ETV Bharat / state

MP में टिकट बंटवारे पर बढ़ी तकरार कहां तक जाएगी...सपा अब किसका संकट बढ़ाएगी - एमपी में सपा और कांग्रेस में तकरार

Dispute Between Congress And SP: एमपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच चल रही तल्खी को लेकर कांग्रेस के वोट बैंक को लेकर चिंता बढ़ गई है. इस मुद्दे पर सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बयान दिया है.

MP Election 2023
कमलनाथ और अखिलेश
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 27, 2023, 9:41 PM IST

Updated : Oct 27, 2023, 10:52 PM IST

क्या बोले सपा प्रवक्ता

भोपाल। एमपी के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का टूटा गठबंधन का असर लोकसभा चुनाव तक किस शक्ल में जाएगा...उससे बड़ा सवाल फिलहाल ये है कि विधानसभा चुनाव में ये कांग्रेस के वोट बैंक पर क्या असर दिखाएगा...कहा यही जा रहा है कि 45 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार चुकी सपा की सीधी लड़ाई भले बीजेपी से हो, लेकिन मुश्किलें तो कांग्रेस की भी बढ़ेगी. सीटों के बंटवारे को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस अध्यक्ष पीसीसी चीफ कमलनाथ के बीच की तल्खी कहां तक जाएगी. फिलहाल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता यश भारतीय का बयान काबिल ए गौर है. कांग्रेस बड़ा दल है तो बड़ा दिल दिखाना भी चाहिए था.

एमपी में 6 से 45 पर समाजवादी..गणित क्या है: समाजवादी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कांग्रेस से 6 ऐसी सीटें मांगी थी. जिन पर पार्टी विनिंग रही है, या दूसरे नंबर पर. बताया जाता है कि खेल यहीं से बिगड़ा और कांग्रेस ने वो 6 सीटें सपा को नहीं दी. अब जब गठबंधन का सूरत-ए-हाल नहीं बना तो समाजवादी पार्टी ने 6 से बढ़ाकर 45 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. इनमें जहां से समाजवादी पार्टी को जीत की उम्मीद है. उनमें चंबल के अलावा विंध्य का इलाका खास है. सवाल ये है कि जब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ रही है. तो बीजेपी को टारगेट करते एक लक्ष्य पर अलग अलग रास्ते से बढ़ रही पार्टियां क्या अपने टारगेट को हासिल कर पाएंगी. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता यश भारतीय कहते हैं "समाजवादी पार्टी का लक्ष्य एक ही है बीजेपी को हराना. उसी टारगेट के साथ पार्टी ने उन 45 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. जहां से हम मजबूती स्थिति में है. इनमें से कई सीटें तो ऐसी हैं कि पिछले चुनाव में इन सीटों पर सपा पहले या दूसरे नंबर पर रही थी.

क्या बिखरे तार जोड़ पाएंगे कमलनाथ: एक समय कौन अखिलेश वखिलेश का बयान देकर टूटते गठबंधन के तार खींच चुके कमलनाथ अब कह रहे हैं कि हमने तो गठबंधन को लेकर चर्चा की थी. सीटों पर बात भी हुई थी. कमलनाथ संभालने की चाहे जितनी कोशिश करें कि लेकिन ये तय है कि एमपी के विधानसभा चुनाव में ये गठबंधन खत्म हो चुका है. सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता यश भारतीय कहते हैं कांग्रेस बड़ा दल है, इस हिसाब से उन्हें बड़ा दिल दिखाना चाहिए था. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. कांग्रेस की जो सरकार गई, पार्टी छोड़ने वाले भी कांग्रेसी विधायक ही थे. अब एमपी में गठबंधन का चैप्टर क्लोज हो चुका है. अब जो गठबंधन है, आम चुनाव के लिए है.

कमलनाथ का बयान

यहां पढ़ें...

कैसे बढ़ा सपा कांग्रेस में विवाद: असल में 6 सीटों से चर्चा शुरु हुई थी. दोनों पार्टियों के बीच ये आम राय बनी कि कांग्रेस 6 सीटें समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ेगी. इसे लेकर अखिलेश यादव और कमलनाथ में कई दौर की चर्चा भी हुई और अखिलेश यादव ने वादे के मुताबिक सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ नाम की सूची कांग्रेस को सौंप दी, लेकिन जब कांग्रेस की सूची जारी हुई तो उसमें सपा के उम्मीदवारों का कोई नाम नहीं था. अखिलेश यादव की ओर से भी तल्खी उस समय बढ़ी, जब कमलनाथ ने इस गंठबंधन के बारे में सवाल पूछे जाने पर अखिलेश यादव का संबोधन अखिलेश-वखिलेश किया. यहां तक कह दिया कि उनकी सोच पर मैं क्या कर सकता हूं वे पढ़े लिखे हैं. बयानों से ही दरार बढ़ी और बात गठबंधन टूटने पर आ गई.

क्या बोले सपा प्रवक्ता

भोपाल। एमपी के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का टूटा गठबंधन का असर लोकसभा चुनाव तक किस शक्ल में जाएगा...उससे बड़ा सवाल फिलहाल ये है कि विधानसभा चुनाव में ये कांग्रेस के वोट बैंक पर क्या असर दिखाएगा...कहा यही जा रहा है कि 45 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार चुकी सपा की सीधी लड़ाई भले बीजेपी से हो, लेकिन मुश्किलें तो कांग्रेस की भी बढ़ेगी. सीटों के बंटवारे को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस अध्यक्ष पीसीसी चीफ कमलनाथ के बीच की तल्खी कहां तक जाएगी. फिलहाल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता यश भारतीय का बयान काबिल ए गौर है. कांग्रेस बड़ा दल है तो बड़ा दिल दिखाना भी चाहिए था.

एमपी में 6 से 45 पर समाजवादी..गणित क्या है: समाजवादी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कांग्रेस से 6 ऐसी सीटें मांगी थी. जिन पर पार्टी विनिंग रही है, या दूसरे नंबर पर. बताया जाता है कि खेल यहीं से बिगड़ा और कांग्रेस ने वो 6 सीटें सपा को नहीं दी. अब जब गठबंधन का सूरत-ए-हाल नहीं बना तो समाजवादी पार्टी ने 6 से बढ़ाकर 45 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. इनमें जहां से समाजवादी पार्टी को जीत की उम्मीद है. उनमें चंबल के अलावा विंध्य का इलाका खास है. सवाल ये है कि जब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ रही है. तो बीजेपी को टारगेट करते एक लक्ष्य पर अलग अलग रास्ते से बढ़ रही पार्टियां क्या अपने टारगेट को हासिल कर पाएंगी. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता यश भारतीय कहते हैं "समाजवादी पार्टी का लक्ष्य एक ही है बीजेपी को हराना. उसी टारगेट के साथ पार्टी ने उन 45 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. जहां से हम मजबूती स्थिति में है. इनमें से कई सीटें तो ऐसी हैं कि पिछले चुनाव में इन सीटों पर सपा पहले या दूसरे नंबर पर रही थी.

क्या बिखरे तार जोड़ पाएंगे कमलनाथ: एक समय कौन अखिलेश वखिलेश का बयान देकर टूटते गठबंधन के तार खींच चुके कमलनाथ अब कह रहे हैं कि हमने तो गठबंधन को लेकर चर्चा की थी. सीटों पर बात भी हुई थी. कमलनाथ संभालने की चाहे जितनी कोशिश करें कि लेकिन ये तय है कि एमपी के विधानसभा चुनाव में ये गठबंधन खत्म हो चुका है. सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता यश भारतीय कहते हैं कांग्रेस बड़ा दल है, इस हिसाब से उन्हें बड़ा दिल दिखाना चाहिए था. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. कांग्रेस की जो सरकार गई, पार्टी छोड़ने वाले भी कांग्रेसी विधायक ही थे. अब एमपी में गठबंधन का चैप्टर क्लोज हो चुका है. अब जो गठबंधन है, आम चुनाव के लिए है.

कमलनाथ का बयान

यहां पढ़ें...

कैसे बढ़ा सपा कांग्रेस में विवाद: असल में 6 सीटों से चर्चा शुरु हुई थी. दोनों पार्टियों के बीच ये आम राय बनी कि कांग्रेस 6 सीटें समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ेगी. इसे लेकर अखिलेश यादव और कमलनाथ में कई दौर की चर्चा भी हुई और अखिलेश यादव ने वादे के मुताबिक सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ नाम की सूची कांग्रेस को सौंप दी, लेकिन जब कांग्रेस की सूची जारी हुई तो उसमें सपा के उम्मीदवारों का कोई नाम नहीं था. अखिलेश यादव की ओर से भी तल्खी उस समय बढ़ी, जब कमलनाथ ने इस गंठबंधन के बारे में सवाल पूछे जाने पर अखिलेश यादव का संबोधन अखिलेश-वखिलेश किया. यहां तक कह दिया कि उनकी सोच पर मैं क्या कर सकता हूं वे पढ़े लिखे हैं. बयानों से ही दरार बढ़ी और बात गठबंधन टूटने पर आ गई.

Last Updated : Oct 27, 2023, 10:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.