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संत हिरदाराम मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने दिया धरना, की ये मांग

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Published : Feb 13, 2020, 6:48 PM IST

Updated : Feb 13, 2020, 7:01 PM IST

संत हिरदाराम मेडिकल कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी एवं योगिक साइंसेज के छात्रों ने बुधवार को योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को नेशनल कमीशन ऑफ इण्डियन सिस्टम मेडिसिन बिल 2019 में शामिल कराने की मांग को लेकर सत्याग्रह किया.

Students of Sant Hirdaram Medical College protest
संत हिरदाराम मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने दिया धरना

भोपाल। राजधानी के संत हिरदाराम नगर में कॉलेज के छात्रों ने योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को नेशनल कमीशन ऑफ इंडियन सिस्टम मेडिसिन बिल में शामिल कराने की मांग की. इसके लिए उन्होंने सत्यागृह के तहत उपवास के साथ ही मौन भी रखा. प्रदर्शन में संत हिरदाराम कॉलेज की छात्राओं के साथ ही योगिक साइंसेस भोपाल और आरोग्य केंद्र के चिकित्सकों के साथ ही शिक्षक भी शामिल हुए.

संत हिरदाराम मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने दिया धरना

प्रदर्शन में संत हिरदाराम कॉलेज की छात्राओं के साथ ही योगिक साइंसेस भोपाल और आरोग्य केंद्र के चिकित्सकों के साथ ही शिक्षक भी शामिल हुए. कॉलेज के प्राचार्य हिमांशु शर्मा ने बताया कि बिल में आयुर्वेदिक यूनानी पद्धतियों को शामिल किया गया है, लेकिन योग और प्राकृतिक चिकित्सा को शामिल नहीं किया गया, जबकि प्राकृतिक चिकित्सा आज तेजी से लोकप्रिय हो रही है.

प्राचार्य हिमांशु शर्मा ने बताया कि मोटापा, शुगर, हड्डी, रोग जैसी चिकित्सा काफी कारगर है. उन्होंने कहा कि विदेशों में भी योग और प्राकृतिक चिकित्सा लोकप्रिय है. हाथों में तख्ती पोस्टर ओर पेपर लिए कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज परिसर में ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.

भोपाल। राजधानी के संत हिरदाराम नगर में कॉलेज के छात्रों ने योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को नेशनल कमीशन ऑफ इंडियन सिस्टम मेडिसिन बिल में शामिल कराने की मांग की. इसके लिए उन्होंने सत्यागृह के तहत उपवास के साथ ही मौन भी रखा. प्रदर्शन में संत हिरदाराम कॉलेज की छात्राओं के साथ ही योगिक साइंसेस भोपाल और आरोग्य केंद्र के चिकित्सकों के साथ ही शिक्षक भी शामिल हुए.

संत हिरदाराम मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने दिया धरना

प्रदर्शन में संत हिरदाराम कॉलेज की छात्राओं के साथ ही योगिक साइंसेस भोपाल और आरोग्य केंद्र के चिकित्सकों के साथ ही शिक्षक भी शामिल हुए. कॉलेज के प्राचार्य हिमांशु शर्मा ने बताया कि बिल में आयुर्वेदिक यूनानी पद्धतियों को शामिल किया गया है, लेकिन योग और प्राकृतिक चिकित्सा को शामिल नहीं किया गया, जबकि प्राकृतिक चिकित्सा आज तेजी से लोकप्रिय हो रही है.

प्राचार्य हिमांशु शर्मा ने बताया कि मोटापा, शुगर, हड्डी, रोग जैसी चिकित्सा काफी कारगर है. उन्होंने कहा कि विदेशों में भी योग और प्राकृतिक चिकित्सा लोकप्रिय है. हाथों में तख्ती पोस्टर ओर पेपर लिए कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज परिसर में ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.

Last Updated : Feb 13, 2020, 7:01 PM IST
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