मंदिर को सात चक्रों में विभक्त किया गया है. अनोखा और अनूठा महालक्ष्मी का मंदिर जहां भक्त धन संपदा के साथ संतुष्टि और संस्कार की प्राप्ति करते हैं. दीपोत्सव के पांच दिनों में देश का ये इकलौता मंदिर है जहां से विश्वशांति के लिए आकाशदीप छोड़े जाते हैं. मंदिर में विराजी माता लक्ष्मी की ख्याति पूरी दुनिया में है. दीपावली के दिन भक्तों में मां लक्ष्मी के श्रृंगार और सेवा की होड़ होती है. इस बार बहरीन से मां लक्ष्मी के वस्त्र आए हैं. (diwali 2022)

1100 दीपों से मनाई जाएगी भोपाल में लक्ष्मी पूजा

1100 दीपों से महालक्ष्मी की महाआरती: भोपाल के मां करुणाधाम आश्रम स्थित महालक्ष्मी मंदिर की खासियत है कि ये मंदिर श्री यंत्र पर आधारित है और पूरे मंदिर को उन सात चक्रों में विभक्त किया गया है, जिनमें ईश्वरीय शक्ति का वास होता है. दीपावली के दिन मंदिर में माता लक्ष्मी की 1100 दियों से आरती की जाती है. इस मंदिर में माता लक्ष्मी का श्रंगार देखने लायक होता है. करुणाधाम आश्रम के पीठाधीश्वर गुरुदेव सुदेश शांडिल्य महाराज की धर्म पत्नि ममता शांडिल्य अपने हाथों से मां लक्ष्मी का श्रृंगार करती हैं. खुद अपने हाथों से मां का लहंगा तैयार करती हैं. इस बार माता लक्ष्मी के लंहगे के लिए बहरीन के भक्त ने कपड़ा भेजा है. (mahalakshmi unique temple in bhopal)

Ratlam Mahalaxmi Temple: महालक्ष्मी के आंगन में सजा कुबेर का खजाना, हीरे-जेवरात और नोटों से सजाया गया मां का दरबार

अन्नकूट पर लगेगा 1008 व्यंजनों का भोग: पांचवें दिन दीपोत्सव मंदिर का सबसे बड़ा उत्सव होता है. अन्नकूट के अवसर पर मंदिर में 1008 व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. मां लक्ष्मी का इकलौता मंदिर है जहां विश्वशांति की कामना के साथ आकाशदीप छोड़े जाते हैं. मंदिर में हर दीपावली किसी एक खास थीम पर पूरे मंदिर की लाइटिंग और माता जी का सिंगार होता है. (bhopal lakshmi puja done with 1100 lamps)

सेवा संस्कार से घर में महालक्ष्मी का वास: ईटीवी भारत से खास बातचीत में करुणाधाम आश्रम के पीठाधीश्वर गुरुदेव सुदेश शांडिल्य महाराज ने बताया कि, घर में महालक्ष्मी का वास बना रहे इसके लिए जरुरी है कि परिवार में माता पिता की सेवा और स्त्री का सम्मान हो. जिस घर में शांति होती है वहीं महालक्ष्मी वास करती हैं. महाराज के मुताबिक धनवान होने में और घर में माता लक्ष्मी का वास होने में फर्क है. जहां लक्ष्मी का वास होता है वहां संपदा के साथ संतुष्टि भी आती है. (1100 lamps in karunadham ashram bhopal)

भोपाल। इस दीपावली पर मध्य प्रदेश के अद्भुत महालक्ष्मी मंदिर का दर्शन ईटीवी भारत आपको करवा रहा है. भोपाल के करुणाधाम आश्रम में स्थित देश में अपनी तरह का इकलौता मंदिर जो श्री यंत्र पर आधारित है. षटकोण में बनें इस मंदिर को सात चक्रों में विभक्त किया गया है. अनोखा और अनूठा महालक्ष्मी का मंदिर जहां भक्त धन संपदा के साथ संतुष्टि और संस्कार की प्राप्ति करते हैं. दीपोत्सव के पांच दिनों में देश का ये इकलौता मंदिर है जहां से विश्वशांति के लिए आकाशदीप छोड़े जाते हैं. मंदिर में विराजी माता लक्ष्मी की ख्याति पूरी दुनिया में है. दीपावली के दिन भक्तों में मां लक्ष्मी के श्रृंगार और सेवा की होड़ होती है. इस बार बहरीन से मां लक्ष्मी के वस्त्र आए हैं. (diwali 2022)

1100 दीपों से मनाई जाएगी भोपाल में लक्ष्मी पूजा

1100 दीपों से महालक्ष्मी की महाआरती: भोपाल के मां करुणाधाम आश्रम स्थित महालक्ष्मी मंदिर की खासियत है कि ये मंदिर श्री यंत्र पर आधारित है और पूरे मंदिर को उन सात चक्रों में विभक्त किया गया है, जिनमें ईश्वरीय शक्ति का वास होता है. दीपावली के दिन मंदिर में माता लक्ष्मी की 1100 दियों से आरती की जाती है. इस मंदिर में माता लक्ष्मी का श्रंगार देखने लायक होता है. करुणाधाम आश्रम के पीठाधीश्वर गुरुदेव सुदेश शांडिल्य महाराज की धर्म पत्नि ममता शांडिल्य अपने हाथों से मां लक्ष्मी का श्रृंगार करती हैं. खुद अपने हाथों से मां का लहंगा तैयार करती हैं. इस बार माता लक्ष्मी के लंहगे के लिए बहरीन के भक्त ने कपड़ा भेजा है. (mahalakshmi unique temple in bhopal)

Ratlam Mahalaxmi Temple: महालक्ष्मी के आंगन में सजा कुबेर का खजाना, हीरे-जेवरात और नोटों से सजाया गया मां का दरबार

अन्नकूट पर लगेगा 1008 व्यंजनों का भोग: पांचवें दिन दीपोत्सव मंदिर का सबसे बड़ा उत्सव होता है. अन्नकूट के अवसर पर मंदिर में 1008 व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. मां लक्ष्मी का इकलौता मंदिर है जहां विश्वशांति की कामना के साथ आकाशदीप छोड़े जाते हैं. मंदिर में हर दीपावली किसी एक खास थीम पर पूरे मंदिर की लाइटिंग और माता जी का सिंगार होता है. (bhopal lakshmi puja done with 1100 lamps)

सेवा संस्कार से घर में महालक्ष्मी का वास: ईटीवी भारत से खास बातचीत में करुणाधाम आश्रम के पीठाधीश्वर गुरुदेव सुदेश शांडिल्य महाराज ने बताया कि, घर में महालक्ष्मी का वास बना रहे इसके लिए जरुरी है कि परिवार में माता पिता की सेवा और स्त्री का सम्मान हो. जिस घर में शांति होती है वहीं महालक्ष्मी वास करती हैं. महाराज के मुताबिक धनवान होने में और घर में माता लक्ष्मी का वास होने में फर्क है. जहां लक्ष्मी का वास होता है वहां संपदा के साथ संतुष्टि भी आती है. (1100 lamps in karunadham ashram bhopal)

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