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Diwali 2022: क्यों खास है दीपावली की रात काजल, इसके धार्मिक और वैज्ञानिक कारण, जानें कैसे बनाते हैं काजल

मान्यताओं के अनुसार दीपावली की रात के दीपक से बने काजल लगाने से बुरी नजर नहीं लगती. इसलिए दीपावली की रात जलने वाले दीपक से काजल बनाया जाता है. इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी है. यदि आप नहीं जानते तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि इसे लेकर पंडित क्या कहते हैं.

kajal on diwali night
खास है दीपावली की रात काजल
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Published : Oct 18, 2022, 10:29 PM IST

Updated : Oct 19, 2022, 7:27 AM IST

भोपाल। हमारे यहां हर त्योहार पर अलग-अलग रीति-रिवाजों से मनाए जाते हैं. दीपावली(diwali 2022)पर भी कुछ ऐसे ही रीति रिवाज चलन में हैं. मान्यताओं के अनुसार दीपावली की रात के दीपक (kajal on diwali night) से बने काजल लगाने से बुरी नजर नहीं लगती. इसलिए दीपावली की रात जलने वाले दीपक से काजल बनाया जाता है. इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी है. यदि आप नहीं जानते तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि इसे लेकर पंडित क्या कहते हैं. (homemade kajal)

इस साल दीपावली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. ये दीपावली बेहद खास होने वाली है. वो इसलिए क्योंकि 24 अक्टूबर को शाम 4:44 अमावस तिथि आ रही है इसके पहले तक चौदस रहेगी. 25 को सूर्य ग्रहण लग जाएगा. इसलिए इस बार की दीपावली पूजन में मुहूर्त का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.

काजल लगाने का धार्मिक कारण: बड़े बुजुर्ग पहले के से ही ये उपाय करते आ रहे हैं. दीपावली के दिन नजर उतारने का उपाय बेहद खास माना जाता हैं. इस दिन घर के सभी सदस्यों को एक साथ बिठाकर राई, नमक और खड़ी लाल मिर्च से नजर उतारती हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन काजल लगाने से साल भर कभी नेत्र रोग नहीं होते. साथ ही काजल लगाने से परिवार को बुरी नजर नहीं लगती है.

काजल लगाने का वैज्ञानिक कारण: वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि दीपावली के दिन होने वाले प्रदूषण से हमारी आंखों को बहुत नुकसान पहुंचता है इसलिए रात में दीपक से बने हुए काजल लगाने से आंखें शुद्ध हो जाती हैं. इन सभी कारणों की वजह से दीपावली की रात में काजल लगाने का विशेष महत्व होता है.

ऐसे बनाएं काजल: दीपावली की रात जलने वाले दीए का काजल बनाने के लिए एक बड़े दीपक में घी की बाती बनाकर उसे जलाएं. फिर पर एक मिट्टी का दीपक ढक दें. ध्यान रहे इस दौरान दीपक बुझे नहीं. दीपक कुछ देर रखा रहने के बाद इस पर से दीपक हटा दें. फिर दीपक के उपर जमी कार्बन या धूल के कणों को एक सूती के कपड़े हल्का करके हटाने के बाद बचे काजल को एक डिब्बी में रख लें. इसमें घी मिला कर मिक्स कर लें और अब आपका काजल बन कर तैयार है जब चाहें इसे लगा सकते हैं. (how to make kajal on diwali)

दीपावली पूजन में सोना है वर्जित: दीपावली पर रात को लक्ष्मी जी का आगमन होता है पंडितों के अनुसार इसलिए इस दिन सोना नहीं चाहिए. इस दीपावली शाम को 4:44 से अमावस का त्यौहार आ रहा है. इसलिए इस दिन व्यापारियों के लिए रात का मुहूर्त शुभ माना गया है.

इस वर्ष दीपावली (diwali 2022) पर मुहुर्त

चतुर्दशी तिथि – 24 अक्टूबर, शाम 4:44 बजे तक

अमावस्या तिथि दीपावली – 24 अक्टूबर, शाम 4:44 से

इस दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त (घरों में)

शाम 6:53 से 8:49 तक

व्यापारियों के लिए पूजन ​का शुभ मुहूर्त
रात 1:21 से 3:25

चौघड़ियां के अनुसार दुकान में पूजा का शुभ मुहूर्त

चर लग्न-शाम 6 से 7:30

लाभ योग-रात 10:30 से 12

भोपाल। हमारे यहां हर त्योहार पर अलग-अलग रीति-रिवाजों से मनाए जाते हैं. दीपावली(diwali 2022)पर भी कुछ ऐसे ही रीति रिवाज चलन में हैं. मान्यताओं के अनुसार दीपावली की रात के दीपक (kajal on diwali night) से बने काजल लगाने से बुरी नजर नहीं लगती. इसलिए दीपावली की रात जलने वाले दीपक से काजल बनाया जाता है. इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी है. यदि आप नहीं जानते तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि इसे लेकर पंडित क्या कहते हैं. (homemade kajal)

इस साल दीपावली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. ये दीपावली बेहद खास होने वाली है. वो इसलिए क्योंकि 24 अक्टूबर को शाम 4:44 अमावस तिथि आ रही है इसके पहले तक चौदस रहेगी. 25 को सूर्य ग्रहण लग जाएगा. इसलिए इस बार की दीपावली पूजन में मुहूर्त का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.

काजल लगाने का धार्मिक कारण: बड़े बुजुर्ग पहले के से ही ये उपाय करते आ रहे हैं. दीपावली के दिन नजर उतारने का उपाय बेहद खास माना जाता हैं. इस दिन घर के सभी सदस्यों को एक साथ बिठाकर राई, नमक और खड़ी लाल मिर्च से नजर उतारती हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन काजल लगाने से साल भर कभी नेत्र रोग नहीं होते. साथ ही काजल लगाने से परिवार को बुरी नजर नहीं लगती है.

काजल लगाने का वैज्ञानिक कारण: वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि दीपावली के दिन होने वाले प्रदूषण से हमारी आंखों को बहुत नुकसान पहुंचता है इसलिए रात में दीपक से बने हुए काजल लगाने से आंखें शुद्ध हो जाती हैं. इन सभी कारणों की वजह से दीपावली की रात में काजल लगाने का विशेष महत्व होता है.

ऐसे बनाएं काजल: दीपावली की रात जलने वाले दीए का काजल बनाने के लिए एक बड़े दीपक में घी की बाती बनाकर उसे जलाएं. फिर पर एक मिट्टी का दीपक ढक दें. ध्यान रहे इस दौरान दीपक बुझे नहीं. दीपक कुछ देर रखा रहने के बाद इस पर से दीपक हटा दें. फिर दीपक के उपर जमी कार्बन या धूल के कणों को एक सूती के कपड़े हल्का करके हटाने के बाद बचे काजल को एक डिब्बी में रख लें. इसमें घी मिला कर मिक्स कर लें और अब आपका काजल बन कर तैयार है जब चाहें इसे लगा सकते हैं. (how to make kajal on diwali)

दीपावली पूजन में सोना है वर्जित: दीपावली पर रात को लक्ष्मी जी का आगमन होता है पंडितों के अनुसार इसलिए इस दिन सोना नहीं चाहिए. इस दीपावली शाम को 4:44 से अमावस का त्यौहार आ रहा है. इसलिए इस दिन व्यापारियों के लिए रात का मुहूर्त शुभ माना गया है.

इस वर्ष दीपावली (diwali 2022) पर मुहुर्त

चतुर्दशी तिथि – 24 अक्टूबर, शाम 4:44 बजे तक

अमावस्या तिथि दीपावली – 24 अक्टूबर, शाम 4:44 से

इस दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त (घरों में)

शाम 6:53 से 8:49 तक

व्यापारियों के लिए पूजन ​का शुभ मुहूर्त
रात 1:21 से 3:25

चौघड़ियां के अनुसार दुकान में पूजा का शुभ मुहूर्त

चर लग्न-शाम 6 से 7:30

लाभ योग-रात 10:30 से 12

Last Updated : Oct 19, 2022, 7:27 AM IST
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