भोपाल। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा है. उन्होंने बासमती जीआई टैग को लेकर चल रही सियासत पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा है कि यदि मध्य प्रदेश के किसानों के शुभचिंतक हैं, तो 15 सालों तक बासमती चावल उत्पादक किसानों की सुध क्यों नहीं ली.
मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं, ज्वार बाजरा, कोदो कुटकी देश में सबसे अच्छे उत्पाद हैं, इनको भी जीआई टैग दिलाने का प्रयास करना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से कहा है कि प्रदेश के किसानों के हित में बासमती चावल सहित अन्य कृषि उत्पादकों को उनकी श्रेष्ठता के आधार पर जीआई टैग दिलवाए जाने के लिए आप दिल्ली चलिए और सभी सांसदों के साथ प्रधानमंत्री आवास पर धरना दीजिए.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि समाचार पत्रों से जानकारी मिली है कि प्रदेश में बासमती धान का उत्पादन करने वाले किसानों के प्रति आप एकाएक बहुत चिंतित और विचलित हो रहे हैं.
आपकी वेदना है कि प्रदेश के किसानों द्वारा पैदा की जा रही बासमती को अभी तक एपिडा संस्था से जीआई टैग नहीं मिल पा रहा है. आप प्रदेश के किसानों के इतने बड़े शुभचिंतक हैं. तो दिसंबर 2003 से लेकर विगत सवा साल छोड़कर करीब 16 साल से आपकी प्रदेश में सरकार है.
बासमती की टैगिंग को लेकर आपने बयानबाजी के सिवा कुछ नहीं किया है. यही नहीं भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का सातवां साल चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आप देश के लिए ईश्वर का वरदान कहते नहीं थकते हैं, क्या कारण है कि आप अपनी ही पार्टी के नेता नरेंद्र मोदी से मध्य प्रदेश के बासमती उत्पादक किसानों को उनका हक नहीं दिला पाए. जबकि जिस बुधनी क्षेत्र से आप विगत 30 वर्षों से जनप्रतिनिधि हैं. वहां के किसानों को भी आप साल दर साल सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं.
सीएम शिवराज से अनुरोध
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि प्रदेश के धान उत्पादक किसान आपके आंसुओं को अब घड़ियाली आंसू की संज्ञा दे रहे हैं. आप प्रदेश के 14 सालों से मुख्यमंत्री हैं और अपने आप को किसानों का हमदर्द बताने में भी नहीं थकते हैं, अभी तक प्रदेश के किसानों द्वारा उत्पादित बासमती चावल ही नहीं शरबती गेहूं, ज्वार बाजरा और कोदा कुटकी को भी जीआई टैग नहीं मिल पाया है.
आपसे अनुरोध है कि प्रदेश के किसानों के हित में बासमती चावल सहित अन्य कृषि उत्पादों को उनकी श्रेष्ठता के आधार पर जीआई टैग दिलवाए जाने के लिए आप दिल्ली चलिए और सभी सांसदों के साथ प्रधानमंत्री आवास पर धरना दीजिए. दलीय राजनीति से हटकर मैं भी आप के धरने में शामिल होने के लिए तैयार हूं. आप यदि प्रधानमंत्री के समक्ष किसानों की मांग को लेकर धरना देने को तैयार हो, तो कृपया तारीख से अवगत कराने का कष्ट करें.