भोपाल। मध्य प्रदेश मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने वाला देश का पहला राज्य बना है, इन किताबों के शुभारंभ के लिए खुद गृहमंत्री अमित शाह भोपाल आए थे और भोपाल की लाल परेड मैदान पर मध्यप्रदेश की खूब तारीफ की थी, लेकिन हिंदी भाषा की किताबों की प्रिंटिंग और उसके वितरण की देरी की बातें भी सामने आने लगी थी और इसका कारण डायरेक्टर आफ मेडिकल एजुकेशन यानी डीएमई डॉ जितेन शुक्ला को माना जा रहा था. ऐसे में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और जितेन के बीच हिंदी की किताबों को लेकर आनाकानी की बात भी सामने आई थी. आखिरकार राज्य शासन ने डीएमई को हटा दिया और उनकी जगह नए डीएम की नियुक्ति कर दी गई.
इन्हें मिली जिम्मेदारी: यह पूरा घटनाक्रम तब हुआ था जब चिकित्सा शिक्षा मंत्री, मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने के प्रोजेक्ट की समीक्षा कर रहे थे. यह बात सामने आई थी कि किताबों की पेंटिंग और उसके वितरण में देरी का कारण डीएमई हैं, ऐसे में मंत्री को भी इस बारे में अवगत कराया गया. जिसके बाद शुक्ला को हटाते हुए डॉ एसके श्रीवास्तव को नई जिम्मेदारियां के दी गईं.
हटाए जा सकते हैं कई और अधिकारी: आपको बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने लाल परेड मैदान पर जिन तीन किताबों का शुभारंभ किया था, उसमें एटोनॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री की किताबें थी. दरअसल इन तीन किताबों के कुल अलग-अलग 8 वॉल्यूम है, जिसमें एटोनॉमी के तीन, फिजियोलॉजी के 3 और बायोकेमिस्ट्री के 2 वॉल्यूम शामिल हैं. इनमें से अब तक कुल 6 ही किताबें छप पाई थीं, यह पहले बैच की किताबें थी जबकि सेकंड ईयर के छात्रों का नया बैच भी प्रारंभ हो गया था और पुराने बैच की ही किताबें नहीं छप पाई थी. अब बताया जा रहा है कि कुछ और डीएमई और अधीक्षकों को हटाने की कार्रवाई भी आगे हो सकती है.